नई दिल्ली : दुश्मन के टैंक अब भारतीय सेना (Indian Army) से बच नहीं सकेंगे. भारतीय सेना 1,750 फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (Futuristic Infantry Combat Vehicles) और 350 लाइट टैंक (light tanks) खरीदेगी. मेक इन इंडिया पहल के तहत इन्हें खरीदे जाने के लिए गुरुवार को भारतीय सेना ने अनुरोध पत्र (आरएफआई) जारी किया.
भारतीय सेना का कहना है कि वह पूर्वी लद्दाख जैसे रेगिस्तान और उभयचर इलाके में वाहनों को तैनात करना चाहती है. एफआईसीवी परियोजना लंबे समय से योजना में है और टैंक-बस्टिंग क्षमताओं से लैस एक आधुनिक सैनिक वाहक की आवश्यकता हाल ही में लद्दाख संघर्ष के दौरान महसूस की गई.
हल्के टैंक भी खरीदे जाएंगे
लद्दाख घटनाक्रम के अनुभवों के कारण भारतीय सेना प्रदर्शन-आधारित रसद, विशिष्ट प्रौद्योगिकियों, इंजीनियरिंग सहायता पैकेज और अन्य रखरखाव और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के साथ-साथ चरणबद्ध तरीके से 350 हल्के टैंक प्राप्त करने की संभावना भी देख रही है. भारतीय सेना ने कहा है कि लाइट टैंक 'मेक-इन-इंडिया' और रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) - 2020 के तहत खरीदने की योजना है.
25 टन के कम भार वाले टैंक चाहिए
भारतीय सेना ने कहा कि वह चाहती है कि 25 टन से कम भार वाले टैंक का उपयोग ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्र (HAA), सीमांत इलाके (रण), पानी और जमीन दोनों पर किया जाए. यानी साफ है कि टैंक विभिन्न परिस्थितियों और इलाकों में काम करने में सक्षम होना चाहिए. सूत्रों का कहना है कि सेना चाहती है कि इन टैंकों में विमान-रोधी और जमीनी भूमिका के लिए कई हथियार, उन्नत बहुउद्देशीय स्मार्ट युद्ध सामग्री और गन ट्यूब लॉन्च एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें भी होनी चाहिए.
भारी हैं रूसी टैंक, अर्जुन टैंक का वजन 68.5 टन
लद्दाख गतिरोध के दौरान सेना ने अपने मौजूदा भारी टी-90, टी-72 टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों को तैनात किया था. सेना के आर्मर्ड कॉर्प्स के रूसी मूल के टैंकों का वजन कहीं भी 40-50 टन के बीच होता है. अर्जुन टैंक के नवीनतम संस्करण का वजन करीब 68.5 टन है.
(एएनआई)