ETV Bharat / bharat

जलवायु सम्मेलन में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी करने पर हुए सहमत भारत-अमेरिका

author img

By

Published : Apr 23, 2021, 3:21 AM IST

Updated : Apr 23, 2021, 4:42 AM IST

जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका की तरफ से आयोजित डिजिटल शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है. संयुक्त बयान के अनुसार, अमेरिका-भारत जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 समझौता शुरू कर रहे हैं. इस पर पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

जलवायु सम्मेलन
जलवायु सम्मेलन

नई दिल्ली : जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका की तरफ से आयोजित डिजिटल शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी शुरू करने पर सहमति व्यक्त की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए बहुत तेजी से, बडे पैमाने पर और विश्‍व स्‍तरीय ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत पर बल देते हुए भारत और अमेरिका के बीच स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी की घोषणा की ताकि निवेश जुटाने और पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिल सके.

जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका की तरफ से आयोजित डिजिटल शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित विश्व के 40 नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि विकास की चुनौतियों के बावजूद भारत ने प्रदूषण रहित स्‍वच्‍छ ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वृक्षारोपण और जैव विविधता के क्षेत्र में कई साहसी कदम उठाए हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का प्रति व्‍यक्ति कार्बन फुटप्रिंट वैश्विक औसत से 60 प्रतिशत कम है.

उन्होंने कहा कि जलवायु के प्रति जवाबदेह एक विकासशील देश होने के नाते भारत सतत विकास का प्रारूप बनाने के लिए भागीदारों का स्वागत करता है. इससे उन विकासशील देशों को भी मदद मदद मिलेगी जिन्हें स्वच्छ प्रौद्योगिकी और अन्य वित्तिय सुविधाओं की किफायती पहुंच की दरकार है.

पीएम मोदी ने कहा कि कहा कि इसलिए राष्ट्रपति जो बाइडेन और मैं अमेरिका-भारत जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 समझौता शुरू कर रहे हैं. हम मिलकर निवेश जुटाने, स्‍वच्‍छ टेक्‍नोलॉजी के प्रदर्शन और पर्यावरण के संरक्षण के प्रयोग में मदद करेंगे.

इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका ने जलवायु कार्रवाई और स्वच्छ ऊर्जा के लिए महत्वाकांक्षी 2030 लक्ष्य निर्धारित किए हैं. मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 2005 के स्तर से 2030 तक 50-52 प्रतिशत की कटौती का नया लक्ष्य रखा है.

भारत ने 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. साझेदारी के जरिए भारत-अमेरिका अपने महत्वाकांक्षी जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने और जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं.

बयान के अनुसार, साझेदारी का लक्ष्य वित्त जुटाना और स्वच्छ ऊर्जा परिनियोजन को गति देना होगा.

साझेदारी दो मुख्य ट्रैक के साथ आगे बढ़ेगी. स्ट्रैटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप और क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबलाइजेशन डायलॉग, जो मौजूदा प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला का निर्माण और निर्वाह करेगा.

इस सहयोग के जरिए दोनों देश यह प्रदर्शित करना चाहते हैं कि राष्ट्रीय परिस्थितियों और सतत विकास प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए दुनिया समावेशी और लचीला आर्थिक विकास के साथ स्विफ्ट क्लाइमेट एक्शन (swift climate action) को कैसे संरेखित कर सकती है.

गौरतलब है कि इससे पहले ह्वाइट हाउस द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, राष्ट्रपति का कार्यभार संभालते ही जो बाइडेन ने अमेरिका को पेरिस समझौते में शामिल करने के लिए कार्रवाई की थी.

इसके 27 दिनों के बाद बाइडेन घोषणा की कि वह जल्द ही जलवायु संकट से निबटने के लिए प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं द्वारा प्रयासों को फिर से शुरू करने के लिए एक सम्मेलन का आयोजन करेंगे.

