नई दिल्ली/ ढाका : विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ( Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए बुधवार को कहा कि भारत और बांग्लादेश के संबंध 'विशेष' और 'अनूठे' हैं और नई दिल्ली किसी अन्य देश के साथ ढाका के संबंधों से इसकी तुलना नहीं करती है.
श्रृंगला ने बांग्लादेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा को लेकर यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'जहां तक हमारी बात है, तो भारत और बांग्लादेश इतिहास, भाषाई, धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों से बंधे हैं.'
उन्होंने बांग्लादेश समेत दक्षिण एशियाई देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव पर भारत के विचारों को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में संवाददाताओं से कहा, 'हमारे संबंध अनूठे हैं और हम अन्य देशों से उसके (बांग्लादेश के) संबंधों की तुलना अपने संबंधों से नहीं करते हैं.'
श्रृंगला ने रोहिंग्या मामले पर एक सवाल का जवाब दते हुए कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसकी बांग्लादेश और म्यांमार दोनों के साथ साझी सीमा है. उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि तीनों देशों में अपने मुद्दों से निपटने की क्षमता है. हम यह भी मानते हैं कि यह (रोहिंग्या का) मुद्दा एक ऐसा मुद्दा है जिसका प्रभाव हम सभी पर, इस क्षेत्र पर और इसके बाहर भी पड़ता है.'
विदेश सचिव ने कहा, 'हमने हमेशा म्यांमार के रखाइन प्रांत से विस्थापित लोगों की स्थायी और त्वरित वापसी का आह्वान किया है. हमने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हमेशा बांग्लादेश और म्यांमार के साथ मिलकर काम किया है.'
इससे पहले, कोविंद ने यहां अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के पहले दिन बांग्लादेश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की. राष्ट्रपति कोविंद का बुधवार को ढाका पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया. अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेंगे. बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम. अब्दुल हामिद ने अपनी पत्नी के साथ ढाका के हजरत शाह जलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोविंद की अगवानी की.
कोविंद ने हामिद के साथ बैठक के दौरान व्यापक मामलों पर चर्चा की. इससे पहले, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को ढाका में राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने आपसी हित एवं द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की.
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बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमीन ने भी यहां राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की और उन्हें द्विपक्षीय सहयोग और भविष्य की संयुक्त परियोजनाओं में शानदार प्रगति से अवगत कराया, जिसमें संपर्क क्षेत्र में प्रगति भी शामिल है.