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Indian dog breeds police duties: पुलिस ड्यूटी में जल्द की जाएगी भारतीय नस्ल के कुत्तों की तैनाती - गृह मंत्रालय का आदेश

सुरक्षा बल आने वाले समय में विदेश नस्ल के कुत्तों की जगह देसी कुत्तों की मदद से विस्फोटकों का पता लगाते देखे जा सकते हैं. गृह मंत्रालय की ओर से इस संदर्भ में आदेश दिए गए हैं. Indian dog breeds police duties

Indian dog breeds to be deployed in police duties soon
भारतीय नस्ल के कुत्तों को जल्द ही पुलिस ड्यूटी में तैनात किया जाएगा
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By PTI

Published : Oct 23, 2023, 12:41 PM IST

Updated : Oct 23, 2023, 2:55 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय नस्ल के कुत्तों से भी अब सुरक्षा बलों द्वारा काम लिए जाने की उम्मीद है. भारतीय नस्ल के कुत्तों में शामिल रामपुर हाउंड, हिमालय पर्वतीय कुत्ते हिमाचली शेफर्ड, तिब्बती मास्टिफ व अन्य प्रजातियों के कुत्तों को जल्द ही संदिग्धों, नशीले पदार्थों और विस्फोटकों को सूंघने के अलावा जोखिम वाले क्षेत्रों में गश्त कराने जैसे काम लिए जाने की संभावना है.

अधिकारियों ने कहा, 'बीएसएफ, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पुलिस कर्तव्यों के लिए भारतीय नस्ल के कुत्तों की भर्ती करने के लिए पूरी तरह तैयार है. रामपुर हाउंड जैसे कुछ नस्लों के कुत्तों का परीक्षण चल रहा है. हिमालय पर्वत के कुत्तों के परीक्षण के लिए भी आदेश जारी किया गया है.

वर्तमान में सुरक्षा बलों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने कुत्तों में लगभग सभी कुत्ते विदेशी नस्ल के हैं. इनमें अधिकांश जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, बेल्जियम मैलिनोइस और कॉकर स्पैनियल जैसे विदेशी नस्लों के कुत्ते हैं. भारतीय कुत्ते की नस्ल मुधोल हाउंड का परीक्षण एसएसबी और आईटीबीपी द्वारा पहले ही पूरा किया जा चुका है. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा,'रामपुर हाउंड जैसे कुछ अन्य भारतीय कुत्तों की नस्लों का परीक्षण भी सीआरपीएफ और बीएसएफ के कुत्ते प्रशिक्षण केंद्रों में चल रहा है.'

इसके अलावा मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा एक साथ हिमाचली शेफर्ड, गद्दी, बखरवाल और तिब्बती मास्टिफ जैसे हिमालय पर्वतीय कुत्तों के परीक्षण का भी आदेश दिया है. अभी ट्रायल चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी वैज्ञानिक तरीकों से स्थानीय कुत्तों की नस्ल को बढ़ावा देने की बात कह चुके हैं.

सीएपीएफ द्वारा किराए पर लिए गए सभी कुत्ते पुलिस सेवा के9 (पीएसके) दस्तों का हिस्सा हैं. सीएपीएफ द्वारा कुत्तों को प्रशिक्षित कर बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स को सौंप दिया जाता है. पुलिस कुत्तों को गश्त और अन्य कार्यों के अलावा आईईडी, खदानों, नशीले पदार्थों और नकली मुद्रा और विस्फोटकों का पता लगाने जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.

ये भी पढ़ें- G-20 summit: मेहमानों की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे तैनात रहेंगे विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड के 69 कुत्ते

अधिकारी ने कहा कि कभी-कभी आतंकवादियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान में कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है. सीएपीएफ देश में लगभग 4,000 कुत्तों का इस्तेमाल करने वाला सबसे बड़ा संगठन है. हर साल लगभग 300 पिल्लों को सीएपीएफ द्वारा रखा जाता है. सीएपीएफ में कुत्तों की सबसे बड़ी संख्या केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (लगभग 1,500) के पास है. इसके बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (लगभग 700) का नंबर आता है. एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'आतंकवाद विरोधी संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के पास लगभग 100 कुत्ते हैं.

नई दिल्ली: भारतीय नस्ल के कुत्तों से भी अब सुरक्षा बलों द्वारा काम लिए जाने की उम्मीद है. भारतीय नस्ल के कुत्तों में शामिल रामपुर हाउंड, हिमालय पर्वतीय कुत्ते हिमाचली शेफर्ड, तिब्बती मास्टिफ व अन्य प्रजातियों के कुत्तों को जल्द ही संदिग्धों, नशीले पदार्थों और विस्फोटकों को सूंघने के अलावा जोखिम वाले क्षेत्रों में गश्त कराने जैसे काम लिए जाने की संभावना है.

अधिकारियों ने कहा, 'बीएसएफ, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पुलिस कर्तव्यों के लिए भारतीय नस्ल के कुत्तों की भर्ती करने के लिए पूरी तरह तैयार है. रामपुर हाउंड जैसे कुछ नस्लों के कुत्तों का परीक्षण चल रहा है. हिमालय पर्वत के कुत्तों के परीक्षण के लिए भी आदेश जारी किया गया है.

वर्तमान में सुरक्षा बलों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने कुत्तों में लगभग सभी कुत्ते विदेशी नस्ल के हैं. इनमें अधिकांश जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, बेल्जियम मैलिनोइस और कॉकर स्पैनियल जैसे विदेशी नस्लों के कुत्ते हैं. भारतीय कुत्ते की नस्ल मुधोल हाउंड का परीक्षण एसएसबी और आईटीबीपी द्वारा पहले ही पूरा किया जा चुका है. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा,'रामपुर हाउंड जैसे कुछ अन्य भारतीय कुत्तों की नस्लों का परीक्षण भी सीआरपीएफ और बीएसएफ के कुत्ते प्रशिक्षण केंद्रों में चल रहा है.'

इसके अलावा मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) द्वारा एक साथ हिमाचली शेफर्ड, गद्दी, बखरवाल और तिब्बती मास्टिफ जैसे हिमालय पर्वतीय कुत्तों के परीक्षण का भी आदेश दिया है. अभी ट्रायल चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी वैज्ञानिक तरीकों से स्थानीय कुत्तों की नस्ल को बढ़ावा देने की बात कह चुके हैं.

सीएपीएफ द्वारा किराए पर लिए गए सभी कुत्ते पुलिस सेवा के9 (पीएसके) दस्तों का हिस्सा हैं. सीएपीएफ द्वारा कुत्तों को प्रशिक्षित कर बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स को सौंप दिया जाता है. पुलिस कुत्तों को गश्त और अन्य कार्यों के अलावा आईईडी, खदानों, नशीले पदार्थों और नकली मुद्रा और विस्फोटकों का पता लगाने जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.

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अधिकारी ने कहा कि कभी-कभी आतंकवादियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान में कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है. सीएपीएफ देश में लगभग 4,000 कुत्तों का इस्तेमाल करने वाला सबसे बड़ा संगठन है. हर साल लगभग 300 पिल्लों को सीएपीएफ द्वारा रखा जाता है. सीएपीएफ में कुत्तों की सबसे बड़ी संख्या केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (लगभग 1,500) के पास है. इसके बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (लगभग 700) का नंबर आता है. एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'आतंकवाद विरोधी संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के पास लगभग 100 कुत्ते हैं.

Last Updated : Oct 23, 2023, 2:55 PM IST
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