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भारत ने जम्मू कश्मीर पर ओआईसी के बयान को खारिज किया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) द्वारा जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयान को खारिज कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि संगठन को देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों से बचना चाहिए. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चन्द्रकला चौधरी की रिपोर्ट..

अरिंदम बागची
अरिंदम बागची
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Published : Aug 6, 2021, 7:00 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) द्वारा जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयान को बृहस्पतिवार को कड़ाई से खारिज किया और मुस्लिम देशों के संगठन से कहा कि उसे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए.

जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने की दूसरी वर्षगांठ पर ओआईसी के महासचिवालय द्वारा जारी बयान पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी टिप्पणी की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को लेकर ओआईसी के महासचिवालय द्वारा जारी एक ओर अस्वीकार्य संदर्भ को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं. वह ओआईसी के बयान पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.

ये भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग : विदेश मंत्रालय

बागची ने कहा, 'केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों में ओआईसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं हैं जो भारत का अभिन्न अंग है. यह दोहराया जाता है कि ओआईसी महासचिवालय को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए.'

केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को पांच अगस्त 2019 को रद्द कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में बांट दिया था.

एक बयान में महासचिवालय ने 'इन सभी कदमों रद्द करने की मांग की है.' ओआईसी महासचिवालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से फिर से आह्वान किया है कि 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों' के मुताबिक जम्मू कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए उसके प्रयासों को तेज किया जाए. ओआईसी मुस्लिम बहुल राष्ट्रों का समूह है.

नई दिल्ली : भारत ने इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) द्वारा जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयान को बृहस्पतिवार को कड़ाई से खारिज किया और मुस्लिम देशों के संगठन से कहा कि उसे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए.

जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने की दूसरी वर्षगांठ पर ओआईसी के महासचिवालय द्वारा जारी बयान पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी टिप्पणी की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को लेकर ओआईसी के महासचिवालय द्वारा जारी एक ओर अस्वीकार्य संदर्भ को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं. वह ओआईसी के बयान पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.

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बागची ने कहा, 'केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों में ओआईसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं हैं जो भारत का अभिन्न अंग है. यह दोहराया जाता है कि ओआईसी महासचिवालय को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए.'

केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को पांच अगस्त 2019 को रद्द कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में बांट दिया था.

एक बयान में महासचिवालय ने 'इन सभी कदमों रद्द करने की मांग की है.' ओआईसी महासचिवालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से फिर से आह्वान किया है कि 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों' के मुताबिक जम्मू कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए उसके प्रयासों को तेज किया जाए. ओआईसी मुस्लिम बहुल राष्ट्रों का समूह है.

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