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ईशानी को 22 करोड़ के इंजेक्शन की दरकार, पीएम से मदद की गुहार - 22 करोड़ के इंजेक्शन

मेरठ (Meerut) की एक डेढ़ साल की बच्ची स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी (SMA) टाइप-2 की गंभीर बीमारी से ग्रसित है. एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के इलाज के लिए 22 करोड़ का टीका लगना है. इतना सुनते ही ईशानी के पूरे परिवार के पांव तले जमीन खिसक गई. इसके बाद परिवार पीएम मोदी (PM Modi) से मदद की गुहार लगा रहा है.

save life of meerut baby girl
ईशानी वर्मा को 22 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत
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Published : Feb 26, 2021, 2:27 PM IST

मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ में इन दिनों एक डेढ़ साल की मासूम ऐसी दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है जो देश में गिने चुने लोगों को होती है. दिल्ली एम्स ने इस बच्ची को स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी (SMA) टाइप-2 जानलेवा बीमारी की पुष्टि की है. डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के इलाज के लिए 22 करोड़ का टीका(इंजेक्शन) लगना है. 22 करोड़ रुपये इकट्टा करना परिवार के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. जिसके चलते परिजनों ने न सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए मदद मांगी है बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मदद की गुहार लगाई हैं.

जानकारी देते परिजन.

दिल्ली एम्स के चक्कर काट रहे परिजन

मासूम के माता-पिता बच्ची को लेकर दिल्ली एम्स के चक्कर काट रहे हैं. वहीं, दादा-दादी बार-बार एक ही बात दोहरा रहे हैं कि मासूम बच्ची की जिंदगी बचा लीजिए सरकार, उसकी मदद कीजिये सरकार. उनका कहना है कि भगवान ये दिन किसी को न दिखाए जो डेढ़ साल की एक मासूम को देखने पड़ रहे है.

क्या है एसएमए बीमारी

जिस हंसती खिलखिलाती बच्ची की तस्वीरें दिखाई दे रही है. असल में यह एक बहुत भयानक दर्द से जूझ रही है. दर्द ऐसा जिसे हम शब्दों में बयां भी नहीं कर सकते. लेकिन यह मासूम पल-पल इस दर्द को साथ लेकर चल रही है. डेढ़ साल की इस मासूम का नाम ईशानी है. ईशानी इन दिनों स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी नाम की दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है. यह एक जेनेटिक बीमारी है जो जीन में गड़बड़ी होने पर अगली पीढ़ी में पहुंचती है. बच्चे में यह डिसऑर्डर होने पर धीरे-धीरे उसका शरीर कमजोर पड़ने लगता है. जिससे बच्चा चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है. शरीर की मांसपेशियों पर बच्चे का कंट्रोल खत्म होने लगता है इससे शरीर के कई हिस्सों में मूवमेंट नहीं हो पाता.

ईशानी वर्मा को 22 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत

परेशानी में परिवार

ईशानी के दादा-दादी ने बताया कि जन्म के सात-आठ माह तक तो ईशानी सामान्य बच्चे की तरह ही थी, लेकिन उसके बाद उसके पैरों का हिलना डुलना धीरे-धीरे बंद होने लगा. ईशानी की उम्र अभी डेढ़ साल है. बीमारी के कारण उसके पैरों में कोई हलचल नहीं हो पा रही है. वह चाह कर भी पैरों को बिल्कुल नहीं हिला पा रही है. अभी बीमारी की शुरुआत है जिससे उसके पैरों के पंजों में हल्की सी मूवमेंट होती है. धीरे-धीरे अब इस बीमारी का असर ईशानी के हाथों में भी आने लगा है. जिससे दायां हाथ बहुत कम मूवमेंट कर पा रहा है. मासूम की इस बीमारी से पूरा परिवार परेशानी में हैं.

