ETV Bharat / bharat

अगले वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति आ सकती है 5.2 फीसदी पर: आरबीआई रिपोर्ट

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) मुद्रास्फीति (Inflation) के लगातार बढ़ रहे स्तर को लेकर चिंतित है. हालांकि आरबीआई (RBI) ने यह संभावना भी जताई है कि सामान्य बरसात और वैश्विक आपूर्ति श्रंखलाओं में व्यवधान दूर होने से स्थिति सुधर सकती है.

author img

By

Published : Oct 2, 2022, 3:27 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक

नई दिल्ली: मुद्रास्फीति (Inflation) का लगातार उच्च स्तर पर बने रहना भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के लिए नीतिगत चिंता का एक महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है, लेकिन सामान्य बरसात और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान दूर होने से अगले वित्त वर्ष में दबाव कम होने की संभावना है. आरबीआई की एक रिपोर्ट में इस बात का अनुमान जताया गया है. आरबीआई (RBI) की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति नियंत्रण में आ जाएगी और इसका स्तर 5.2 फीसदी तक रहने की उम्मीद है.

चालू वित्त वर्ष में इसके 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. आरबीआई ने ‘मौद्रिक नीति रिपोर्ट सितंबर 2022’ (Monetary Policy Report September 2022) में कहा कि ‘सामान्य मानसून, आपूर्ति श्रृंखलाओं में बने व्यवधानों के लगातार दूर होने और कोई अन्य बाहरी या नीतिगत झटका नहीं लगने की स्थिति में वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति के औसतन 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है.’ जनवरी 2022 से मुद्रास्फीति का स्तर आरबीआई की संतोषजनक ऊपरी सीमा (छह प्रतिशत) से भी अधिक बना हुआ है.

पढ़ें: विदेशी निवेशकों ने सितंबर में भारतीय बाजारों से कमाए 7,600 करोड़ रुपये

अप्रैल में तो मुद्रास्फीति 7.8 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी, हालांकि बाद में इसमें कमी आनी शुरू हुई, फिर भी यह अस्वीकार्य उच्च स्तर पर बनी हुई है. महंगाई को काबू में करने के लिए शुक्रवार को आरबीआई ने नीतिगत दर रेपो 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दी. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. दूसरी छमाही में इसके करीब छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: मुद्रास्फीति (Inflation) का लगातार उच्च स्तर पर बने रहना भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के लिए नीतिगत चिंता का एक महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है, लेकिन सामान्य बरसात और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान दूर होने से अगले वित्त वर्ष में दबाव कम होने की संभावना है. आरबीआई की एक रिपोर्ट में इस बात का अनुमान जताया गया है. आरबीआई (RBI) की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2023 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति नियंत्रण में आ जाएगी और इसका स्तर 5.2 फीसदी तक रहने की उम्मीद है.

चालू वित्त वर्ष में इसके 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. आरबीआई ने ‘मौद्रिक नीति रिपोर्ट सितंबर 2022’ (Monetary Policy Report September 2022) में कहा कि ‘सामान्य मानसून, आपूर्ति श्रृंखलाओं में बने व्यवधानों के लगातार दूर होने और कोई अन्य बाहरी या नीतिगत झटका नहीं लगने की स्थिति में वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति के औसतन 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है.’ जनवरी 2022 से मुद्रास्फीति का स्तर आरबीआई की संतोषजनक ऊपरी सीमा (छह प्रतिशत) से भी अधिक बना हुआ है.

पढ़ें: विदेशी निवेशकों ने सितंबर में भारतीय बाजारों से कमाए 7,600 करोड़ रुपये

अप्रैल में तो मुद्रास्फीति 7.8 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी, हालांकि बाद में इसमें कमी आनी शुरू हुई, फिर भी यह अस्वीकार्य उच्च स्तर पर बनी हुई है. महंगाई को काबू में करने के लिए शुक्रवार को आरबीआई ने नीतिगत दर रेपो 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दी. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. दूसरी छमाही में इसके करीब छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.