नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि सशस्त्र बलों के कब्जे वाली भूमि का कुल क्षेत्रफल 1,594,401.22 एकड़ है. यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री अजय भट्ट (Ajay Bhatt) ने राज्यसभा में सांसद डॉ. वी शिवदासन (MP Dr V Sivadasan) की ओर पूछे गए सवाल के जवाब में दी. राज्य मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान इस सूची में सबसे ऊपर है. यहां सशस्त्र बलों के पास 823,445.85 एकड जमीन है, उसके बाद मध्य प्रदेश में 169,692.88, महाराष्ट्र में 116,232.00, उत्तर प्रदेश में 103,384.94 और पंजाब में 73,744.48 एकड़ जमीन सशस्त्र बलों के पास है.
इस सवाल पर कि क्या सशस्त्र बलों या रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के स्वामित्व के तहत जमीन निजी क्षेत्र की कंपनियों, व्यक्तियों या संस्थाओं को स्थायी रूप से या पट्टे पर या किसी अन्य समझौते के तहत सौंपी जा रही है. MoS ने अपने लिखित उत्तर में कहा कि 'छावनी, सैन्य स्टेशनों और अन्य रक्षा क्षेत्रों में दूरसंचार बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए समय-समय पर विभिन्न सेवा प्रदाताओं को मोबाइल टावर, तार बिछाने के लिए सेल ऑन व्हील्स और भूमि पट्टे या लाइसेंस के आधार पर भूमि हस्तांतरित की जाती है.'
मंत्री ने कहा, 'वर्तमान में रक्षा मंत्रालय आमतौर पर निजी कंपनियों, संस्थाओं या व्यक्तियों को रक्षा भूमि के पट्टे या स्थायी हस्तांतरण को मंजूरी नहीं देता है.' MoS ने अपने जवाब में कहा है कि 'रक्षा भूमि को स्थायी रूप से या पट्टे पर शिक्षा, अस्पताल, बिजली सब-स्टेशन, खेल और मनोरंजन, उद्यान, सैनिकों के पुनर्वास, धार्मिक उद्देश्य आदि जैसे उद्देश्यों के लिए हस्तांतरित किया गया था.'
आंकड़ों के तहत रक्षा सार्वजनिक उपक्रम के तहत भूमि के क्षेत्र में कुल क्षेत्रफल 69,069.661 एकड़ था, जिसमें महाराष्ट्र 26564.4 एकड़ के साथ शीर्ष पर था, उसके बाद तेलंगाना 5598.84 एकड़, कर्नाटक 5092.80 एकड़ है.
इसी तरह दूरसंचार बुनियादी ढांचे की स्थापना के उद्देश्य से निजी क्षेत्र की कंपनियों को कुल 8.38 एकड़ भूमि सौंपी गई है. राजस्थान में 2.66 एकड़, पश्चिम बंगाल में 1.44 एकड़ और पंजाब में 1.139 एकड़ जमीन सौंपी गई है. रक्षा भूमि को सार्वजनिक परियोजना की प्रकृति के आधार पर निर्धारित प्रीमियम और किराए के साथ पट्टे/लाइसेंस पर भी दिया जा सकता है. आंकड़ों के अनुसार, सशस्त्र बलों के तहत कुल 271.533 एकड़ रक्षा भूमि व्यक्तियों / संस्थाओं को विभिन्न अन्य उद्देश्यों के लिए सौंपी गई है.
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