22 करोड़ के टीके से बच सकती है मासूम की जिंदगी

डेढ़ साल मासूम ईशानी मेरठ में ब्रह्मपुरी थाना इलाके की मास्टर कॉलोनी की रहने वाली है. उसके पिता अभिनव वर्मा दिल्ली की लॉजिस्टिक कंपनी में मात्र 25,000 रुपए की नौकरी कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. जबकि मासूम की मां नीलम घर मे रहकर उसकी देखभाल करती है. परिजनों के मुताबिक जब ईशानी 10 माह की थी तब उसके पैरों ने काम करना बंद कर दिया था. नजदीकी डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने कैल्शियम की कमी बताकर दवाइयां दे दी, लेकिन कुछ दिन बाद हाथों में भी मूवमेंट होना बंद हो गया. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में दिसंबर-2020 में ईशानी को दिखाया तो डॉक्टरों ने नसों की बीमारी बताकर बताई. 26 दिसंबर को गंगाराम हॉस्पिटल में खून की जांच कराई तो 12 जनवरी 2021 को आई जांच रिपोर्ट में स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी (SMA) टाइप-2 का पता चला है. सही बीमारी का पता चला तो डॉक्टरों ने इलाज के लिए 22 करोड़ का टीका लगाने की सलाह दी. टीके की कीमत सुनते ही तो ईशानी के पूरे परिवार के पांव तले खिसक गई. मानो उनके ऊपर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

16 करोड़ के टीके पर 6 करोड़ का टैक्स

दादा-दादी ने बताया कि टीके की वास्तविक कीमत 16 करोड़ रुपये है जबकि 6 करोड़ रुपए टैक्स बताया जा रहा है. जिससे टीके की कीमत 22 करोड़ रुपये हो गई है. डॉक्टरों के मुताबिक यह टीका दुनिया के सबसे महंगे टीकों में से एक है. बच्ची के पिता छोटी सी नौकरी करते हैं. 22 करोड़ रुपये जुटाना उनके लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. जिससे बेटी का इलाज करा सकें.

पढ़ें: तीरा को नई जिंदगी देने के लिए 10 देशों से आई मदद, जगी एक उम्मीद

सोशल मीडिया पर मांगी मदद

इस परिवार को अब आर्थिक मदद की दरकार है. जिसके चलते परिजनों ने ईशानी के इलाज के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है. बेटी के इलाज में मदद के लिए परिवार ने सोशल मीडिया पर लोगों से अपील की है. परेशान परिवार भगवान से दुआ कर रहा है. ईशानी इन दिनों जिंदगी और मौत से जूझ रही है. उसकी बीमारी की एक ही दवाई है. वह है जोलगेन्स्मा इंजेक्शन. इस इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है जबकि इसपर 6 करोड़ का टैक्स भी है यानी इसकी कीमत कुल 22 करोड़ है. ईशानी के परिवार के लिए इतना महंगा इंजेक्शन लगवाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. ऐसे में फंड जुटाने के लिए ईशानी के पिता ने सोशल मीडिया पर लोगों से मदद मांगी है तो उनके दादा-दादी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ में इन दिनों एक डेढ़ साल की मासूम ऐसी दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है जो देश में गिने चुने लोगों को होती है. दिल्ली एम्स ने इस बच्ची को स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी (SMA) टाइप-2 जानलेवा बीमारी की पुष्टि की है. डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के इलाज के लिए 22 करोड़ का टीका(इंजेक्शन) लगना है. 22 करोड़ रुपये इकट्टा करना परिवार के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. जिसके चलते परिजनों ने न सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए मदद मांगी है बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मदद की गुहार लगाई हैं.

जानकारी देते परिजन.

दिल्ली एम्स के चक्कर काट रहे परिजन

मासूम के माता-पिता बच्ची को लेकर दिल्ली एम्स के चक्कर काट रहे हैं. वहीं, दादा-दादी बार-बार एक ही बात दोहरा रहे हैं कि मासूम बच्ची की जिंदगी बचा लीजिए सरकार, उसकी मदद कीजिये सरकार. उनका कहना है कि भगवान ये दिन किसी को न दिखाए जो डेढ़ साल की एक मासूम को देखने पड़ रहे है.

क्या है एसएमए बीमारी

जिस हंसती खिलखिलाती बच्ची की तस्वीरें दिखाई दे रही है. असल में यह एक बहुत भयानक दर्द से जूझ रही है. दर्द ऐसा जिसे हम शब्दों में बयां भी नहीं कर सकते. लेकिन यह मासूम पल-पल इस दर्द को साथ लेकर चल रही है. डेढ़ साल की इस मासूम का नाम ईशानी है. ईशानी इन दिनों स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी नाम की दुर्लभ बीमारी से जूझ रही है. यह एक जेनेटिक बीमारी है जो जीन में गड़बड़ी होने पर अगली पीढ़ी में पहुंचती है. बच्चे में यह डिसऑर्डर होने पर धीरे-धीरे उसका शरीर कमजोर पड़ने लगता है. जिससे बच्चा चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है. शरीर की मांसपेशियों पर बच्चे का कंट्रोल खत्म होने लगता है इससे शरीर के कई हिस्सों में मूवमेंट नहीं हो पाता.

