नई दिल्ली: भारत सरकार ने दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में लिथियम की खोज के लिए अर्जेंटीना के साथ एक समझौता किया है. अर्जेंटीना दुर्लभ तत्व की आपूर्ति में विस्तार करना चाहता है. लिथियम भविष्य में पर्यावरण-अनुकूल उर्जा की दिशा में परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण है.
चिली और बोलीविया के साथ अर्जेंटीना के पास दुनिया के आधे से अधिक लिथियम भंडार हैं. लिथियम का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरे और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्जेबल बैटरी में होता है. समझौते पर खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) और अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत के स्वामित्व वाले उद्यम के बीच हस्ताक्षर किए गए.
कैटामार्का के गवर्नर लिक राउल जलील की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. कैटामार्का के उप-गवर्नर, इंजी रूबेन डूसो, कैटामार्का के खान मंत्री, मार्सेलो मुरुआ और अर्जेंटीना में भारत के राजदूत, दिनेश भाटिया इस मौके पर उपस्थित थे. हस्ताक्षर समारोह में केंद्रीय संसदीय कार्य एवं कोयला एवं खान मंत्री, प्रल्हाद जोशी और खान मंत्रालय के सचिव, वीएल कांथा राव ने वर्चुअली भाग लिया.
सोशल मीडिया 'एक्स' पर प्रह्लाद जोशी ने लिखा, 'पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने क्रिटिकलमिनरल्स फॉर इंडिया को सुरक्षित करने में एक नया मील का पत्थर हासिल किया है. भारत और अर्जेंटीना ने अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में पांच लिथियम ब्लॉकों की खोज और खनन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.
अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी केमयेन (CAMYEN) और भारत के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. यह परियोजना दोनों देशों में लिथियम खनन और औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने में मदद करेगी. खान मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार यह भारत में किसी सरकारी कंपनी द्वारा पहली लिथियम खोज और खनन परियोजना है. खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) पांच लिथियम ब्राइन ब्लॉकों की खोज और विकास करेगा. अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में यह खनिज क्षेत्र लगभग 15,703 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है.