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आईएनएस सुदर्शिनी खाड़ी क्षेत्र में तैनात, समुद्री सहयोग बढ़ाने पर जोर - आईएनएस सुदर्शिनी

भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि आईएनएस सुदर्शिनी (INS Sudarshini) ने स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन किया और खाड़ी देशों के साथ भारत के ऐतिहासिक समुद्री संबंधों की समीक्षा की.

Indian Navy sends ins sudarshini
आईएनएस सुदर्शिनी खाड़ी क्षेत्र में तैनात
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Published : Dec 27, 2021, 2:56 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना ने मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ द्विपक्षीय समुद्री सहयोग बढ़ाने के प्रयासों के तहत अपना प्रशिक्षण पोत आईएनएस सुदर्शिनी (INS Sudarshini) को ईरान और ओमान समेत खाड़ी क्षेत्र में भेजा है. अधिकारियों ने बताया कि एक महीने की तैनाती के तहत जहाज पहले ही मस्कट, दुबई और बंदर अब्बास बंदरगाह पर ठहर चुका है, इसके अलावा रॉयल ओमान नेवी (आरएनओ), यूएई नेवी और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान (आईआरआई) नेवी के साथ पेशेवर बातचीत भी की है.

नौसेना ने एक बयान में कहा, 'गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में निर्मित जहाज ने स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन किया और खाड़ी देशों के साथ भारत के ऐतिहासिक समुद्री संबंधों की समीक्षा की.'

नौसेना ने कहा, 'जहाज ने तैनाती के दौरान, विभिन्न प्रशिक्षण अभ्यास किए, जिसमें आरएनओ और आईआरआई नौसेना के प्रशिक्षुओं को समुद्री प्रशिक्षण कराया और समुद्री अभ्यास आयोजित की गईं.'

नौसेना ने कहा कि आईएनएस सुदर्शिनी ने मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालन बढ़ाने के लिए आरएनओ और आईआरआई के साथ द्विपक्षीय समुद्री साझेदारी अभ्यास में भी भाग लिया. इसके अलावा भारतीय नौसेना के जहाज केसरी ने शनिवार को मोजाम्बिक के मापुटो के बंदरगाह में प्रवेश किया.

यह भी पढ़ें- भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुई पनडुब्बी आईएनएस वेला

नौसेना ने कहा, 'यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रिजन' (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप आठवीं ऐसी तैनाती है और विदेश मंत्रालय तथा भारत सरकार की अन्य एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में आयोजित की जा रही है.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय नौसेना ने मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ द्विपक्षीय समुद्री सहयोग बढ़ाने के प्रयासों के तहत अपना प्रशिक्षण पोत आईएनएस सुदर्शिनी (INS Sudarshini) को ईरान और ओमान समेत खाड़ी क्षेत्र में भेजा है. अधिकारियों ने बताया कि एक महीने की तैनाती के तहत जहाज पहले ही मस्कट, दुबई और बंदर अब्बास बंदरगाह पर ठहर चुका है, इसके अलावा रॉयल ओमान नेवी (आरएनओ), यूएई नेवी और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान (आईआरआई) नेवी के साथ पेशेवर बातचीत भी की है.

नौसेना ने एक बयान में कहा, 'गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में निर्मित जहाज ने स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन किया और खाड़ी देशों के साथ भारत के ऐतिहासिक समुद्री संबंधों की समीक्षा की.'

नौसेना ने कहा, 'जहाज ने तैनाती के दौरान, विभिन्न प्रशिक्षण अभ्यास किए, जिसमें आरएनओ और आईआरआई नौसेना के प्रशिक्षुओं को समुद्री प्रशिक्षण कराया और समुद्री अभ्यास आयोजित की गईं.'

नौसेना ने कहा कि आईएनएस सुदर्शिनी ने मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालन बढ़ाने के लिए आरएनओ और आईआरआई के साथ द्विपक्षीय समुद्री साझेदारी अभ्यास में भी भाग लिया. इसके अलावा भारतीय नौसेना के जहाज केसरी ने शनिवार को मोजाम्बिक के मापुटो के बंदरगाह में प्रवेश किया.

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नौसेना ने कहा, 'यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रिजन' (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप आठवीं ऐसी तैनाती है और विदेश मंत्रालय तथा भारत सरकार की अन्य एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में आयोजित की जा रही है.'

(पीटीआई-भाषा)

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