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'कोरोना वैक्सीन की 1.6 अरब खुराक के साथ सबसे बड़ा खरीदार होगा भारत'

वैश्विक विशेषज्ञों के विश्लेषण के मुताबिक, भारत 1.6 अरब खुराक के साथ दुनिया में कोविड-19 टीके का सबसे बड़ा खरीदार होगा. हर देश अपनी आबादी को कोरोना वायरस से सुरक्षित करने के लिए नयी रणनीति अपना रहे हैं. पढ़ें विस्तार से...

Covid 19 vaccine
कोविड 19 टीके
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Published : Dec 7, 2020, 5:47 PM IST

नई दिल्ली : वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत कोविड-19 टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदने वाला सबसे बड़ा खरीदार होगा. इतने टीके से 80 करोड़ लोगों या आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा और 'हर्ड इम्युनिटी' विकसित करने के लिए भी इतनी संख्या पर्याप्त होगी.

अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर के मुताबिक भारत ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके की 50 करोड़ खुराक, अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स से एक अरब खुराक और रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट से 10 करोड़ खुराक खरीदने वाला है.

हर दो सप्ताह पर अद्यतन किए जाने वाले 'लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर' विश्लेषण से पता चलता है कि भारत ने तीनों टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदने की पुष्टि की है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय संघ छह टीके की खुराक खरीदेंगे.

विश्लेषण के मुताबिक, अग्रिम खरीदार के तौर पर कोविड-19 टीका खरीदारी के मामले में भारत शीर्ष पर है. इसके बाद यूरोपीय संघ है जो 1.58 अरब खुराक खरीदेगा. संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका एक अरब से ज्यादा खुराक की खरीदारी पर मुहर लगा चुका है. हर देश अपनी आबादी को कोरोना वायरस से सुरक्षित करने के लिए नयी रणनीति अपना रहे हैं.

ड्यूक यूनिवर्सिटी ने कोविड-19 टीके की खरीदारी के लिए वैश्विक स्तर पर हुए समझौते के संबंध में विश्लेषण जारी किया है. हालांकि अब तक टीकाकरण की शुरुआत कहीं पर भी नहीं हुई है. ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने विश्लेषण में उल्लेख किया, भारत और ब्राजील जैसे निर्माण क्षमता वाले देशों ने बाजार में टीके के आने के पहले ही अग्रणी टीका निर्माताओं के साथ इसको लेकर समझौते कर लिए हैं.

विषाणु विज्ञानी शाहिद जमील ने बताया, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध और अधिकारियों से बातचीत के आधार पर यह आंकड़ा तैयार किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने नवंबर में कहा था कि जुलाई-अगस्त 2021 तक भारत में (25 से 30 करोड़) लोगों के लिए कोविड-19 की 40-50 करोड़ खुराक उपलब्ध हो जाएगी.

यह भी पढ़ें: सीरम ने मांंगी कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी, बनी पहली स्वदेशी कंपनी

जमील ने बताया कि भारत ने जिन कंपनियों के टीके के लिए अग्रिम तौर पर आदेश दिया है, उसमें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के टीके को पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तथा स्पूतनिक वी के टीका को हैदराबाद के डॉ रेड्डी लैब में तैयार किया जा रहा है.

अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के निदेशक जमील ने कहा, भारत बायोटेक और जायडस कैडिला भी वर्ष में करीब 40 करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगी. हम उम्मीद कर सकते हैं 2021 में 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो जाएगा. बाकी लोगों को उसके अगले साल टीके की खुराक दी जाएगी. उन्होंने कहा, 1.6 अरब खुराक से 80 करोड़ लोगों या भारत की आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा.

यह भी पढ़ें: पिछले 24 घंटों में 391 लोगों की मौत, 32,981 नए मामले

विषाणु विज्ञानी ने कहा, टीके की इतनी खुराक 'हर्ड इम्युनिटी' विकसित करने के लिए पर्याप्त होगी. उन्होंने कहा कि पहली 50 करोड़ खुराक अग्रिम मोर्चे के कर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों, आपात सेवा और सुरक्षा सेवा के लोगों को दी जा सकती है. पहले से गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोग और 65 से ज्यादा की उम्र के लोग भी प्राथमिकता में रहेंगे.

नई दिल्ली : वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत कोविड-19 टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदने वाला सबसे बड़ा खरीदार होगा. इतने टीके से 80 करोड़ लोगों या आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा और 'हर्ड इम्युनिटी' विकसित करने के लिए भी इतनी संख्या पर्याप्त होगी.

अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर के मुताबिक भारत ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके की 50 करोड़ खुराक, अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स से एक अरब खुराक और रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट से 10 करोड़ खुराक खरीदने वाला है.

हर दो सप्ताह पर अद्यतन किए जाने वाले 'लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर' विश्लेषण से पता चलता है कि भारत ने तीनों टीके की 1.6 अरब खुराक खरीदने की पुष्टि की है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय संघ छह टीके की खुराक खरीदेंगे.

विश्लेषण के मुताबिक, अग्रिम खरीदार के तौर पर कोविड-19 टीका खरीदारी के मामले में भारत शीर्ष पर है. इसके बाद यूरोपीय संघ है जो 1.58 अरब खुराक खरीदेगा. संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका एक अरब से ज्यादा खुराक की खरीदारी पर मुहर लगा चुका है. हर देश अपनी आबादी को कोरोना वायरस से सुरक्षित करने के लिए नयी रणनीति अपना रहे हैं.

ड्यूक यूनिवर्सिटी ने कोविड-19 टीके की खरीदारी के लिए वैश्विक स्तर पर हुए समझौते के संबंध में विश्लेषण जारी किया है. हालांकि अब तक टीकाकरण की शुरुआत कहीं पर भी नहीं हुई है. ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने विश्लेषण में उल्लेख किया, भारत और ब्राजील जैसे निर्माण क्षमता वाले देशों ने बाजार में टीके के आने के पहले ही अग्रणी टीका निर्माताओं के साथ इसको लेकर समझौते कर लिए हैं.

विषाणु विज्ञानी शाहिद जमील ने बताया, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध और अधिकारियों से बातचीत के आधार पर यह आंकड़ा तैयार किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने नवंबर में कहा था कि जुलाई-अगस्त 2021 तक भारत में (25 से 30 करोड़) लोगों के लिए कोविड-19 की 40-50 करोड़ खुराक उपलब्ध हो जाएगी.

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जमील ने बताया कि भारत ने जिन कंपनियों के टीके के लिए अग्रिम तौर पर आदेश दिया है, उसमें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के टीके को पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तथा स्पूतनिक वी के टीका को हैदराबाद के डॉ रेड्डी लैब में तैयार किया जा रहा है.

अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के निदेशक जमील ने कहा, भारत बायोटेक और जायडस कैडिला भी वर्ष में करीब 40 करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगी. हम उम्मीद कर सकते हैं 2021 में 25 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो जाएगा. बाकी लोगों को उसके अगले साल टीके की खुराक दी जाएगी. उन्होंने कहा, 1.6 अरब खुराक से 80 करोड़ लोगों या भारत की आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा.

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विषाणु विज्ञानी ने कहा, टीके की इतनी खुराक 'हर्ड इम्युनिटी' विकसित करने के लिए पर्याप्त होगी. उन्होंने कहा कि पहली 50 करोड़ खुराक अग्रिम मोर्चे के कर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों, आपात सेवा और सुरक्षा सेवा के लोगों को दी जा सकती है. पहले से गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोग और 65 से ज्यादा की उम्र के लोग भी प्राथमिकता में रहेंगे.

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