नई दिल्ली : भारतीय नौसेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (Drone Federation of India) ने नौसेना प्लेटफार्मों के लिए ड्रोन के स्वदेशी विकास, निर्माण और परीक्षण को बढ़ावा देने के लिए करार किया. एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया कि इस सहयोग के एक हिस्से के रूप में, नौसेना और ड्रोन उद्योग निकाय नौसेना-उद्योग-अकादमिक तालमेल और स्रोत प्रौद्योगिकी विकास चुनौतियों को घटक स्वदेशीकरण की दिशा में बढ़ाएंगे. बयान में कहा गया है कि भारतीय ड्रोन उद्योग के लिए एक विशेष समुद्री ड्रोन परीक्षण स्थल भी निर्धारित किया जाएगा, ताकि ड्रोन के तेजी से विकास और परीक्षण की सुविधा मिल सके, विशेष रूप से समुद्री वातावरण में इस प्रकार कई अनुप्रयोगों के लिए विकास को सक्षम किया जा सके. इसके अतिरिक्त, इस समझौते के हिस्से के रूप में संवेदीकरण और कौशल विकास पर कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे.
भारतीय नौसेना के ओआईसी टीडीएसी, वीएसएम, कमांड एपी गोलाया ने कहा, "टीडीएसी भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग की जाने वाली स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास में तेजी लाने की दिशा में काम कर रहा है. ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ हमारा सहयोग हमें एक गहरा उद्योग कनेक्शन विकसित करने में मदद करेगा और साथ ही भारतीय नौसेना में ड्रोन प्लेटफॉर्म को समयबद्ध तरीके से शामिल करने के लिए एक मजबूत रोडमैप बनाने में हमारा सहयोग करेगा. "
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Indian Navy & Drone Federation of India collaborate to promote indigenous development, manufacturing and testing of drones for naval platforms. pic.twitter.com/ecQLyXb94n
— ANI (@ANI) October 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 26, 2022
बता दें कि ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, उद्योग के नेतृत्व वाली संस्था है, जो व्यापार के अवसर पैदा कर ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देती है. यह एक मजबूत स्किलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करती है. साथ ही मानकों को विकसित करती है और आर एंड डी प्रयासों को बढ़ावा देती है.
ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष स्मित शाह ने बयान में कहा, "भारतीय ड्रोन उद्योग के लिए बेहतर ड्रोन प्लेटफॉर्म बनाने और परीक्षण करने के लिए भारतीय नौसेना के साथ साझेदारी स्थापित करना गर्व का क्षण है." शाह ने कहा कि इस पहल के तहत विकसित किया जा रहा समुद्री परीक्षण स्थल उन्नत समुद्री उपयोग के मामलों के लिए बहुमुखी और विश्वसनीय ड्रोन प्लेटफार्मों के विकास में तेजी लाएगा, जैसे समुद्री गश्त, चलती जहाजों पर ड्रोन लैंडिंग, जहाज से जहाज की डिलीवरी आदि.
(एएनआई)