ETV Bharat / bharat

गलवान के बलवान : पहली बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि

गलवान घाटी में हिंसा को एक साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर गलवान घाटी में जान गंवाने वाले 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. इस हिंसा में 20 जवान शहीद हो गए थे.

author img

By

Published : Jun 15, 2021, 12:22 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 3:34 PM IST

गलवान के बलवान
गलवान के बलवान

नई दिल्ली : देश आज गलवान घाटी में जान गंवाने वाले अमर शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. फायर एंड फ्यूरी कोर ने गलवान घाटी में जान गंवाने वाले 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी. पिछले साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिकों की जान चली गई थी.

पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के एक साल बाद दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल नहीं होने के बावजूद भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है. रक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों ने इस बारे में जानकारी दी.

बता दें कि, चीन की विस्तारवादी नीति किसी से छिपी नहीं है. चीन लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के हिस्सों पर अपना हक जताता रहा है. ज़मीन से लेकर समुद्र तक चीन की घुसपैठ पूरी दुनिया देख चुकी है. चीन की इसी लालच का नतीजा था गलवान में भारत और चीनी सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष.

दरअसल दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रही बातचीत के बीच चीन की तरफ से एलएसी पर तनाव बढ़ाने की कोशिस की गई. ये वो वक्त था जब भारत कोरोना की पहली लहर से जूझ रहा था. एलएसी के पास निर्माण और जमीन कब्जाने की कोशिश चीनी सेना की तरफ से की गई. 15-16 जून को भारत और चीनी सैनिक आमने-सामने आ गए. दोनों सेनाओं के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए.

बताते हैं कि चीनी सैनिकों के पास हथियार थे और कील लगी रॉड से भारतीय सैनिकों पर हमला किया गया. जबकि नियम के मुताबिक एलएसी पर दोनों देशों के सैनिक सिर्फ गश्त कर सकते हैं, लेकिन हथियारों के बगैर. पर चीनी सैनिकों ने हर नियम कायदे की धज्जियां उड़ाई. झड़प के दौरान चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर भी आई, शुरूआत में चीन इससे इनकार करता रहा लेकिन बाद में चीन ने भी अपने जवानों के मारे जाने की बात स्वीकर की.

सोनिया गांधी का बयान
सोनिया गांधी का बयान

पढ़ें - सीमा पर शांति बहाली के लिए चीन को ही आगे आना होगा : पूर्व राजनयिक

इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि 14-15 जून, 2020 की रात को चीन के पीएलए सैनिकों के साथ हुए टकराव में बिहार रेजिमेंट के 20 बहादुर सैनिकों के खोने की पहली वर्षगांठ पर कांग्रेस पार्टी उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करने में देश के साथ शामिल है.

कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि हमने बार-बार पीएम के बयान के आलोक में इस प्रकरण का विवरण मांगा है और अप्रैल 2020 से पहले यथास्थिति बहाल करने की दिशा में क्या प्रगति हुई है इसका भी विवरण मांगा है. चीन के साथ विघटन समझौते ने पूरी तरह से भारत को नुकसान पहुंचाने का काम किया है.

नई दिल्ली : देश आज गलवान घाटी में जान गंवाने वाले अमर शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. फायर एंड फ्यूरी कोर ने गलवान घाटी में जान गंवाने वाले 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी. पिछले साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 सैनिकों की जान चली गई थी.

पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के एक साल बाद दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल नहीं होने के बावजूद भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है. रक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों ने इस बारे में जानकारी दी.

बता दें कि, चीन की विस्तारवादी नीति किसी से छिपी नहीं है. चीन लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के हिस्सों पर अपना हक जताता रहा है. ज़मीन से लेकर समुद्र तक चीन की घुसपैठ पूरी दुनिया देख चुकी है. चीन की इसी लालच का नतीजा था गलवान में भारत और चीनी सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष.

दरअसल दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रही बातचीत के बीच चीन की तरफ से एलएसी पर तनाव बढ़ाने की कोशिस की गई. ये वो वक्त था जब भारत कोरोना की पहली लहर से जूझ रहा था. एलएसी के पास निर्माण और जमीन कब्जाने की कोशिश चीनी सेना की तरफ से की गई. 15-16 जून को भारत और चीनी सैनिक आमने-सामने आ गए. दोनों सेनाओं के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए.

बताते हैं कि चीनी सैनिकों के पास हथियार थे और कील लगी रॉड से भारतीय सैनिकों पर हमला किया गया. जबकि नियम के मुताबिक एलएसी पर दोनों देशों के सैनिक सिर्फ गश्त कर सकते हैं, लेकिन हथियारों के बगैर. पर चीनी सैनिकों ने हर नियम कायदे की धज्जियां उड़ाई. झड़प के दौरान चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर भी आई, शुरूआत में चीन इससे इनकार करता रहा लेकिन बाद में चीन ने भी अपने जवानों के मारे जाने की बात स्वीकर की.

सोनिया गांधी का बयान
सोनिया गांधी का बयान

पढ़ें - सीमा पर शांति बहाली के लिए चीन को ही आगे आना होगा : पूर्व राजनयिक

इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि 14-15 जून, 2020 की रात को चीन के पीएलए सैनिकों के साथ हुए टकराव में बिहार रेजिमेंट के 20 बहादुर सैनिकों के खोने की पहली वर्षगांठ पर कांग्रेस पार्टी उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करने में देश के साथ शामिल है.

कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि हमने बार-बार पीएम के बयान के आलोक में इस प्रकरण का विवरण मांगा है और अप्रैल 2020 से पहले यथास्थिति बहाल करने की दिशा में क्या प्रगति हुई है इसका भी विवरण मांगा है. चीन के साथ विघटन समझौते ने पूरी तरह से भारत को नुकसान पहुंचाने का काम किया है.

Last Updated : Jun 15, 2021, 3:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.