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भारतीय वायु सेना ने ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल के विस्तारित रेंज वर्जन का किया सफल परीक्षण - ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल

भारतीय वायु सेना ने बुधवार को ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. रक्षा अधिकारी ने बताया कि यह मिसाइल लगभग 400 किमी की दूरी पर लक्ष्य को मार सकती है.

BrahMos air launched missile test
ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल का परीक्षण
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Published : Dec 29, 2022, 5:32 PM IST

Updated : Dec 29, 2022, 6:55 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने सुखोई एसयू-30 एमकेआई विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. सुखोई विमान से दागी गई यह विस्तारित रेंज संस्करण की एयर लॉन्च मिसाइल थी. भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को बताया कि यह एयर लॉन्च मिसाइल करीब 400 किलोमीटर के दायरे में लक्ष्य को भेद सकती है. सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान से प्रक्षेपित किए जाने के बाद, मिसाइल ने अपने जहाज के केंद्र में लक्ष्य को भेदा.

मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में वांछित मिशन उद्देश्यों को प्राप्त किया. भारतीय वायु सेना ने कहा कि इसके साथ, वायु सेना ने लंबी दूरी पर भूमि और समुद्री लक्ष्यों के खिलाफ विमान से सटीक हमले करने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षमता वृद्धि हासिल की है. भारतीय वायु सेना के अनुसार, सुखोई एसयू-30 विमान के उच्च प्रदर्शन के साथ युग्मित मिसाइल की विस्तारित रेंज क्षमता उन्हें एक रणनीतिक पहुंच देती है. यह पहल भारत को भविष्य के युद्ध क्षेत्रों पर हावी होने की क्षमता देती है.

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना, डीआरडीओ, बीएपीएल और एचएएल के समर्पित और सहक्रियाशील प्रयासों ने इस उपलब्धि को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारतीय वायु सेना में मिसाइल प्रणाली की नई रेंज, लंबी दूरी के गाइडेड बम, पारंपरिक बमों के लिए रेंज ऑग्मेंटेशन किट और उन्नत निगरानी प्रणाली को शामिल करके वायु सेना को और अधिक घातक क्षमताओं के साथ मजबूत किया जाएगा.

पिछले हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 24 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति को मंजूरी दी थी. इन प्रस्तावों में भारतीय सेना के लिए छह, भारतीय वायु सेना के लिए छह, भारतीय नौसेना के लिए 10 और भारतीय तटरक्षक बल के लिए दो, कुल 84,328 करोड़ रुपये मूल्य के प्रस्ताव शामिल हैं. इसी महीने वायु सेना को 36 राफेल जेट में से अंतिम राफेल जेट भी प्राप्त हो गया है.

पढ़ें: केंद्र ने सशस्त्र बलों के लिए 84328 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी

राफेल का एक स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगा. जबकि एक अन्य स्क्वाड्रन भारत के पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगी. राफेल डील पूरी होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है. विशेष रूप से ऐसे समय में जब चीन के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर तनाव है.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने सुखोई एसयू-30 एमकेआई विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. सुखोई विमान से दागी गई यह विस्तारित रेंज संस्करण की एयर लॉन्च मिसाइल थी. भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को बताया कि यह एयर लॉन्च मिसाइल करीब 400 किलोमीटर के दायरे में लक्ष्य को भेद सकती है. सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान से प्रक्षेपित किए जाने के बाद, मिसाइल ने अपने जहाज के केंद्र में लक्ष्य को भेदा.

मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में वांछित मिशन उद्देश्यों को प्राप्त किया. भारतीय वायु सेना ने कहा कि इसके साथ, वायु सेना ने लंबी दूरी पर भूमि और समुद्री लक्ष्यों के खिलाफ विमान से सटीक हमले करने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षमता वृद्धि हासिल की है. भारतीय वायु सेना के अनुसार, सुखोई एसयू-30 विमान के उच्च प्रदर्शन के साथ युग्मित मिसाइल की विस्तारित रेंज क्षमता उन्हें एक रणनीतिक पहुंच देती है. यह पहल भारत को भविष्य के युद्ध क्षेत्रों पर हावी होने की क्षमता देती है.

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना, डीआरडीओ, बीएपीएल और एचएएल के समर्पित और सहक्रियाशील प्रयासों ने इस उपलब्धि को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारतीय वायु सेना में मिसाइल प्रणाली की नई रेंज, लंबी दूरी के गाइडेड बम, पारंपरिक बमों के लिए रेंज ऑग्मेंटेशन किट और उन्नत निगरानी प्रणाली को शामिल करके वायु सेना को और अधिक घातक क्षमताओं के साथ मजबूत किया जाएगा.

पिछले हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 24 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति को मंजूरी दी थी. इन प्रस्तावों में भारतीय सेना के लिए छह, भारतीय वायु सेना के लिए छह, भारतीय नौसेना के लिए 10 और भारतीय तटरक्षक बल के लिए दो, कुल 84,328 करोड़ रुपये मूल्य के प्रस्ताव शामिल हैं. इसी महीने वायु सेना को 36 राफेल जेट में से अंतिम राफेल जेट भी प्राप्त हो गया है.

पढ़ें: केंद्र ने सशस्त्र बलों के लिए 84328 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी

राफेल का एक स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगा. जबकि एक अन्य स्क्वाड्रन भारत के पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगी. राफेल डील पूरी होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है. विशेष रूप से ऐसे समय में जब चीन के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर तनाव है.

(आईएएनएस)

Last Updated : Dec 29, 2022, 6:55 PM IST
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