श्रीनगर : लद्दाख में स्थानीय लोगों द्वारा गत छह जुलाई को तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का 86वां जन्मदिन मनाया गया. मगर इस दौरान कुछ चीनी निवासियों और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने इसका विरोध किया और बैनर व चीनी झंडे दिखाए. यह घटना लद्दाख के कोयुल ( Koyul) इलाके में सिंधु नदी के तट पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हुई.
भारतीय सेना ने भी स्वीकार किया है कि यह घटना एलएसी के पास हुई है. श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल इमरोन मुसावी (Lt Col Emron Musavi) ने ईटीवी भारत को बताया कि घटना दलाई लामा के जन्मदिन के अवसर पर हुई थी. उनका कहना है कि चीन के लोग हर साल ऐसा करते हैं. यह कोई नई बात नहीं है.
रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि चीनी सैनिक व नागरिक भारतीय क्षेत्र में नहीं आए थे, चीनी क्षेत्र में ही थे.
चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टेनजेन (Konchok Stanzen) ने कहा कि चीनी सैनिकों और कुछ नागरिकों ने सिंधु नदी के ठीक सामने कोयुल के पास डोले (Dolay) में बैनर दिखाए, जहां भारतीय ग्रामीण दलाई लामा का बर्थडे मना रहे थे. उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. चीन की तरफ से सीमा पर हर घटना पर प्रतिक्रिया दी जाती है.
स्टेनजेन के अनुसार, यह घटना 6 जुलाई, 2021 की सुबह एलएसी के पास हुई. उन्होंने कहा कि बैनर पर मंदारिन में कुछ लिखा था, हम उस भाषा को नहीं समझते हैं. लेकिन जिस क्षेत्र पर वे विरोध कर रहे थे वह भारत का है.
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ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब लद्दाख में इस तरह की घटना हुई हो. इससे पहले जुलाई 2019 में भी स्थानीय लोगों ने दलाई लामा का जन्मदिन मनाया था और चीन ने इसका विरोध किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दलाई लामा के जन्मदिन पर उनसे टेलीफोन पर बात की थी और उन्हें बधाई दी थी.