नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने 2022-23 के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व दर्ज करने पर कहा कि यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 49,000 करोड़ रुपये अधिक है. वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, माल ढुलाई राजस्व बढ़कर 1.62 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष के दौरान लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी.
मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रेलवे के यात्री राजस्व में 61 प्रतिशत की अब तक की सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई है और यह 63,300 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. तीन साल के बाद भारतीय रेलवे पेंशन के खर्च को पूरी तरह से वहन करने में सक्षम है.
मंत्रालय ने कहा कि राजस्व में उछाल और कड़े व्यय प्रबंधन ने संशोधित अनुमान लक्ष्य के भीतर 98.14 प्रतिशत का परिचालन अनुपात हासिल करने में मदद की है. सभी राजस्व व्ययों को पूरा करने के बाद, रेलवे ने अपने आंतरिक संसाधनों से पूंजीगत निवेश के लिए 3200 करोड़ रुपये उत्पन्न किए.
यातायात राजस्व के मामले में, भारतीय रेलवे ने 2022-23 में यात्री राजस्व के रूप में 63,300 करोड़ रुपये अर्जित किए, जबकि 2021-22 में यह 39,214 करोड़ रुपये था, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 61 प्रतिशत अधिक है. भारतीय रेलवे ने 2021-22 के दौरान 4899 करोड़ रुपये की तुलना में 2022-23 में अन्य कोचिंग राजस्व के रूप में 5951 करोड़ रुपये अर्जित किए, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है. 2021-22 में 6067 करोड़ रुपये जो पिछले वर्ष की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक है.
2022-23 के दौरान, सकल राजस्व 2021-22 में 1,91,278 करोड़ रुपये की तुलना में 2,39,803 करोड़ रुपये रहा. साथ ही, 2021-22 में 1,91,206 करोड़ रुपये की तुलना में सकल यातायात प्राप्तियां 2,39,750 करोड़ रुपये रही. 2021-22 में 1,91,367 करोड़ रुपये की तुलना में 22-23 के दौरान कुल रेलवे प्राप्तियां 2,39,892 करोड़ रुपये हैं. 2021-22 में 2,06,391 करोड़ रुपये की तुलना में 22-23 के दौरान कुल रेलवे व्यय 2,37,375 करोड़ रुपये है.
पूंजीगत व्यय के संदर्भ में, वित्त वर्ष 22-23 के दौरान 21-22 में 81,664 करोड़ रुपये की तुलना में पूंजी निवेश 1,09,004 करोड़ रुपये था. रेलवे सुरक्षा कोष के तहत 2021-22 के दौरान 11,105 करोड़ रुपये की तुलना में 22-23 के दौरान 30,001 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
22-23 में पहली बार सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि से 10,239 करोड़ रुपये का निवेश किया गया. वित्त वर्ष 23 के दौरान विभिन्न सुरक्षा कार्यों के लिए राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष के तहत 11,797 करोड़ रुपये का निवेश किया गया.
रेल मंत्रालय ने कहा कि 2022-23 के दौरान कुल जीबीएस 21-22 के दौरान 1,17,507 करोड़ रुपये की तुलना में 1,59,244 करोड़ रुपये था. 2021-22 में 1,90,267 करोड़ रुपये की तुलना में कुल कैपेक्स 2,03,983 करोड़ रुपये था.
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