न्यूयॉर्क: आतंकवाद से नागरिकों के खतरे को रेखांकित करते हुए भारत ने मंगलवार को कहा कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के अपराधियों को पाकिस्तान का संरक्षण प्राप्त है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 'सशस्त्र संघर्ष में नागरिकों की सुरक्षा' विषय पर चर्चा के दौरान भारत ने कहा कि सदस्य देश अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान का आतंकवादियों को पनाह देने, सहायता करने और सक्रिय रूप से समर्थन करने का स्थापित इतिहास रहा है.
संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी मिशन में कॉउसेलर आर मधु सूदन ने यह टिप्पणी यूएनएससी की 'सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों की सुरक्षा' विषय पर चर्चा के दौरान की. भारतीय काउंसलर ने ये टिप्पणी तब की जब एक पाकिस्तानी राजनयिक ने भारत के खिलाफ 'झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार' के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रदान किए गए मंच का दुरुपयोग किया. उन्होंने कहा, 'यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने हमारे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार किया है. उन्होंने (पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने) ऐसा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रदान किए गए मंच का दुरुपयोग किया है जिससे कि दुनिया का ध्यान पाकिस्तान की दुखद स्थिति से हटाया जा सके. पाकिस्तान ऐसा देश है जहां आतंकवादी आम लोगों की तरह मुफ्त पास का आनंद लेते हैं.
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भारतीय काउंसलर ने उल्लेख किया कि सदस्य राष्ट्र अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान का आतंकवादियों को पनाह देने, सहायता करने और सक्रिय रूप से समर्थन करने का इतिहास रहा है. उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसा देश है जिसे विश्व स्तर पर आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में मान्यता दी गई है और सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या की मेजबानी करने का वैश्विक रिकॉर्ड रखता है. इतना ही नहीं, आज दुनिया भर में आतंकवादी हमलों का तार कहीं ना कहीं से पाकिस्तान से ही जुड़ा है.
मधु सूदन ने सुरक्षा परिषद को याद दिलाया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को ओसामा बिन लादेन सहित अन्य आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए कड़े शब्दों में निंदा की गयी लेकिन वे लगातार उसी रास्ते पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हम आज नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा कर रहे हैं. नागरिकों के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवादियों से आता है. जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है, 2008 में मुंबई में हुए जघन्य आतंकी हमले के अपराधियों को उस देश (पाकिस्तान) का संरक्षण प्राप्त है, जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है.'
जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के मुद्दे पर, भारतीय काउंसलर ने दोहराया, 'पूरा जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, और हमेशा रहेगा, भले ही पाकिस्तान के प्रतिनिधि जो भी माने, हम पाकिस्तान से कहते हैं कि वह अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करे.'
(एएनआई)