जलवायु पर नेताओं के शिखर सम्मेलन ने तात्कालिकता और मजबूत जलवायु कार्रवाई के आर्थिक लाभों को रेखांकित करने के लिए एक मंच प्रदान किया. यह सम्मेलन इस साल नवंबर में ग्लासगो में आयोजित होने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.

नई दिल्ली : जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका की तरफ से आयोजित डिजिटल शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी शुरू करने पर सहमति व्यक्त की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए बहुत तेजी से, बडे पैमाने पर और विश्‍व स्‍तरीय ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत पर बल देते हुए भारत और अमेरिका के बीच स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में साझेदारी की घोषणा की ताकि निवेश जुटाने और पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिल सके.

जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका की तरफ से आयोजित डिजिटल शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित विश्व के 40 नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि विकास की चुनौतियों के बावजूद भारत ने प्रदूषण रहित स्‍वच्‍छ ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वृक्षारोपण और जैव विविधता के क्षेत्र में कई साहसी कदम उठाए हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का प्रति व्‍यक्ति कार्बन फुटप्रिंट वैश्विक औसत से 60 प्रतिशत कम है.

उन्होंने कहा कि जलवायु के प्रति जवाबदेह एक विकासशील देश होने के नाते भारत सतत विकास का प्रारूप बनाने के लिए भागीदारों का स्वागत करता है. इससे उन विकासशील देशों को भी मदद मदद मिलेगी जिन्हें स्वच्छ प्रौद्योगिकी और अन्य वित्तिय सुविधाओं की किफायती पहुंच की दरकार है.

पीएम मोदी ने कहा कि कहा कि इसलिए राष्ट्रपति जो बाइडेन और मैं अमेरिका-भारत जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 समझौता शुरू कर रहे हैं. हम मिलकर निवेश जुटाने, स्‍वच्‍छ टेक्‍नोलॉजी के प्रदर्शन और पर्यावरण के संरक्षण के प्रयोग में मदद करेंगे.

इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका ने जलवायु कार्रवाई और स्वच्छ ऊर्जा के लिए महत्वाकांक्षी 2030 लक्ष्य निर्धारित किए हैं. मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 2005 के स्तर से 2030 तक 50-52 प्रतिशत की कटौती का नया लक्ष्य रखा है.

भारत ने 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है. साझेदारी के जरिए भारत-अमेरिका अपने महत्वाकांक्षी जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने और जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं.

बयान के अनुसार, साझेदारी का लक्ष्य वित्त जुटाना और स्वच्छ ऊर्जा परिनियोजन को गति देना होगा.

साझेदारी दो मुख्य ट्रैक के साथ आगे बढ़ेगी. स्ट्रैटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप और क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबलाइजेशन डायलॉग, जो मौजूदा प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला का निर्माण और निर्वाह करेगा.

इस सहयोग के जरिए दोनों देश यह प्रदर्शित करना चाहते हैं कि राष्ट्रीय परिस्थितियों और सतत विकास प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए दुनिया समावेशी और लचीला आर्थिक विकास के साथ स्विफ्ट क्लाइमेट एक्शन (swift climate action) को कैसे संरेखित कर सकती है.

गौरतलब है कि इससे पहले ह्वाइट हाउस द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, राष्ट्रपति का कार्यभार संभालते ही जो बाइडेन ने अमेरिका को पेरिस समझौते में शामिल करने के लिए कार्रवाई की थी.

इसके 27 दिनों के बाद बाइडेन घोषणा की कि वह जल्द ही जलवायु संकट से निबटने के लिए प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं द्वारा प्रयासों को फिर से शुरू करने के लिए एक सम्मेलन का आयोजन करेंगे.

जलवायु पर नेताओं के शिखर सम्मेलन ने तात्कालिकता और मजबूत जलवायु कार्रवाई के आर्थिक लाभों को रेखांकित करने के लिए एक मंच प्रदान किया. यह सम्मेलन इस साल नवंबर में ग्लासगो में आयोजित होने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.

Last Updated : Apr 23, 2021, 4:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.