अमरावती : भारतीय नौसेना की विशाखापत्तनम की टीम ने आंध्र प्रदेश के नेल्लोर तथा श्रीकालाहस्ती में दो बड़े ऑक्सीजन संयंत्रों की मरम्मत करने में कामयाबी हासिल की है.
राज्य प्रशासन के अनुरोध पर पूर्वी नौसेना कमान ने विशाखापत्तनम से नौसेना डोर्नियर विमान द्वारा नौसेना डॉकयार्ड ( जहाज बनाने का स्थान) से विशेषज्ञों की टीमों को एयरलिफ्ट किया और टीमों ने रविवार सुबह ऑक्सीजन संयंत्रों की सफलतापूर्वक मरम्मत की और नौसेना डॉकयार्ड के भीतर निर्मित कुछ एडेप्टरों और सहायक उपकरणों को बदल दिया. इन दोनों संयंत्रयों की मरम्मत हो जाने से आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति की समस्या से निजात पाने में मदद मिलेगी.
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नौसेना की टीम ने संयंत्र की मरम्मत की और शून्य से 186 डिग्री सेल्सियस के क्रायोजेनिक तापमान को हासिल करने में कामयाबी हासिल की. साथ ही बोतलों को चार्ज करने के लिए अपेक्षित आउटपुट ऑक्सीजन दबाव भी प्राप्त करने में भी सफलता प्राप्त की. इसमें 98 प्रतिशत ऑक्सीजन, शून्य प्रतिशत कार्बन मोनोऑक्साइड और 0.01 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा किया गया है.
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वहीं तिरुपति के पास श्रीकालाहस्ती में स्थित ऑक्सीजन संयंत्र वीपीएसए तकनीक पर आधारित एक बड़ा संयंत्र है और पांच बार पर 16000 लीटर प्रति मिनट (चार्ज करने के बजाय लाइनों को सीधा फीड) उत्पन्न करने में सक्षम है.
नेल्लोर और श्री कालाहस्ती दोनों ही संयंत्रों पर कमांडर दिपायन के नेतृत्व में नौसेना डॉकयार्ड विशाखापत्तनम की विशेषज्ञों की एक टीम ने काम किया. टीम ने आंध्र प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की इंजीनियरिंग टीमों के साथ लगभग 7 दिन तक परिश्रम कर कार्य को पूरा किया.