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मिशन इंद्रधनुष 4.0: बच्चों के कमजोर समूहों की पहचान करने और टीकाकरण पर होगा जोर - विश्व टीकाकरण सप्ताह

विश्व स्तर पर हर साल 24-30 अप्रैल को विश्व टीकाकरण सप्ताह (world vaccination week) मनाया जाता है. इस वर्ष यूनिसेफ ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) के साथ मंगलवार को पत्रकारों के साथ एक संवाद सत्र आयोजित किया. ताकि बच्चों के नियमित टीकाकरण को बढ़ाने की दिशा में मीडिया का समर्थन मिले.

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Published : Apr 26, 2022, 3:24 PM IST

नई दिल्ली: इस वर्ष के टीकाकरण सप्ताह का विषय 'लॉन्ग लाइफ फॉर ऑल' है. जिसमें 'लंबा जीवन' और स्वस्थ जीवन के लिए टीकाकरण और वैक्सीन निष्पक्षता के महत्व को दर्शाता है. भारत सालाना लगभग 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं और 2.7 करोड़ बच्चों को टीका मुहैया कराता है.

नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 के आंकड़ों के अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर 12-23 महीने के बच्चों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज (एफआईसी) में 62 प्रतिशत से 76 प्रतिशत तक पर्याप्त सुधार दर्ज किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अतिरिक्त आयुक्त वीणा धवन ने लक्षित जिलों और ब्लॉकों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने के लिए 2022 की शुरूआत में शुरू किए गए सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और गहन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 4.0 पर अपडेट दिया.

प्रत्येक बच्चे द्वारा लिए जाने वाले टीकों की प्रत्येक खुराक के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि आईएमआई 4.0 बच्चों के कमजोर समूहों की पहचान और उनका टीकाकरण पर केंद्रित है. ऐसे बच्चे जो खुराक से चूक गए हैं. इस वर्ष विश्व टीकाकरण सप्ताह का विषय टीकाकरण का लंबा इतिहास, इसका जन आधार और देखभाल है. डब्ल्यूआईडब्ल्यू कई लोगों के असाधारण काम का जश्न भी मनाता है, जिन्होंने पिछले 300 वर्षो से टीकों के निर्माण, विकास और प्रशासन में योगदान दिया है.

यूनिसेफ इंडिया के एडवोकेसी कम्युनिकेशन एंड पार्टनरशिप के प्रमुख जाफरीन चौधरी ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण ने गंभीर बीमारी को रोकने में इसके महत्व को प्रदर्शित किया है. कोविड टीकाकरण के हैशटैग लार्जेस्ट वैक्सीन ड्राइव ने हमें टीकों और वैक्सीन देने वालों की अपार शक्ति दिखाई है. इसी तरह हमें अब सभी बच्चों के लिए जीवन रक्षक नियमित टीकाकरण की दिशा में कदम उठाना चाहिए. विशेष रूप से उन बच्चों के लिए जो अभी तक इससे छूट गए हैं. टीके बच्चों को स्वस्थ, सक्रिय जीवन का उपहार देकर रोके जाने योग्य बीमारियों से बचाते हैं.

यह भी पढ़ें- UK: बच्चों में हेपेटाइटिस और लिवर इन्फ्लेमेशन के मामलों में इजाफा

टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने और प्रत्येक बच्चे के लिए पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए यूनिसेफ इंडिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञ व प्रभारी अधिकारी स्वास्थ्य विवेक वीरेंद्र सिंह भी ऑनलाइन चर्चा में शामिल हुए. उन्होंने 70 से अधिक राष्ट्रीय और राज्य मीडिया के साथ बातचीत की. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूआईडब्ल्यू 2022 हमें मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली संचालित टीकाकरण अभियानों के माध्यम से हाल ही में कोविड-19 टीकाकरण और पहले पोलियो उन्मूलन में भारत की सफलता पर सभी को याद दिलाने का अवसर प्रदान करता है. डब्ल्यूआईडब्ल्यू नियमित टीकाकरण की आवश्यकता को दोहराता है और सभी आवश्यक टीकों के साथ हर जगह हर बच्चे तक पहुंचने के लिए सामूहिक कार्रवाई पर जोर देता है.

नई दिल्ली: इस वर्ष के टीकाकरण सप्ताह का विषय 'लॉन्ग लाइफ फॉर ऑल' है. जिसमें 'लंबा जीवन' और स्वस्थ जीवन के लिए टीकाकरण और वैक्सीन निष्पक्षता के महत्व को दर्शाता है. भारत सालाना लगभग 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं और 2.7 करोड़ बच्चों को टीका मुहैया कराता है.

नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 के आंकड़ों के अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर 12-23 महीने के बच्चों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज (एफआईसी) में 62 प्रतिशत से 76 प्रतिशत तक पर्याप्त सुधार दर्ज किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अतिरिक्त आयुक्त वीणा धवन ने लक्षित जिलों और ब्लॉकों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने के लिए 2022 की शुरूआत में शुरू किए गए सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और गहन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 4.0 पर अपडेट दिया.

प्रत्येक बच्चे द्वारा लिए जाने वाले टीकों की प्रत्येक खुराक के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि आईएमआई 4.0 बच्चों के कमजोर समूहों की पहचान और उनका टीकाकरण पर केंद्रित है. ऐसे बच्चे जो खुराक से चूक गए हैं. इस वर्ष विश्व टीकाकरण सप्ताह का विषय टीकाकरण का लंबा इतिहास, इसका जन आधार और देखभाल है. डब्ल्यूआईडब्ल्यू कई लोगों के असाधारण काम का जश्न भी मनाता है, जिन्होंने पिछले 300 वर्षो से टीकों के निर्माण, विकास और प्रशासन में योगदान दिया है.

यूनिसेफ इंडिया के एडवोकेसी कम्युनिकेशन एंड पार्टनरशिप के प्रमुख जाफरीन चौधरी ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण ने गंभीर बीमारी को रोकने में इसके महत्व को प्रदर्शित किया है. कोविड टीकाकरण के हैशटैग लार्जेस्ट वैक्सीन ड्राइव ने हमें टीकों और वैक्सीन देने वालों की अपार शक्ति दिखाई है. इसी तरह हमें अब सभी बच्चों के लिए जीवन रक्षक नियमित टीकाकरण की दिशा में कदम उठाना चाहिए. विशेष रूप से उन बच्चों के लिए जो अभी तक इससे छूट गए हैं. टीके बच्चों को स्वस्थ, सक्रिय जीवन का उपहार देकर रोके जाने योग्य बीमारियों से बचाते हैं.

यह भी पढ़ें- UK: बच्चों में हेपेटाइटिस और लिवर इन्फ्लेमेशन के मामलों में इजाफा

टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने और प्रत्येक बच्चे के लिए पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए यूनिसेफ इंडिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञ व प्रभारी अधिकारी स्वास्थ्य विवेक वीरेंद्र सिंह भी ऑनलाइन चर्चा में शामिल हुए. उन्होंने 70 से अधिक राष्ट्रीय और राज्य मीडिया के साथ बातचीत की. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूआईडब्ल्यू 2022 हमें मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली संचालित टीकाकरण अभियानों के माध्यम से हाल ही में कोविड-19 टीकाकरण और पहले पोलियो उन्मूलन में भारत की सफलता पर सभी को याद दिलाने का अवसर प्रदान करता है. डब्ल्यूआईडब्ल्यू नियमित टीकाकरण की आवश्यकता को दोहराता है और सभी आवश्यक टीकों के साथ हर जगह हर बच्चे तक पहुंचने के लिए सामूहिक कार्रवाई पर जोर देता है.

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