नई दिल्ली : गिलियड साइंसेज ने मंगलवार को रेमेडिसविर की 1.5 लाख से अधिक शीशियां भारत को भेजी हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर पुष्टि की कि रीमेडिसिविर के 1 .5 लाख से अधिक शीशियों को गिलियड साइंसेज ने धन्यवाद दिया है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा उदार योगदान.
भारत बुरे समय से गुजर रहा है और महामारी की दूसरी भयानक लहर के खिलाफ संघर्ष कर रहा है. पिछले कुछ दिनों से भारत ने हजारों-लाखों लोगों को जीवनदायी ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सीय सहायता की कमी से जूझ रहा है.
शुक्र है, टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू हो गया है लेकिन अभी भी, स्थिति जल्द ही बेहतर नहीं होने जा रही है.
18-45 वर्ष आयु वर्ग के लोग अपने स्लॉट बुक करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भारत का स्वास्थ्य ढांचा बेकार हो गया है और सरकार की विफल नीति को भी काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
इस बीच इजराइल, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, बहरीन सहित 40 से अधिक देशों से चिकित्सा सहायता की खेप बुधवार को भारत पहुंची. जिसमें आक्सीजन सांद्रक, रैपिड टेस्टिंग कि ऑक्सीजन सिलिंडर, वेंटीलेटर, रेमडेसिविर की शीशियां, दवा आदि शामिल है.
इन देशों से भारत को यह चिकित्सा आपूर्ति ऐसे समय में भेजी गई है जब भारत कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है.इजराइल से भेजी गई चिकित्सा सहायता संबंधी यह खेप विशेष विमान से भारत लायी गई .
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत और अमेरिका की सामरिक साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए, अमेरिका से आज सुबह रेमडेसिविर की 81000 शीशियां मुम्बई पहुंची .
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'एक दूसरे के साथ आगे बढ़ते हुए . आक्सीजन संयंत्र, 2.8 लाख रैपिड टेस्टिंग किट एवं अन्य चिकित्सा उपकरण के साथ अमेरिकी विमान भारत पहुंचा .'
बागची ने कहा, 'अमेरिका के मजबूत सहयोग का तहे दिल से सराहना करते हैं . हमारी आक्सीजन क्षमता और मजबूत होगी .'
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'हमारे मित्र आस्ट्रेलिया से 1056 वेंटीलेटर और 43 आक्सीजन सांद्रक तोहफे में प्राप्त होने सराहना करते हैं . हमारी समग्र सामरिक साझेदारी और मजबूत होगी .'
बागची ने ट्वीट कर बहरीन के समर्थन की भी जानकारी दी . उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के साझे इतिहास एवं सांस्कृतिक निकटता से युक्त करीबी द्विपक्षीय संबंध और आगे बढ़ेंगे .
बागची ने यह भी बताया कि जिलिएड साइंसेज ने रेमडेसिविर की 1.5 लाख शीशियां दी हैं . उन्होंने इस 'उदार योगदान' के लिये जिलिएड को धन्यवाद दिया.
दूसरी ओर, आईएनएस कोलकाता 40 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा आक्सीजन, 200 आक्सीजन सिलिंडर, 4 आक्सीजन सांद्रक के साथ कुवैत से रवाना हो गया है .