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2021-22 में 10 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था : एनसीएईआर की महानिदेशक

आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी. एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उछाल और कोविड-19 की वजह से आपूर्ति संबंधी दिक्कतें कम होने से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छी वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है.

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Published : Sep 12, 2021, 4:10 PM IST

नई दिल्ली : आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में बेहतर वृद्धि दर्ज होने के संकेत दिए हैं. एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी.

उन्होंने कहा कि असली चुनौती आने वाले वर्षों में सात-आठ प्रतिशत की वृद्धि दर को बनाए रखने की होगी. उन्होंने कहा कि हम स्वीकृत सीमा में लगभग 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देख सकते हैं.

इस कथित आशावाद के कारणों में कम आपूर्ति व्यवधान, पारंपरिक और संपर्क-गहन सेवाओं में बढ़ी हुई मांग, और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उछाल शामिल हैं. गुप्ता ने कहा कि फिर भी, अगर महामारी के दो वर्षों को एक साथ लिया जाता है, तो बहुत कम शुद्ध वृद्धि होगी. दूसरे शब्दों में 2021-22 के अंत में अर्थव्यवस्था 2019-20 के अंत की तुलना में थोड़ी ही बड़ी होगी.

पूनम गुप्ता एनसीएईआर की पहली महिला महानिदेशक हैं. शोध संस्थान में शामिल होने से पहले वह विश्व बैंक में शीर्ष अर्थशास्त्री थीं. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर कहा कि पहली चुनौती कोविड-19 के प्रभाव से उबरना है और दूसरी चुनौती इस महामारी के बाद वृद्धि दर को कम से कम सात-आठ प्रतिशत बनाए रखना है.

यह भी पढ़ें-मुद्रास्फीति के आंकड़ों और वैश्विक रुख से तय होगी बाजार की दिशा

उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है जिसकी मुख्य वजह टीकाकरण की तेज गति है और इस समय तेज और व्यापक टीकाकरण सुनिश्चित करना ही वृद्धि को बल देने वाली वह सबसे अच्छी नीति होगी जिसे कोई देश लागू कर सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में बेहतर वृद्धि दर्ज होने के संकेत दिए हैं. एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी.

उन्होंने कहा कि असली चुनौती आने वाले वर्षों में सात-आठ प्रतिशत की वृद्धि दर को बनाए रखने की होगी. उन्होंने कहा कि हम स्वीकृत सीमा में लगभग 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देख सकते हैं.

इस कथित आशावाद के कारणों में कम आपूर्ति व्यवधान, पारंपरिक और संपर्क-गहन सेवाओं में बढ़ी हुई मांग, और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उछाल शामिल हैं. गुप्ता ने कहा कि फिर भी, अगर महामारी के दो वर्षों को एक साथ लिया जाता है, तो बहुत कम शुद्ध वृद्धि होगी. दूसरे शब्दों में 2021-22 के अंत में अर्थव्यवस्था 2019-20 के अंत की तुलना में थोड़ी ही बड़ी होगी.

पूनम गुप्ता एनसीएईआर की पहली महिला महानिदेशक हैं. शोध संस्थान में शामिल होने से पहले वह विश्व बैंक में शीर्ष अर्थशास्त्री थीं. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर कहा कि पहली चुनौती कोविड-19 के प्रभाव से उबरना है और दूसरी चुनौती इस महामारी के बाद वृद्धि दर को कम से कम सात-आठ प्रतिशत बनाए रखना है.

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उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है जिसकी मुख्य वजह टीकाकरण की तेज गति है और इस समय तेज और व्यापक टीकाकरण सुनिश्चित करना ही वृद्धि को बल देने वाली वह सबसे अच्छी नीति होगी जिसे कोई देश लागू कर सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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