नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर जी20 पर्यटन कार्य समूह की 22 से 24 मई तक होने वाली बैठक के लिए पूरी तरह से तैयार है. बता दें कि अगस्त 2019 में कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद वहां पर होने वाला पहला ऐसा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम होगा. कश्मीर में जी20 बैठक की मेजबानी करने का भारत का उद्देश्य सभी चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद राज्य में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भौगोलिक विविधता को प्रदर्शित करना है. हालांकि, पाकिस्तान ने कश्मीर के विवादित क्षेत्र में जी20 की बैठक के भारत के फैसले पर आपत्ति जताई है, साथ ही इसे एक गैर-जिम्मेदाराना कदम बताया है.
गौरतलब है कि इस साल के शुरू में पाक के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि भारत का गैर-जिम्मेदाराना कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों की सरासर अवहेलना और उल्लंघन है और जम्मू और कश्मीर के अपने अवैध कब्जे को बनाए रखने के लिए स्वयं-सेवा उपायों की श्रृंखला में नवीनतम है. पाकिस्तान इन कदमों की कड़ी निंदा करता है. बयान में कहा गया है, इस तरह के आयोजन जम्मू-कश्मीर की वास्तविकता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद के रूप में नहीं छिपा सकते हैं, जो सात दशकों से अधिक समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में बना हुआ है.
पाकिस्तान के बयान में कहा गया है, ऐसे देश के लिए जिसके पास खुद के बारे में एक भव्य दृष्टि है और दुनिया में इसकी जगह है, भारत ने एक बार फिर से दिखाया है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में कार्य करने में असमर्थ है. हालांकि, भारत ने जम्मू-कश्मीर में जी20 बैठक पर पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज कर दिया. इसी कड़ी में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पिछले महीने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि ये जी20 बैठकें पूरे भारत के हर क्षेत्र में आयोजित की जा रही हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ऐसी बैठकें आयोजित करना स्वाभाविक है, क्योंकि वो भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है.
पाकिस्तान यूएनएससी सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दे को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है. भारत ने बार-बार कश्मीर मुद्दे को उठाने के पाक के नापाक प्रयास पर आपत्ति जताने के साथ ही यह दोहराया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. आजादी के बाद से ही कश्मीर का विवादित क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का एक कारण रहा है. भारत द्वारा वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद से कश्मीर मुद्दे ने एक नया मोड़ ले लिया. भारत के पिछले साल दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता संभाली थी. बता दें कि जी20 एक अंतर सरकारी मंच है जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं. यह वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रमुख मुद्दों जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता, जलवायु परिवर्तन शमन और सतत विकास के लिए काम करता है. वहीं आगामी सितंबर में नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
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