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36000 फीट पर इंडिगो के विमान में वेक टर्बुलेंस, जानें क्या था खतरा

जाने गुवाहाटी से मुंबई जा रही इंडिगो की उड़ान 6E-6812 में 36000 फीट की ऊंचाई पर क्या हुआ.

IndiGo flight latest news
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Published : Aug 30, 2022, 6:50 AM IST

Updated : Aug 30, 2022, 11:37 AM IST

नई दिल्ली: इंडिगो की फ्लाइट 6E-6812 जो एयरबस ए 32 से सोमवार को गुवाहाटी से मुंबई जा रही थी उसमें एक असामान्य घटना हुई. जिस समय विमान 36000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था उसी समय विमान के पहले इंजन ने स्टाल वार्निंग सिग्नल दिया. विमानन विशेषज्ञों के अनुसार यह एक दुर्लभ और खतरनाक स्थिति थी. जिसमें विमान को वेक टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है. हालांकि अच्छी बात यह रही कि यह सिग्नल महज कुछ सेकेंड बाद ही गायब हो गया और विमान का इंजन सामान्य रूप से व्यवहार करने लगा.

पढ़ें: इंडिगो के विमान में धुंआ निकलने की गलत चेतावनी जारी हुई, DGCA जांच करेगा

एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने घटना के बारे में भारत के विमानन नियामक निकाय, महानिदेशक नागरिक उड्डयन (DGCA) को सूचित किया है और कहा है कि इसमें विमान और यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. एक अधिकारी ने बताया कि इंडिगो की उड़ान 6E-6812 ने विमान के विपरीत दिशा से गुजरने वाले बोइंग 777 विमान के एक बड़े जेट के कारण एक पल के लिए पहले इंजन में स्टाल वार्निंग सिग्नल दिया. जिसके बाद 'वेक टर्बुलेंस' की स्थिति बनी. अमेरिका की सबसे बड़ी परिवहन एजेंसी फेडरेशन एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि कभी-कभी वेक टर्बुलेंस विनाशकारी भी हो सकता है.

वेक टर्बुलेंस क्या है: ये टर्बुलेंस विमान के हवा से गुजरने के दौरान उसके पीछे बनता है. वेक टर्बुलेंस की स्थिति के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण विंगटिप वॉर्टेक्स (भंवर) और जेटवाश हैं. जेटवाश एक जेट इंजन से निष्कासित तेजी से बढ़ने वाली गैसों को संदर्भित करता है; यह अत्यंत टर्बुलेंट लेकिन कम अवधि के होते हैं. जबकि विंगटिप वॉर्टेक्स अधिक स्थिर हैं और एक विमान के गुजरने के बाद तीन मिनट तक हवा में रह सकते हैं. विंगटिप वॉर्टेक्स तब होता है जब एक विंग लिफ्ट पैदा कर रहा होता है. विंग के नीचे से हवा विंगटिप के चारों ओर विंग के ऊपर के क्षेत्र में कम दबाव से खींची जाती है, जिससे प्रत्येक विंगटिप से एक वॉर्टेक्स निकलता है. विंगटिप वॉर्टेक्स की ताकत मुख्य रूप से विमान के वजन और हवा की गति से निर्धारित होती है. विंगटिप वॉर्टेक्स वेक टर्बुलेंस का प्राथमिक और सबसे खतरनाक घटक बनाते हैं.

पायलट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण: फेडरेशन एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के अनुसार एक वेक टर्बुलेंस सामान्य से लेकर विनाशकारी तक हो सकता है. मुठभेड़ का प्रभाव विमानों के वजन और आकार, उड़ान की अवधि, विमान से दूरी और वॉर्टेक्स के टकराव के बिंदु पर निर्भर करता है. इसके अलावा, पायलट हमेशा ही किसी भी तरह के टर्बुलेंस के लिए तैयार रहते हैं और उस समय की स्थितियों से निपटने में पायलट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. पायलटों को उड़ान भरते समय हमेशा किसी अन्य विमान से पैदा होने वाले वेक टर्बुलेंस की संभावना के बारे में पता होना चाहिए और उसके अनुसार उड़ान पथ को समायोजित करना चाहिए.

