ETV Bharat / bharat

Arunachal Pradesh : भारतीय सेना ने पीएलए से किया संपर्क, मांगी सहायता

author img

By

Published : Jan 20, 2022, 5:11 PM IST

Updated : Feb 2, 2022, 2:24 PM IST

पीआरओ रक्षा तेजपुर ने बताया प्रोटोकॉल के अनुसार उसका पता लगाने और उसे वापस करने के लिए पीएलए से सहायता मांगी गई है.

Miram Taron
मिराम तारन

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में कथित तौर पर चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) ने 17 साल के एक भारतीय युवक को बंदी बना लेने की सूचना के बाद भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारतीय सेना ने हॉटलाइन के माध्यम से तुरंत पीएलए से संपर्क किया, प्रोटोकॉल के अनुसार उसका पता लगाने और उसे वापस करने के लिए पीएलए से सहायता मांगी गई है. समाचार एजेंसियों को यह जानकारी पीआरओ रक्षा तेजपुर दी.

अरुणाचल प्रदेश के सांसद ने लगाई मदद की गुहार

इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के लोकसभा सांसद तपीर गाओ (arunachal pradesh mp tapir gao) ने इसका दावा किया कि चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) ने 17 साल के एक भारतीय युवक को बंदी बना लिया है. सांसद तपीर गाओ ने कहा कि 17 वर्षीय मिराम तारन को मंगलवार को भारतीय क्षेत्र से पीएलए (चीनी सेना) ने बंदी बनाया गया है. गाओ ने बताया है कि जिदो गांव के रहने वाले 17 साल के मिराम टैरोन का अपहरण कर चीनी सैनिकों ने उसे बंदी बना लिया. घटना 18 जनवरी 2022 की बताई जा रही है. अब इस मामले में सांसद ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है.सांसद ने इस घटना को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि18 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में सियुंगला क्षेत्र में भारतीय सीमा के अंदर से युवक को चीनी सैनिक उठाकर ले गए हैं. सांसद के मुताबिक युवक का दोस्त पीएलए के चंगुल से भाग निकला और अधिकारियों को इसकी सूचना दी. तपीर गाओ ने भारत सरकार की सभी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि युवकी की जल्द रिहाई के लिए कदम उठाएं.

पढ़ें : अरुणाचल प्रदेश से युवक के अपहरण मामले पर खड़गे का तंज- बीजिंग जनता पार्टी केवल चुप है

बता दें, लुंगटा जोर वहीं भारतीय क्षेत्र है जहां चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर लिया था. चीनी सैनिकों द्वारा अगवा किया गया युवक और उसका दोस्त दोनों स्थानीय शिकारी हैं और जिदो गांव के रहने वाले हैं.तपीर गाओ ने कहा कि घटना उस स्थान के पास हुई जहां त्सांगपो नदी भारतीय क्षेत्र में (Arunachal Pradesh) में प्रवेश करती है. त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है. गाओ ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक को घटना से अवगत करा दिया है और उनसे इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. गाओ ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना को टैग किया है. सितंबर 2020 में भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें रिहा कर दिया था. भारत-चीन ताजा घटना ऐसे समय में आई है जब भारतीय सेना अप्रैल 2020 से पूर्वी लद्दाख में पीएलए और भारतीय सेना के बीच गतिरोझ जारी है. भारत लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) साझा करता हैं. चीन अरुणाचल के कई हिस्सों पर अपना दावा करता रहा है.

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में कथित तौर पर चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) ने 17 साल के एक भारतीय युवक को बंदी बना लेने की सूचना के बाद भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारतीय सेना ने हॉटलाइन के माध्यम से तुरंत पीएलए से संपर्क किया, प्रोटोकॉल के अनुसार उसका पता लगाने और उसे वापस करने के लिए पीएलए से सहायता मांगी गई है. समाचार एजेंसियों को यह जानकारी पीआरओ रक्षा तेजपुर दी.

अरुणाचल प्रदेश के सांसद ने लगाई मदद की गुहार

इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के लोकसभा सांसद तपीर गाओ (arunachal pradesh mp tapir gao) ने इसका दावा किया कि चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army) ने 17 साल के एक भारतीय युवक को बंदी बना लिया है. सांसद तपीर गाओ ने कहा कि 17 वर्षीय मिराम तारन को मंगलवार को भारतीय क्षेत्र से पीएलए (चीनी सेना) ने बंदी बनाया गया है. गाओ ने बताया है कि जिदो गांव के रहने वाले 17 साल के मिराम टैरोन का अपहरण कर चीनी सैनिकों ने उसे बंदी बना लिया. घटना 18 जनवरी 2022 की बताई जा रही है. अब इस मामले में सांसद ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है.सांसद ने इस घटना को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि18 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में सियुंगला क्षेत्र में भारतीय सीमा के अंदर से युवक को चीनी सैनिक उठाकर ले गए हैं. सांसद के मुताबिक युवक का दोस्त पीएलए के चंगुल से भाग निकला और अधिकारियों को इसकी सूचना दी. तपीर गाओ ने भारत सरकार की सभी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि युवकी की जल्द रिहाई के लिए कदम उठाएं.

पढ़ें : अरुणाचल प्रदेश से युवक के अपहरण मामले पर खड़गे का तंज- बीजिंग जनता पार्टी केवल चुप है

बता दें, लुंगटा जोर वहीं भारतीय क्षेत्र है जहां चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर लिया था. चीनी सैनिकों द्वारा अगवा किया गया युवक और उसका दोस्त दोनों स्थानीय शिकारी हैं और जिदो गांव के रहने वाले हैं.तपीर गाओ ने कहा कि घटना उस स्थान के पास हुई जहां त्सांगपो नदी भारतीय क्षेत्र में (Arunachal Pradesh) में प्रवेश करती है. त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है. गाओ ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक को घटना से अवगत करा दिया है और उनसे इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. गाओ ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना को टैग किया है. सितंबर 2020 में भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें रिहा कर दिया था. भारत-चीन ताजा घटना ऐसे समय में आई है जब भारतीय सेना अप्रैल 2020 से पूर्वी लद्दाख में पीएलए और भारतीय सेना के बीच गतिरोझ जारी है. भारत लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) साझा करता हैं. चीन अरुणाचल के कई हिस्सों पर अपना दावा करता रहा है.

Last Updated : Feb 2, 2022, 2:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.