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गाम्बिया में कफ सिरप से 66 बच्चों की मौत का मामला, सोनीपत की फार्मास्युटिकल्स कंपनी में जांच के लिए पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

अफ्रीकी देश गाम्बिया में कफ सिरप का सेवन करने से 66 बच्चों की मौत हो गई है. बच्चों की मौत के बाद डब्ल्यूएचओ ने भारत में स्थित मेडन फार्मास्युटिकल लिमिटेड कंपनी (Medan Pharmaceutical limited Company Sonipat) के चार कफ सिरप को जानलेवा घोषित किया है. अब इस मामले की जांच करने के लिए दिल्ली की एक टीम सोनीपत पहुंची है.

Medan Pharmaceutical limited Company Sonipat
गाम्बिया में कफ सिरप से 66 बच्चों की मौत का मामला
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Published : Oct 6, 2022, 1:29 PM IST

सोनीपत: अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत हो गई है. कहा जा रहा है कि बच्चों की मौत भारत में बने चार कफ और कोल्ड सिरप पीने के कारण हुई है. इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने मैडन फार्मास्यूटिकल्स को उनके चार कफ और कोल्ड सिरप को लेकर चेतावनी दी है. डब्ल्यूएचओ की चेतावनी के बाद केंद्र सरकार ने हरियाणा के सोनीपत में स्थित मेडन फार्मास्युटिकल लिमिटेड कंपनी (Medan Pharmaceutical limited Company Sonipat) द्वारा निर्मित चार कफ और कोल्ड सिरप की जांच शुरू कर दी है. इसी कड़ी में दिल्ली और सोनीपत स्वास्थ्य विभाग की टीम कंपनी में दवाओं की जांच करने पहुंची है. इस बात की जानकारी जैसे ही मीडिया को पता चली तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कैमरे से दूरी बना ली. जानकारी के अनुसार फैक्ट्री के अंदर मीडिया को जाने से रोक दिया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने बुधवार को चार भारत-निर्मित दवाओं के लिए अलर्ट जारी करते हुए कहा कि इसे पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र द गाम्बिया में पहचाना गया, जिससे अभी तक 66 बच्चों की मौत हो गई है. इसमें ऐसे रसायन पाए गए जो जहरीले और संभावित रूप से घातक हैं.

डब्ल्यूएचओ मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट ने कहा कि सितंबर में रिपोर्ट किए गए चार घटिया उत्पाद प्रोमेथाजि़न ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मैकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप हैं, इन सभी को सोनीपत में स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Maiden Pharmaceuticals Limited) द्वारा निर्मित बताया गया है.

यह देखते हुए कि कथित निर्माता ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी प्रदान नहीं की है, अलर्ट में कहा गया है कि चार उत्पादों में से प्रत्येक के नमूनों का प्रयोगशाला विश्लेषण पुष्टि करता है कि उनमें डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा है, दोनों विषाक्त हैं. इनका सेवन घातक साबित हो सकता है.

इस अलर्ट में संदर्भित घटिया उत्पाद असुरक्षित हैं और उनका उपयोग विशेष रूप से बच्चों में, गंभीर बीमारी या मृत्यु का परिणाम हो सकता है. यह कहते हुए कि इसके सेवन से पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में असमर्थता, सिरदर्द, बदली हुई मानसिक स्थिति और तीव्र गुर्दे का दर्द शामिल हो सकता है जिससे मृत्यु हो सकती है.

ये भी पढ़ें-डब्ल्यूएचओ ने 66 बच्चों की मौत के बाद चार भारत निर्मित बाल चिकित्सा कफ सिरप पर जारी किया अलर्ट

सोनीपत: अफ्रीकी देश गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत हो गई है. कहा जा रहा है कि बच्चों की मौत भारत में बने चार कफ और कोल्ड सिरप पीने के कारण हुई है. इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने मैडन फार्मास्यूटिकल्स को उनके चार कफ और कोल्ड सिरप को लेकर चेतावनी दी है. डब्ल्यूएचओ की चेतावनी के बाद केंद्र सरकार ने हरियाणा के सोनीपत में स्थित मेडन फार्मास्युटिकल लिमिटेड कंपनी (Medan Pharmaceutical limited Company Sonipat) द्वारा निर्मित चार कफ और कोल्ड सिरप की जांच शुरू कर दी है. इसी कड़ी में दिल्ली और सोनीपत स्वास्थ्य विभाग की टीम कंपनी में दवाओं की जांच करने पहुंची है. इस बात की जानकारी जैसे ही मीडिया को पता चली तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कैमरे से दूरी बना ली. जानकारी के अनुसार फैक्ट्री के अंदर मीडिया को जाने से रोक दिया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने बुधवार को चार भारत-निर्मित दवाओं के लिए अलर्ट जारी करते हुए कहा कि इसे पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र द गाम्बिया में पहचाना गया, जिससे अभी तक 66 बच्चों की मौत हो गई है. इसमें ऐसे रसायन पाए गए जो जहरीले और संभावित रूप से घातक हैं.

डब्ल्यूएचओ मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट ने कहा कि सितंबर में रिपोर्ट किए गए चार घटिया उत्पाद प्रोमेथाजि़न ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मैकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप हैं, इन सभी को सोनीपत में स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Maiden Pharmaceuticals Limited) द्वारा निर्मित बताया गया है.

यह देखते हुए कि कथित निर्माता ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी प्रदान नहीं की है, अलर्ट में कहा गया है कि चार उत्पादों में से प्रत्येक के नमूनों का प्रयोगशाला विश्लेषण पुष्टि करता है कि उनमें डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा है, दोनों विषाक्त हैं. इनका सेवन घातक साबित हो सकता है.

इस अलर्ट में संदर्भित घटिया उत्पाद असुरक्षित हैं और उनका उपयोग विशेष रूप से बच्चों में, गंभीर बीमारी या मृत्यु का परिणाम हो सकता है. यह कहते हुए कि इसके सेवन से पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में असमर्थता, सिरदर्द, बदली हुई मानसिक स्थिति और तीव्र गुर्दे का दर्द शामिल हो सकता है जिससे मृत्यु हो सकती है.

ये भी पढ़ें-डब्ल्यूएचओ ने 66 बच्चों की मौत के बाद चार भारत निर्मित बाल चिकित्सा कफ सिरप पर जारी किया अलर्ट

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