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India- Lanka Ferry Service: भारत से श्रीलंका तक की दूरी अब मात्र 3 घंटे की, जानें 40 साल से क्यों बंद थी नौका सेवा

श्रीलंका में गृह युद्ध के कारण अवरुद्ध होने के 40 साल बाद एक बार फिर से भारत और द्वीपीय राष्ट्र के बीच शनिवार को नौका सेवा (India sri Lanka Ferry Service) बहाल हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस फेरी सर्विस को हरी झंडी दिखाई (Ferry Service launched by PM) और दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जतायी. 40 साल से भारत और श्रीलंका के बीच ठप थी और अब जाकर दोनों देशों के बीच नौका सेवा ने संपर्क सदृढ़ बनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. इतने सालों तक भारत और श्रीलंका के बीच नौका सेवा बंद रहने के पीछे कारण जानने के लिए पढ़ें ये रिपोर्ट...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 5:01 PM IST

Updated : Oct 14, 2023, 5:21 PM IST

नई दिल्ली : भारत और श्रीलंका के बीच बहुप्रतीक्षित पैसेंजर फेरी सर्विस (India sri Lanka Ferry Service) को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई. ये योजना दोनों देशों के बीच लगभग 40 साल बाद शुरू हुई है. ये नौका यात्रा तमिलनाडु के नागपट्टिनम और श्रीलंका के जाफना में कांकेसंथुराई के बीच संचालित होगी, जो कि केवल तीन घंटे में पूरी होगी. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Ferry Service launched by PM) ने इस सर्विस के शुरू होने से दोनों देशों के लोगों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद जतायी है, वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने इस पहल को बड़ा कदम बताया है. इस फेरी सर्विस से जुड़ी कुछ अहम बातें आप भी जानें...

क्यों बंद हुई फेरी सर्विस : भारत और श्रीलंका के बीच भौगोलिक निकटता को देखते हुए, नौका सेवाएं पारंपरिक रूप से दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही हैं, जिससे सदियों से लोगों, व्यापार और वस्तुओं की आवाजाही में सुविधा होती है. लेकिन श्रीलंका में गृह युद्ध के कारण चालीस साल तक भारत और द्वीप गणराज्य के बीच नौका सेवाएं ठप थीं. सुरक्षा कारणों से 1980 के दशक में भारत और श्रीलंका के बीच नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं. इसके बाद, मई 2011 में तूतीकोरिन (तमिलनाडु) और कोलंबो (श्रीलंका) (152 एनएम यानी 281 किमी, और दूरी 10-12 घंटे) के बीच नौका सेवाएं शुरू की गईं. हालांकि, व्यावसायिक व्यवहार्यता की कमी और अधिक समय के कारण नवंबर 2011 में सेवा को एक बार फिर सस्पेंड कर दिया गया था. विदेश मंत्रालय और एमओपीएसडब्ल्यू ने शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) से नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवा संचालित करने का अनुरोध किया.

  • Ferry services between India and Sri Lanka will enhance connectivity, promote trade and reinforce the longstanding bonds between our nations. https://t.co/VH6O0Bc4sa

    — Narendra Modi (@narendramodi) October 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जहाज 'चेरियापानी' की खासियत : शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) द्वारा ये नौका सेवा संचालित की जाएगी. एससीआई के मुताबिक, ये सेवा कम लागत वाली यात्रा करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगी. केवल तीन घंटे में तमिलनाडु से श्रीलंका पहुंचाने वाले क्रूज का नाम 'चेरियापानी' है. इस जहाज में डेढ सौ यात्रियों को ले जाने की क्षमता है और यह पूरी तरह से वातानुकूलित है. हालांकि, ये फेरी सर्विस केवल 10 दिनों तक चलेगी और फिर बंद कर दी जाएगी. चूंकि पूर्वोत्तर मानसून के कारण बंगाल की खाड़ी में तूफान उठने की आशंका है, जिसके कारण नागापट्टिनम और श्रीलंका के बीच यह फेरी सर्विस मार्च 2024 से फिर से शुरू की जाएगी. नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच लगभग 60 समुद्री मील (110 किलोमीटर) की दूरी समुद्र की स्थिति के आधार पर करीब साढ़े तीन घंटे में तय होगी.

फेरी सर्विस का उद्देश्य : 40 साल बाद इस नौका सेवा का उद्देश्य 1900 की शुरुआत में बने ऐतिहासिक समुद्री संबंधों को पुनर्जीवित करना है. चेन्नई और थुथुकुड़ी के रास्ते कोलंबो से होकर गुजरने वाली इंडो-सीलोन एक्सप्रेस ने श्रीलंका में गृह युद्ध के कारण 1983 में अपना संचालन बंद कर दिया था. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, यह सेवा शुरू करने के लिए भारत सरकार ने नागपट्टिनम पोर्ट में अपनी सुविधाओं को उन्नत बनाने के लिए तमिलनाडु समुद्री बोर्ड को सहयोग दिया. इसी तरह, श्रीलंका सरकार ने कांकेसंथुरई बंदरगाह में आवश्यक बुनियादी ढांचा विकसित किया. भारत की इस नौका सेवा को शुरू करने के प्रयास पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने की सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप हैं.

