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एलएसी में बदलाव के चीन के किसी भी एकतरफा प्रयास को स्वीकार नहीं करेगा भारत : जयशंकर - चीन के साथ सीमा विवाद

विदेश मंत्री ने कहा, जो हुआ, वह इसी का परिणाम था क्योंकि उन्होंने (चीन) अग्रिम इलाकों में तैनाती की थी जो नई थी, और हमने उनके मुकाबले में तैनाती की थी, हमनें भी अग्रिम इलाकों में तैनाती की. यह बेहद खतरनाक था क्योंकि वे बहुत निकट थे.

विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Jun 19, 2022, 9:16 AM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत चीन द्वारा यथास्थिति या वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं देगा. पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर बातचीत करते हुये जयशंकर ने कहा कि चीन ने 1993 और 1996 के समझौते का उल्लंघन करते हुये सीमा पर बड़ी तादाद में सैन्य तैनाती की. उन्होंने कहा कि उसका प्रयास स्पष्ट रूप से एलएसी को एकतरफा रूप से बदलने का था.

जयशंकर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, भले ही हम उस समय कोविड-19 के दौर से गुजर रहे थे, लेकिन एक व्यापक संगठनात्मक व नियोजित प्रयास के माध्यम से, हम वास्तव में एलएसी पर उनका मुकाबला करने में सक्षम थे, जिसके बारे में मुझे लगता है कि कभी-कभी लोगों द्वारा, विश्लेषकों द्वारा, यहां तक कि इस देश में हमारी राजनीति में भी पर्याप्त रूप से इसे मान्यता नहीं दी गई है. विवाद के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा के बारे में सामान्य विचार होते हैं. आमतौर पर गश्त बिंदु पर कोई भी तैनाती नहीं होती है और सैनिक सीमावर्ती इलाकों में अंदरुनी क्षेत्रों में होते हैं.

विदेश मंत्री ने कहा, जो हुआ, वह इसी का परिणाम था क्योंकि उन्होंने (चीन) अग्रिम इलाकों में तैनाती की थी जो नई थी, और हमने उनके मुकाबले में तैनाती की थी, हमनें भी अग्रिम इलाकों में तैनाती की. यह बेहद खतरनाक था क्योंकि वे बहुत निकट थे. नियमों का पालन नहीं किया गया और फिर, दो साल पहले गलवान में ठीक वही हुआ जिसकी हमें आशंका थी. स्थिति हिंसक हो गई और लोग हताहत हुए. उन्होंने कहा, तब से, ऐसी स्थिति है जहां हम टकराव के बिंदुओं पर बातचीत करते हैं. जब आप कहते हैं कि क्या इसका परिणाम निकला है, तो उनमें से टकराव वाले कई बिंदुओं का मामला सुलझ चुका है.

पढ़ें: भारत मजबूत और एकजुट आसियान का पूर्ण समर्थन करता है : जयशंकर

जयशंकर ने कहा, ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां से वह वापस चले गये हैं. हम भी वापस आ गये हैं. याद रखें, हम दोनों अप्रैल से पहले की हमारी स्थिति से बहुत आगे निकल गये हैं. क्या सब कुछ हो गया है? नहीं. क्या हमने ठोस समाधान किए हैं? वास्तव में, हां. उन्होंने कहा, यह कठिन मेहनत का काम है. यह बहुत धैर्य का काम है, लेकिन हम स्पष्ट हैं कि हम चीन को यथास्थिति को अथवा एलएसी को बदलने के उसके किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं देंगे.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत चीन द्वारा यथास्थिति या वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं देगा. पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर बातचीत करते हुये जयशंकर ने कहा कि चीन ने 1993 और 1996 के समझौते का उल्लंघन करते हुये सीमा पर बड़ी तादाद में सैन्य तैनाती की. उन्होंने कहा कि उसका प्रयास स्पष्ट रूप से एलएसी को एकतरफा रूप से बदलने का था.

जयशंकर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, भले ही हम उस समय कोविड-19 के दौर से गुजर रहे थे, लेकिन एक व्यापक संगठनात्मक व नियोजित प्रयास के माध्यम से, हम वास्तव में एलएसी पर उनका मुकाबला करने में सक्षम थे, जिसके बारे में मुझे लगता है कि कभी-कभी लोगों द्वारा, विश्लेषकों द्वारा, यहां तक कि इस देश में हमारी राजनीति में भी पर्याप्त रूप से इसे मान्यता नहीं दी गई है. विवाद के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा के बारे में सामान्य विचार होते हैं. आमतौर पर गश्त बिंदु पर कोई भी तैनाती नहीं होती है और सैनिक सीमावर्ती इलाकों में अंदरुनी क्षेत्रों में होते हैं.

विदेश मंत्री ने कहा, जो हुआ, वह इसी का परिणाम था क्योंकि उन्होंने (चीन) अग्रिम इलाकों में तैनाती की थी जो नई थी, और हमने उनके मुकाबले में तैनाती की थी, हमनें भी अग्रिम इलाकों में तैनाती की. यह बेहद खतरनाक था क्योंकि वे बहुत निकट थे. नियमों का पालन नहीं किया गया और फिर, दो साल पहले गलवान में ठीक वही हुआ जिसकी हमें आशंका थी. स्थिति हिंसक हो गई और लोग हताहत हुए. उन्होंने कहा, तब से, ऐसी स्थिति है जहां हम टकराव के बिंदुओं पर बातचीत करते हैं. जब आप कहते हैं कि क्या इसका परिणाम निकला है, तो उनमें से टकराव वाले कई बिंदुओं का मामला सुलझ चुका है.

पढ़ें: भारत मजबूत और एकजुट आसियान का पूर्ण समर्थन करता है : जयशंकर

जयशंकर ने कहा, ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां से वह वापस चले गये हैं. हम भी वापस आ गये हैं. याद रखें, हम दोनों अप्रैल से पहले की हमारी स्थिति से बहुत आगे निकल गये हैं. क्या सब कुछ हो गया है? नहीं. क्या हमने ठोस समाधान किए हैं? वास्तव में, हां. उन्होंने कहा, यह कठिन मेहनत का काम है. यह बहुत धैर्य का काम है, लेकिन हम स्पष्ट हैं कि हम चीन को यथास्थिति को अथवा एलएसी को बदलने के उसके किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं देंगे.

पीटीआई-भाषा

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