वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि भारत जटिल मुद्दों का समाधान निकालने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिहाज से सबसे प्रेरणादायी मिसाल पेश कर रहा है. इस देश की बहुत सी बातें सीखने लायक हैं. उसने भारत की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना (डीबीटी) और इसी प्रकार के अन्य समाज कल्याण कार्यक्रमों को 'लॉजिस्टिक चमत्कार' बताया. प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का लक्ष्य विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं के लाभ एवं सब्सिडी को पात्र लोगों के खाते में समय पर और सीधे भेजना है जिससे प्रभावशीलता, पारदर्शिता बढ़ती है तथा मध्यस्थों की भूमिका कम होती है.
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से डीबीटी के जरिए 24.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि लाभान्वितों तक पहुंचाई गई है जिसमें से 6.3 लाख करोड़ रुपये के लाभ सिर्फ 2021-22 में ही पहुंचाए गए. 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार औसतन 90 लाख से अधिक डीबीटी भुगतान प्रतिदिन होते हैं. आईएमएफ में वित्तीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो माउरो ने कहा कि भारत से बहुत कुछ सीखा जा सकता है.
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दुनिया में प्रेरणादायी कई अन्य उदाहरण भी हैं, हर महाद्वीप और हर आय स्तर के उदाहरण हमारे सामने हैं. यदि हम भारत की बात करें तो यह बहुत प्रभावशाली है. भारतीय सरकार द्वारा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश के आकार को देखते हुए यह 'लॉजिस्टिक चमत्कार' ही है जिस तरह से गरीब लोगों की मदद के लिए शुरू किए गए ये कार्यक्रम लाखों लोगों तक पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि भारत के मामले में एक चीज है जो गौर करने लायक है और वह है विशिष्ट पहचान प्रणाली यानी 'आधार' का इस्तेमाल.