नई दिल्ली : भारतीय तटरक्षक बल ने एक श्रीलंकाई जहाज को जब्त कर समुद्री मार्ग से होने वाली एक बड़ी ड्रग तस्करी को सफलतापूर्वक टाल दिया. तटरक्षक बल ने कहा है कि पकड़े जाने के डर से श्रीलंकाई फिशिंगशिप ने 260 किलोग्राम मादक पदार्थों को लक्षद्वीप सागर में फेंक दिया.
तटीय सुरक्षा बलों ने पूछताछ के लिए चालक दल के छह सदस्यों को हिरासत में लिया है.
भारतीय तटरक्षक बल ने सोमवार को एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन नशीले पदार्थों का मूल्य लगभग 2,100 करोड़ रुपये है.
लक्षद्वीप द्वीपों पर गश्त करते समय तट रक्षक जहाज और विमान तीन श्रीलंकाई मछली पकड़ने वाली नौकाओं के संदिग्ध गतिविधियों का निरीक्षण करते थे.
तट रक्षक बल की यूनिट उन पर लगातार नजर रख रह थी. बाद में मौका-मुआयना करके उन्हें रोक दिया गया. प्रारंभिक जांच में पता चला कि श्रीलंकाई जहाज अकराशा दुवा एक पखवाड़े से अधिक समय तक समुद्र में था.
तटरक्षक बल ने कहा कि चालक दल की असंगत सूचना और चालक दल के असामान्य व्यवहार ने संदेह स्तर को और बढ़ा दिया. चूंकि चालक दल भ्रामक बयान दे रहे थे, इसलिए उनसे चतुराई से पूछताछ की गई. इसके बाद चालक दल ने मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होना स्वीकार किया.
सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ के लिए श्रीलंकाई जहाजों को रविवार को तिरुवनंतपुरम के निकट विझिनजाम तट पर लाया गया.
गौरतलब है कि नवंबर 2020 में इसी तरह के एक ऑपरेशन में, तटीय सुरक्षा बलों ने कन्याकुमारी से दूर श्रीलंकाई मछली पकड़ने की नाव 'शेनया डूवा' को पकड़ा था, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 1,000 करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थों को ले जा रही थी.
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