हैदराबाद : यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों में निकासी में देरी को लेकर भारी रोष है. रोमानिया बॉर्डर पर भारी संख्या में छात्र पहुंचे हुए हैं (indian students at romanian border). उनका आरोप है कि भारतीय दूतावास की ओर से उन्हें यहां बुलाया गया लेकिन उसके बाद उनके निकासी को लेकर कोई इंतजाम नहीं किया गया है. उनका आरोप है कि छात्र कई- कई घंटों से वहां फंसे हुए हैं. उनका सुध लेने वाला वहां कोई नहीं है.
रूस की बमबारी के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों (Indians stranded in Ukraine) में निकासी में देरी को लेकर भारत सरकार के खिलाफ नाराजगी है. छात्रों ने वीडियो जारी कर भारत सरकार से जल्द से जल्द वहां से निकालने की अपील की है.
रोमानिया बॉर्डर पर फंसा मेडिकल यूनिर्सिटी में पढ़ाई करने वाला एक छात्र पुलकित श्रीवास्तव ने कहा कि उसे भारतीय दूतावास की ओर से रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचने के लिए कहा गया. वह कई घंटों से वहां इंतजार कर रहा है लेकिन उसे लेने के लिए कोई नहीं आया. एक अन्य छात्र ने कहा कि यहां काफी संख्या में स्टूडेंट पहुंचे हुए हैं लेकिन उनके निकासी को लेकर कोई प्रबंध नहीं है. एक छात्र में कहा कि हजारों की संख्या में छात्र यहां पहुंच चुके हैं. छात्रों की भीड़ लगी है. एम्बेसी के एक भी अधिकारी या कर्मचारी यहां नहीं हैं. साथ दूतावास के नंबर पर फोन करने पर भी कोई रिस्पॉस नहीं मिल रहा है.
गौरतलब है रूस के हमले के बीच यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्र फंसे (Indians stranded in Ukraine) हुए हैं और भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. यूक्रेन और रोमानिया की सीमा पर फंसे भारतीय छात्रों ने वीडियो जारी कर उन्हें वहां से जल्द से जल्द निकालने की अपील की. वीडियो में छात्र हताश नजर आ रहे हैं और सरकार के खिलाफ उन्हें अब तक नहीं निकालने के लिए अपना गुस्सा भी जाहिर कर रहे हैं. वहीं, सैकड़ों छात्र भारतीय दूतावास में शरण लिए हुए हैं और भारतीय राजनियकों से निकालने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील कर रहे हैं. यहां छात्रों का गुस्सा साफ तौर पर देखने को मिला. छात्र एक भारतीय अधिकारी के सामने अपना रोष व्यक्त करते नजर आए. छात्रों का कहना है कि भारत सरकार केवल उन स्थानों से छात्रों को निकाल रही है, जहां पर खतरा नहीं है. जबकि यूक्रेन की राजधानी कीव में लगातार बम धमाके हो रहे हैं, लेकिन हमें निकालने के लिए कोई पहल नहीं हुई है.
सरकार का छात्रों को सुरक्षित निकालने का आश्वासन
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यूक्रेन के हालात को लेकर कहा कि भारत के विदेश मंत्री ने यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात की है और छात्रों को सुरक्षित लाने की व्यवस्था चल रही है. राजनाथ सिंह ने कहा कि सीसीएस की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया था कि सबको लाएंगे. भारत सरकार उनका खर्चा उठाएगी. ऐसा नहीं है कि सीसीएस की बैठक के बाद इनको वापस लाने का सिलसिला प्रारंभ हुआ है.
वहीं, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिवारों को मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी बच्चे भारत पहुंचेंगे. भारत सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रही है. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे हमारे छात्रों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है. आज ही दो एयरक्राफ्ट निकल चुके हैं. सरकार सभी को वापस जरूर लाएगी. हमारी हेल्पलाइन पर जितनी कॉल आ रही हैं, सभी को नोट किया जा रहा है.