यात्रा का खर्च : क्रूज का किराया 6,500 रुपये + 18 प्रतिशत जीएसटी मिलाकर 7,670 रुपये प्रति व्यक्ति है. लेकिन उद्घाटन के मौके पर किराये में 75 फीसदी की छूट दी गई थी और शिपिंग कॉर्पोरेशन के अनुसार, केवल 14 अक्टूबर को एक दिन के लिए ही टिकट का किराया 2,375 रुपये + 18 प्रतिशत जीएसटी प्रति व्यक्ति था. उद्घाटन मौके पर क्रूज की सवारी करने के लिए पहले से 35 लोगों ने बुकिंग कराई थी. सूत्रों का कहना है कि यात्रियों को 40 केजी तक वजन का सामान मुफ्त में ले जाने की अनुमति होगी.

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नई दिल्ली : भारत और श्रीलंका के बीच बहुप्रतीक्षित पैसेंजर फेरी सर्विस (India sri Lanka Ferry Service) को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई. ये योजना दोनों देशों के बीच लगभग 40 साल बाद शुरू हुई है. ये नौका यात्रा तमिलनाडु के नागपट्टिनम और श्रीलंका के जाफना में कांकेसंथुराई के बीच संचालित होगी, जो कि केवल तीन घंटे में पूरी होगी. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Ferry Service launched by PM) ने इस सर्विस के शुरू होने से दोनों देशों के लोगों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद जतायी है, वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने इस पहल को बड़ा कदम बताया है. इस फेरी सर्विस से जुड़ी कुछ अहम बातें आप भी जानें...

क्यों बंद हुई फेरी सर्विस : भारत और श्रीलंका के बीच भौगोलिक निकटता को देखते हुए, नौका सेवाएं पारंपरिक रूप से दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही हैं, जिससे सदियों से लोगों, व्यापार और वस्तुओं की आवाजाही में सुविधा होती है. लेकिन श्रीलंका में गृह युद्ध के कारण चालीस साल तक भारत और द्वीप गणराज्य के बीच नौका सेवाएं ठप थीं. सुरक्षा कारणों से 1980 के दशक में भारत और श्रीलंका के बीच नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं. इसके बाद, मई 2011 में तूतीकोरिन (तमिलनाडु) और कोलंबो (श्रीलंका) (152 एनएम यानी 281 किमी, और दूरी 10-12 घंटे) के बीच नौका सेवाएं शुरू की गईं. हालांकि, व्यावसायिक व्यवहार्यता की कमी और अधिक समय के कारण नवंबर 2011 में सेवा को एक बार फिर सस्पेंड कर दिया गया था. विदेश मंत्रालय और एमओपीएसडब्ल्यू ने शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) से नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवा संचालित करने का अनुरोध किया.

  • Ferry services between India and Sri Lanka will enhance connectivity, promote trade and reinforce the longstanding bonds between our nations. https://t.co/VH6O0Bc4sa

    — Narendra Modi (@narendramodi) October 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जहाज 'चेरियापानी' की खासियत : शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) द्वारा ये नौका सेवा संचालित की जाएगी. एससीआई के मुताबिक, ये सेवा कम लागत वाली यात्रा करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगी. केवल तीन घंटे में तमिलनाडु से श्रीलंका पहुंचाने वाले क्रूज का नाम 'चेरियापानी' है. इस जहाज में डेढ सौ यात्रियों को ले जाने की क्षमता है और यह पूरी तरह से वातानुकूलित है. हालांकि, ये फेरी सर्विस केवल 10 दिनों तक चलेगी और फिर बंद कर दी जाएगी. चूंकि पूर्वोत्तर मानसून के कारण बंगाल की खाड़ी में तूफान उठने की आशंका है, जिसके कारण नागापट्टिनम और श्रीलंका के बीच यह फेरी सर्विस मार्च 2024 से फिर से शुरू की जाएगी. नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच लगभग 60 समुद्री मील (110 किलोमीटर) की दूरी समुद्र की स्थिति के आधार पर करीब साढ़े तीन घंटे में तय होगी.

फेरी सर्विस का उद्देश्य : 40 साल बाद इस नौका सेवा का उद्देश्य 1900 की शुरुआत में बने ऐतिहासिक समुद्री संबंधों को पुनर्जीवित करना है. चेन्नई और थुथुकुड़ी के रास्ते कोलंबो से होकर गुजरने वाली इंडो-सीलोन एक्सप्रेस ने श्रीलंका में गृह युद्ध के कारण 1983 में अपना संचालन बंद कर दिया था. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, यह सेवा शुरू करने के लिए भारत सरकार ने नागपट्टिनम पोर्ट में अपनी सुविधाओं को उन्नत बनाने के लिए तमिलनाडु समुद्री बोर्ड को सहयोग दिया. इसी तरह, श्रीलंका सरकार ने कांकेसंथुरई बंदरगाह में आवश्यक बुनियादी ढांचा विकसित किया. भारत की इस नौका सेवा को शुरू करने के प्रयास पड़ोसियों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने की सरकार की प्राथमिकता के अनुरूप हैं.

यात्रा का खर्च : क्रूज का किराया 6,500 रुपये + 18 प्रतिशत जीएसटी मिलाकर 7,670 रुपये प्रति व्यक्ति है. लेकिन उद्घाटन के मौके पर किराये में 75 फीसदी की छूट दी गई थी और शिपिंग कॉर्पोरेशन के अनुसार, केवल 14 अक्टूबर को एक दिन के लिए ही टिकट का किराया 2,375 रुपये + 18 प्रतिशत जीएसटी प्रति व्यक्ति था. उद्घाटन मौके पर क्रूज की सवारी करने के लिए पहले से 35 लोगों ने बुकिंग कराई थी. सूत्रों का कहना है कि यात्रियों को 40 केजी तक वजन का सामान मुफ्त में ले जाने की अनुमति होगी.

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Last Updated : Oct 14, 2023, 5:21 PM IST
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