नई दिल्ली: इंडिगो की फ्लाइट 6E-6812 जो एयरबस ए 32 से सोमवार को गुवाहाटी से मुंबई जा रही थी उसमें एक असामान्य घटना हुई. जिस समय विमान 36000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था उसी समय विमान के पहले इंजन ने स्टाल वार्निंग सिग्नल दिया. विमानन विशेषज्ञों के अनुसार यह एक दुर्लभ और खतरनाक स्थिति थी. जिसमें विमान को वेक टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है. हालांकि अच्छी बात यह रही कि यह सिग्नल महज कुछ सेकेंड बाद ही गायब हो गया और विमान का इंजन सामान्य रूप से व्यवहार करने लगा.

पढ़ें: इंडिगो के विमान में धुंआ निकलने की गलत चेतावनी जारी हुई, DGCA जांच करेगा

एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने घटना के बारे में भारत के विमानन नियामक निकाय, महानिदेशक नागरिक उड्डयन (DGCA) को सूचित किया है और कहा है कि इसमें विमान और यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. एक अधिकारी ने बताया कि इंडिगो की उड़ान 6E-6812 ने विमान के विपरीत दिशा से गुजरने वाले बोइंग 777 विमान के एक बड़े जेट के कारण एक पल के लिए पहले इंजन में स्टाल वार्निंग सिग्नल दिया. जिसके बाद 'वेक टर्बुलेंस' की स्थिति बनी. अमेरिका की सबसे बड़ी परिवहन एजेंसी फेडरेशन एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि कभी-कभी वेक टर्बुलेंस विनाशकारी भी हो सकता है.

वेक टर्बुलेंस क्या है: ये टर्बुलेंस विमान के हवा से गुजरने के दौरान उसके पीछे बनता है. वेक टर्बुलेंस की स्थिति के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण विंगटिप वॉर्टेक्स (भंवर) और जेटवाश हैं. जेटवाश एक जेट इंजन से निष्कासित तेजी से बढ़ने वाली गैसों को संदर्भित करता है; यह अत्यंत टर्बुलेंट लेकिन कम अवधि के होते हैं. जबकि विंगटिप वॉर्टेक्स अधिक स्थिर हैं और एक विमान के गुजरने के बाद तीन मिनट तक हवा में रह सकते हैं. विंगटिप वॉर्टेक्स तब होता है जब एक विंग लिफ्ट पैदा कर रहा होता है. विंग के नीचे से हवा विंगटिप के चारों ओर विंग के ऊपर के क्षेत्र में कम दबाव से खींची जाती है, जिससे प्रत्येक विंगटिप से एक वॉर्टेक्स निकलता है. विंगटिप वॉर्टेक्स की ताकत मुख्य रूप से विमान के वजन और हवा की गति से निर्धारित होती है. विंगटिप वॉर्टेक्स वेक टर्बुलेंस का प्राथमिक और सबसे खतरनाक घटक बनाते हैं.

पायलट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण: फेडरेशन एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के अनुसार एक वेक टर्बुलेंस सामान्य से लेकर विनाशकारी तक हो सकता है. मुठभेड़ का प्रभाव विमानों के वजन और आकार, उड़ान की अवधि, विमान से दूरी और वॉर्टेक्स के टकराव के बिंदु पर निर्भर करता है. इसके अलावा, पायलट हमेशा ही किसी भी तरह के टर्बुलेंस के लिए तैयार रहते हैं और उस समय की स्थितियों से निपटने में पायलट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. पायलटों को उड़ान भरते समय हमेशा किसी अन्य विमान से पैदा होने वाले वेक टर्बुलेंस की संभावना के बारे में पता होना चाहिए और उसके अनुसार उड़ान पथ को समायोजित करना चाहिए.

Last Updated : Aug 30, 2022, 11:37 AM IST
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