ईशानी वर्मा को 22 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत

परेशानी में परिवार

ईशानी के दादा-दादी ने बताया कि जन्म के सात-आठ माह तक तो ईशानी सामान्य बच्चे की तरह ही थी, लेकिन उसके बाद उसके पैरों का हिलना डुलना धीरे-धीरे बंद होने लगा. ईशानी की उम्र अभी डेढ़ साल है. बीमारी के कारण उसके पैरों में कोई हलचल नहीं हो पा रही है. वह चाह कर भी पैरों को बिल्कुल नहीं हिला पा रही है. अभी बीमारी की शुरुआत है जिससे उसके पैरों के पंजों में हल्की सी मूवमेंट होती है. धीरे-धीरे अब इस बीमारी का असर ईशानी के हाथों में भी आने लगा है. जिससे दायां हाथ बहुत कम मूवमेंट कर पा रहा है. मासूम की इस बीमारी से पूरा परिवार परेशानी में हैं.

22 करोड़ के टीके से बच सकती है मासूम की जिंदगी

डेढ़ साल मासूम ईशानी मेरठ में ब्रह्मपुरी थाना इलाके की मास्टर कॉलोनी की रहने वाली है. उसके पिता अभिनव वर्मा दिल्ली की लॉजिस्टिक कंपनी में मात्र 25,000 रुपए की नौकरी कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. जबकि मासूम की मां नीलम घर मे रहकर उसकी देखभाल करती है. परिजनों के मुताबिक जब ईशानी 10 माह की थी तब उसके पैरों ने काम करना बंद कर दिया था. नजदीकी डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने कैल्शियम की कमी बताकर दवाइयां दे दी, लेकिन कुछ दिन बाद हाथों में भी मूवमेंट होना बंद हो गया. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में दिसंबर-2020 में ईशानी को दिखाया तो डॉक्टरों ने नसों की बीमारी बताकर बताई. 26 दिसंबर को गंगाराम हॉस्पिटल में खून की जांच कराई तो 12 जनवरी 2021 को आई जांच रिपोर्ट में स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी (SMA) टाइप-2 का पता चला है. सही बीमारी का पता चला तो डॉक्टरों ने इलाज के लिए 22 करोड़ का टीका लगाने की सलाह दी. टीके की कीमत सुनते ही तो ईशानी के पूरे परिवार के पांव तले खिसक गई. मानो उनके ऊपर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

16 करोड़ के टीके पर 6 करोड़ का टैक्स

दादा-दादी ने बताया कि टीके की वास्तविक कीमत 16 करोड़ रुपये है जबकि 6 करोड़ रुपए टैक्स बताया जा रहा है. जिससे टीके की कीमत 22 करोड़ रुपये हो गई है. डॉक्टरों के मुताबिक यह टीका दुनिया के सबसे महंगे टीकों में से एक है. बच्ची के पिता छोटी सी नौकरी करते हैं. 22 करोड़ रुपये जुटाना उनके लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. जिससे बेटी का इलाज करा सकें.

पढ़ें: तीरा को नई जिंदगी देने के लिए 10 देशों से आई मदद, जगी एक उम्मीद

सोशल मीडिया पर मांगी मदद

इस परिवार को अब आर्थिक मदद की दरकार है. जिसके चलते परिजनों ने ईशानी के इलाज के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है. बेटी के इलाज में मदद के लिए परिवार ने सोशल मीडिया पर लोगों से अपील की है. परेशान परिवार भगवान से दुआ कर रहा है. ईशानी इन दिनों जिंदगी और मौत से जूझ रही है. उसकी बीमारी की एक ही दवाई है. वह है जोलगेन्स्मा इंजेक्शन. इस इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है जबकि इसपर 6 करोड़ का टैक्स भी है यानी इसकी कीमत कुल 22 करोड़ है. ईशानी के परिवार के लिए इतना महंगा इंजेक्शन लगवाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. ऐसे में फंड जुटाने के लिए ईशानी के पिता ने सोशल मीडिया पर लोगों से मदद मांगी है तो उनके दादा-दादी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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