ETV Bharat / bharat

पूर्वी लद्दाख: सेना की टैंक रेजिमेंट ऊंचाई वाले इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैयार

भारतीय सेना की टैंक रेजिमेंट पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैयार है. सेना के बख्तरबंद रेजिमेंट्स ने क्षेत्र में 14,000 से 17,000 फीट की ऊंचाई पर हथियारों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को विकसित किया है.

भारतीय सेना की टैंक रेजिमेंट
भारतीय सेना की टैंक रेजिमेंट
author img

By

Published : Aug 9, 2021, 9:31 AM IST

Updated : Aug 9, 2021, 10:25 AM IST

लद्दाख : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कुछ बिंदुओं पर अभी भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है. वहीं, भारतीय सेना की टैंक रेजिमेंट पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई वाले इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैयार है.

भारतीय सेना एक साल से अधिस समय से पूर्वी लद्दाख में बड़े पैमाने पर टैंकों की तैनाती कर रही थी. इस दौरान सेना के बख्तरबंद रेजिमेंट्स ने क्षेत्र में 14,000 से 17,000 फीट की ऊंचाई पर हथियारों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को विकसित किया है.

पिछले साल जून महीने में एलएसी पर चीन के साथ अत्यधिक तनाव बढ़ने के बाद भारतीय सेना ने टी-90 भीष्म और टी-72 अजय टैंकों के साथ-साथ बीएमपी सीरीज इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स (ICV) को इन ऊंचाई वाले स्थानों पर बड़े पैमाने पर तैनात करना शुरू किया था. पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए इसे ऑपरेशन स्नो लेपर्ड (Operation Snow Leopard ) नाम दिया गया था.

यह भी पढ़ें- सामरिक रणनीति के तहत चीन की सीमा से महज 25 किमी दूर तैनात हुआ अपाचे

सेना के एक अधिकारी ने को बताया, हम पहले ही पूर्वी लद्दाख में इन ऊंचाइयों पर -45 डिग्री तक तापमान का अनुभव करते हुए एक साल बिता चुके हैं. हमने इन तापमानों और कठोर इलाकों में टैंकों को संचालित करने के लिए अपने एसओपी विकसित किए हैं.

पैंगोंग झील और गोगरा जैसे कुछ ऊंचाई वाले स्थानों पर विघटन के बावजूद, दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की उपस्थिति बनाए रखा है. भारतीय सेना का भी इन क्षेत्रों में टैंक और आईसीवी के साथ अपने अभियान को मजबूत करने का मिशन जारी है, ताकि इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर किसी भी खतरे या चुनौती से निपटा जा सके.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना की एक टैंक रेजिमेंट को चीन सीमा से बमुश्किल 40 किलोमीटर दूर पर एक ऊंचाई वाले क्षेत्र में युद्धाभ्यास करते हुए देखा गया है.

भारतीय सेना ने पिछले साल पूर्वी लद्दाख में टैंक शेल्टर सहित अपने टैंक संचालन का समर्थन करने के लिए बड़ा बुनियादी ढांचा बनाया है, जो सर्दियों के दौरान हथियारों को खुले में पार्क करने से बचने में मदद करता है.

अधिकारी ने कहा, अब इन टैंकों के रखरखाव पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि अत्यधिक सर्दियां रबर और अन्य भागों पर प्रभाव डाल सकती हैं. अगर हम इन टैंकों को अच्छी तरह से बनाए रख सकते हैं, तो हम इन्हें यहां बहुत लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं.

(एएनआई)

लद्दाख : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कुछ बिंदुओं पर अभी भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है. वहीं, भारतीय सेना की टैंक रेजिमेंट पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई वाले इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैयार है.

भारतीय सेना एक साल से अधिस समय से पूर्वी लद्दाख में बड़े पैमाने पर टैंकों की तैनाती कर रही थी. इस दौरान सेना के बख्तरबंद रेजिमेंट्स ने क्षेत्र में 14,000 से 17,000 फीट की ऊंचाई पर हथियारों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को विकसित किया है.

पिछले साल जून महीने में एलएसी पर चीन के साथ अत्यधिक तनाव बढ़ने के बाद भारतीय सेना ने टी-90 भीष्म और टी-72 अजय टैंकों के साथ-साथ बीएमपी सीरीज इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स (ICV) को इन ऊंचाई वाले स्थानों पर बड़े पैमाने पर तैनात करना शुरू किया था. पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए इसे ऑपरेशन स्नो लेपर्ड (Operation Snow Leopard ) नाम दिया गया था.

यह भी पढ़ें- सामरिक रणनीति के तहत चीन की सीमा से महज 25 किमी दूर तैनात हुआ अपाचे

सेना के एक अधिकारी ने को बताया, हम पहले ही पूर्वी लद्दाख में इन ऊंचाइयों पर -45 डिग्री तक तापमान का अनुभव करते हुए एक साल बिता चुके हैं. हमने इन तापमानों और कठोर इलाकों में टैंकों को संचालित करने के लिए अपने एसओपी विकसित किए हैं.

पैंगोंग झील और गोगरा जैसे कुछ ऊंचाई वाले स्थानों पर विघटन के बावजूद, दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की उपस्थिति बनाए रखा है. भारतीय सेना का भी इन क्षेत्रों में टैंक और आईसीवी के साथ अपने अभियान को मजबूत करने का मिशन जारी है, ताकि इन ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर किसी भी खतरे या चुनौती से निपटा जा सके.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना की एक टैंक रेजिमेंट को चीन सीमा से बमुश्किल 40 किलोमीटर दूर पर एक ऊंचाई वाले क्षेत्र में युद्धाभ्यास करते हुए देखा गया है.

भारतीय सेना ने पिछले साल पूर्वी लद्दाख में टैंक शेल्टर सहित अपने टैंक संचालन का समर्थन करने के लिए बड़ा बुनियादी ढांचा बनाया है, जो सर्दियों के दौरान हथियारों को खुले में पार्क करने से बचने में मदद करता है.

अधिकारी ने कहा, अब इन टैंकों के रखरखाव पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि अत्यधिक सर्दियां रबर और अन्य भागों पर प्रभाव डाल सकती हैं. अगर हम इन टैंकों को अच्छी तरह से बनाए रख सकते हैं, तो हम इन्हें यहां बहुत लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं.

(एएनआई)

Last Updated : Aug 9, 2021, 10:25 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.