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Projected population in India in 2023 : भारत की 2023 में अनुमानित जनसंख्या होगी 138.81 करोड़: केंद्र

भारत की 2023 में अनुमानित जनसंख्या 138.81 करोड़ हो जाएगी. यह जानकारी लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने डीएमके सांसद के द्वारा पूछे गए लिखित प्रश्न के जवाब में दी.

Projected population in India in 2023
2023 में अनुमानित जनसंख्या होगी 138.81 करोड़
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Published : Feb 10, 2023, 10:11 PM IST

नई दिल्ली: भारत की 2023 में अनुमानित जनसंख्या 138.81 करोड़ हो जाएगी. उक्त जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी. पवार ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सांसद टीआर पारिवेंदर द्वारा उठाए गए एक लिखित प्रश्न के जवाब में भारत के महापंजीयक (RGI) की अध्यक्षता में जनसंख्या अनुमानों पर तकनीकी समूह (TGPP) की जुलाई 2020 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2023 में देश की अनुमानित जनसंख्या 138.81 करोड़ हो जाएगी.

पवार ने बताया कि उनकी सरकार राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, जो राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है, ताकि परिवार नियोजन की अपूर्ण आवश्यकता को पूरा किया जा सके. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने में सक्षम होने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2019-21 में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) घटकर 2.0 हो गई, जो प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है. साथ ही उन्होंने कहा कि 36 में से 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है. इसके अलावा आधुनिक गर्भनिरोधक उपयोग बढ़कर 56.5 प्रतिशत हो गया है. वहीं परिवार नियोजन की आवश्यकता घटकर 9.4 प्रतिशत रह गई है.

सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए पवार ने कहा कि नए गर्भ निरोधकों को शामिल करने के साथ विस्तारित गर्भनिरोधक विकल्पों जैसे इंजेक्शन गर्भ निरोधकों को शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि मिशन परिवार विकास (एमपीवी) को 13 राज्यों में गर्भ निरोधकों और परिवार नियोजन सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए लागू किया गया है. इसके अलावा नसबंदी स्वीकार करने वालों के लिए मुआवजा योजना जो लाभार्थी को मजदूरी के नुकसान के लिए मुआवजा प्रदान करती है और सेवा प्रदाता टीम को नसबंदी कराने के लिए भी मुआवजा देती है, इसके बारे में जानकारी दी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा लाभार्थियों के घर तक गर्भ निरोधकों की होम डिलीवरी की योजना भी बताई गई है. मंत्री ने कहा, 'स्वास्थ्य सुविधाओं के सभी स्तरों पर परिवार नियोजन वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक परिवार नियोजन रसद प्रबंधन सूचना प्रणाली (एफपी-एलएमआईएस) है.

ये भी पढ़ें- UNDP रिपोर्ट के अनुसार भारत में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से मुक्त हुए : सरकार

नई दिल्ली: भारत की 2023 में अनुमानित जनसंख्या 138.81 करोड़ हो जाएगी. उक्त जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में दी. पवार ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सांसद टीआर पारिवेंदर द्वारा उठाए गए एक लिखित प्रश्न के जवाब में भारत के महापंजीयक (RGI) की अध्यक्षता में जनसंख्या अनुमानों पर तकनीकी समूह (TGPP) की जुलाई 2020 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष 2023 में देश की अनुमानित जनसंख्या 138.81 करोड़ हो जाएगी.

पवार ने बताया कि उनकी सरकार राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, जो राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है, ताकि परिवार नियोजन की अपूर्ण आवश्यकता को पूरा किया जा सके. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने में सक्षम होने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2019-21 में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) घटकर 2.0 हो गई, जो प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है. साथ ही उन्होंने कहा कि 36 में से 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता हासिल कर ली है. इसके अलावा आधुनिक गर्भनिरोधक उपयोग बढ़कर 56.5 प्रतिशत हो गया है. वहीं परिवार नियोजन की आवश्यकता घटकर 9.4 प्रतिशत रह गई है.

सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए पवार ने कहा कि नए गर्भ निरोधकों को शामिल करने के साथ विस्तारित गर्भनिरोधक विकल्पों जैसे इंजेक्शन गर्भ निरोधकों को शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि मिशन परिवार विकास (एमपीवी) को 13 राज्यों में गर्भ निरोधकों और परिवार नियोजन सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए लागू किया गया है. इसके अलावा नसबंदी स्वीकार करने वालों के लिए मुआवजा योजना जो लाभार्थी को मजदूरी के नुकसान के लिए मुआवजा प्रदान करती है और सेवा प्रदाता टीम को नसबंदी कराने के लिए भी मुआवजा देती है, इसके बारे में जानकारी दी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा लाभार्थियों के घर तक गर्भ निरोधकों की होम डिलीवरी की योजना भी बताई गई है. मंत्री ने कहा, 'स्वास्थ्य सुविधाओं के सभी स्तरों पर परिवार नियोजन वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक परिवार नियोजन रसद प्रबंधन सूचना प्रणाली (एफपी-एलएमआईएस) है.

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