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Indian Railways: डीपीआर के अभाव में रेल मंत्रालय ने अभी तक नहीं दी 7 हाई स्पीड रेल परियोजनाओं को मंजूरी

केंद्र सरकार ने अभी तक सात बहुप्रचारित हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को मंजूरी नहीं दी है, क्योंकि मेगा हाई स्पीड रेलवे कनेक्टिविटी की विस्तृत योजना रिपोर्ट का अभाव है. बता दें कि मौजूदा समय में मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना देश की स्वीकृत एकमात्र परियोजना है.

Indian Railways
भारतीय रेलवे
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Published : Mar 31, 2023, 9:51 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा घोषित मेगा हाई स्पीड रेलवे कनेक्टिविटी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अभाव में रेल मंत्रालय ने अभी तक सात बहुप्रचारित हाई स्पीड रेल (एचएसआर) कॉरिडोर को मंजूरी नहीं दी है. वर्तमान में, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) परियोजना देश में स्वीकृत एकमात्र हाई स्पीड रेल परियोजना है जो जापान सरकार की वित्तीय और तकनीकी सहायता से क्रियान्वित की जा रही है.

घटनाक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया कि हालांकि रेल मंत्रालय ने सात हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की डीपीआर तैयार करने का काम नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को सौंपा है, लेकिन अभी तक उन्होंने रिपोर्ट जमा नहीं की है. एनएचएसआरसीएल ने दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड ट्रेन की डीपीआर फाइनल कर रेल मंत्रालय को सौंप दी है.

अधिकारी के अनुसार अत्यधिक पूंजी गहन परियोजनाएं होने के कारण, किसी भी एचएसआर कॉरिडोर और परियोजनाओं को मंजूरी देने का निर्णय डीपीआर के परिणाम, तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता और वित्तपोषण विकल्पों जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है. अधिकारी ने कहा कि 'दिल्ली-वाराणसी, दिल्ली-अहमदाबाद, दिल्ली-अमृतसर, मुंबई-नागपुर, मुंबई-पुणे-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर और वाराणसी-हावड़ा की डीपीआर अध्ययन के विभिन्न चरणों में है.'

सितंबर 2017 में शुरू की गई, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा वित्त पोषित मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल जिसे बुलेट ट्रेन भी कहा जाता है, के 2023 तक पूरा होने की उम्मीद थी. अधिकारी ने कहा कि 'परियोजना की समय सीमा 2028 तक बढ़ा दी गई है. देरी महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी के साथ-साथ कोविड-19 महामारी के कारण हुई है.' अन्य हाई स्पीड रेल परियोजनाओं की डीपीआर पूर्णता के विभिन्न चरणों में है.

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दिल्ली-भोपाल वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. 15 फरवरी, 2023 को पेश की गई, पहली वंदे भारत ट्रेन को दिल्ली और वाराणसी के बीच हरी झंडी दिखाई गई थी. कम से कम 10 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन वर्तमान में देश भर में चल रही हैं.

पढ़ें: लुप्तप्राय हुलॉक गिबन्स प्रजाति को बचाने के लिए रेल मंत्रालय ने बनाई योजना, अभयारण्य पर वन पुल बनाने की तैयारी

रेलवे ने भारतीय रेलवे उत्पादन इकाइयों के अनुसार 102 वंदे भारत रेक (2022-2023 में 35 और 2023-2024 में 67) की उत्पादन योजना जारी की है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, कुल 75 वंदे भारत रेक को चेयर कार संस्करण के रूप में और शेष को स्लीपर संस्करण के रूप में नियोजित किया गया है.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा घोषित मेगा हाई स्पीड रेलवे कनेक्टिविटी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अभाव में रेल मंत्रालय ने अभी तक सात बहुप्रचारित हाई स्पीड रेल (एचएसआर) कॉरिडोर को मंजूरी नहीं दी है. वर्तमान में, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) परियोजना देश में स्वीकृत एकमात्र हाई स्पीड रेल परियोजना है जो जापान सरकार की वित्तीय और तकनीकी सहायता से क्रियान्वित की जा रही है.

घटनाक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया कि हालांकि रेल मंत्रालय ने सात हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की डीपीआर तैयार करने का काम नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को सौंपा है, लेकिन अभी तक उन्होंने रिपोर्ट जमा नहीं की है. एनएचएसआरसीएल ने दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड ट्रेन की डीपीआर फाइनल कर रेल मंत्रालय को सौंप दी है.

अधिकारी के अनुसार अत्यधिक पूंजी गहन परियोजनाएं होने के कारण, किसी भी एचएसआर कॉरिडोर और परियोजनाओं को मंजूरी देने का निर्णय डीपीआर के परिणाम, तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता और वित्तपोषण विकल्पों जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है. अधिकारी ने कहा कि 'दिल्ली-वाराणसी, दिल्ली-अहमदाबाद, दिल्ली-अमृतसर, मुंबई-नागपुर, मुंबई-पुणे-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर और वाराणसी-हावड़ा की डीपीआर अध्ययन के विभिन्न चरणों में है.'

सितंबर 2017 में शुरू की गई, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा वित्त पोषित मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल जिसे बुलेट ट्रेन भी कहा जाता है, के 2023 तक पूरा होने की उम्मीद थी. अधिकारी ने कहा कि 'परियोजना की समय सीमा 2028 तक बढ़ा दी गई है. देरी महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी के साथ-साथ कोविड-19 महामारी के कारण हुई है.' अन्य हाई स्पीड रेल परियोजनाओं की डीपीआर पूर्णता के विभिन्न चरणों में है.

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दिल्ली-भोपाल वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. 15 फरवरी, 2023 को पेश की गई, पहली वंदे भारत ट्रेन को दिल्ली और वाराणसी के बीच हरी झंडी दिखाई गई थी. कम से कम 10 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन वर्तमान में देश भर में चल रही हैं.

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रेलवे ने भारतीय रेलवे उत्पादन इकाइयों के अनुसार 102 वंदे भारत रेक (2022-2023 में 35 और 2023-2024 में 67) की उत्पादन योजना जारी की है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, कुल 75 वंदे भारत रेक को चेयर कार संस्करण के रूप में और शेष को स्लीपर संस्करण के रूप में नियोजित किया गया है.

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