नई दिल्ली: भारत में ब्रिटेन के हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने मंगलवार को कहा है, कि भारत इस दशक के अंत तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा और यूनाइटेड किंगडम से आगे निकल जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए नई दिल्ली और लंदन को एक साथ काम करने की जरूरत है. आपको बता दें कि, इसी महीने भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और इसने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है. पिछले 10 सालों में भारत 11वें नंबर से पांचवें नंबर पर आ गया है.
ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने नई दिल्ली में बोलते हुए कहा कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था कमोबेश इस वक्त एक ही आकार के हैं. उन्होंने कहा कि भारत काफी तेजी से आगे बढ़ेगा और इस दशक के अंत तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जायेगा. इसलिए दोनों देशों को एक साथ काम करने की जरूरत है. ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने ये बातें भारत-यूके बिजनेस आउटरीच ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट एलायंस कार्यक्रम में कही है.
उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ छोड़ दिया है और हमारे लिए अपने नियमों को लिखने का एक अवसर है. हम वास्तव में भारत के साथ अच्छी तरह से आगे बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी राजनीतिक इच्छा भी यही है. पीएम मोदी और यूके पीएम लिज़ ट्रस ने एक सप्ताह पहले ही बात की थी और दोनों नेताओं के बीच काफी अच्छी बातचीत रही थी. इससे पहले यूके के उच्चायुक्त ने बताया था कि नई दिल्ली और लंदन में इस साल दिवाली तक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को पूरा करने की उच्च महत्वाकांक्षा है, जो अगले 25 वर्षों में रोजगार बढ़ाएगा और भारत में काफी आर्थिक विकास लाएगा.
यह पूछे जाने पर कि, क्या यह 'दिवाली धमाका' हो सकता है, तो यूके के उच्चायुक्त ने कहा कि मुझे उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कि मुझे लगता है कि दिवाली तक एफटीए को पूरा करने की हमारी उच्च महत्वाकांक्षा है. उन्होंने कहा कि एफटीए भारत के ग्रोथ और डेवलपमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अधिक रोजगार, अधिक विकास और अधिक अवसर पैदा करेगा. पिछले महीने जारी एक उद्योग रिपोर्ट के अनुसार, भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा स्तर से 2030 तक दोगुना होने की संभावना है, जो दोनों देशों के बीच अधिक आर्थिक जुड़ाव, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के विविधीकरण और व्यापार को और भी आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है.
ग्रांट थॉर्नटन भारत ने ब्रिटेन के कन्फेडरेशन (CII) के साथ साझेदारी में ब्रिटेन मीट्स इंडिया (बीएमआई) रिपोर्ट 2022 के दूसरे संस्करण का शुभारंभ किया है, जिसमें कहा गया है कि, वैश्विक चुनौतियों की पृष्ठभूमि में भी दोनों देशों ने वैश्विक व्यवधानों के बाद भी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (DIT) में आर्थिक विकास के लिए सहयोग किया है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 618 यूके की कंपनियों की पहचान की गई है जो एक साथ लगभग 4.66 लाख लोगों को रोजगार देती हैं और उनका संयुक्त टर्नओवर 3,634.9 अरब रुपये है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में व्यापार करने वाली ब्रिटेन की इन 618 कंपनियों में से 58 कंपनियों का ग्रोथ रेट इस साल 36.3 प्रतिशत है (500 मिलियन से ज्यादा की टर्नओवर वाली कंपनियों), जबकि पिछले साल इन कंपनियों का ग्रोथ रेट 10 प्रतिशत था, यानि इस साल इन कंपनियों ने 26 प्रतिशत की तगड़ी छलांग लगाई है.
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भारत की अर्थव्यवस्था को जानिए: डॉलर एक्सचेंज रेट के लिबाज से नॉमिनल कैश के आधार पर गणना रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल भारत की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 854.7 अरब डॉलर हो गया है. इसी आधार पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 816 अरब डॉलर आंकी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है, कि वित्त वर्ष 2021 आखिरी तीन महीनों में भारत की जीडीपी में तेजी से उछाल आया है. आईएमएफ की रिपोर्ट में भी कहा गया है, कि वित्तवर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में भी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है. वहीं, मौजूदा वित्तवर्ष में भी जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना जताई गई है.