नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायुक्त से उस अस्पताल की मदद करने को कहा है जहां चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण ऑपरेशन स्थगित कर दिए गए हैं. यह द्वीपीय देश अभूतपूर्व वित्तीय संकट का सामना कर रहा है. कैंडी जिले के पेराडेनिया अस्पताल के निदेशक ने सोमवार को दवाओं की कमी के कारण नियमित तौर पर किए जाने वाले सभी तरह के ऑपरेशन को टालने का एलान कर दिया.
इसके मद्देनजर जयशंकर ने भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले को इस बात पर चर्चा करने के लिए कहा कि भारत संकट से जूझ रहे इस देश की किस तरह मदद कर सकता है. जयशंकर ने ट्वीट किया, 'इस खबर से परेशान हूं. मैंने उच्चायुक्त से संपर्क करने और इस बात पर चर्चा करने के लिए कहा कि भारत कैसे मदद कर सकता है.'
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Disturbed to see this news. Am asking High Commissioner Baglay to contact and discuss how India can help.@IndiainSL #NeighbourhoodFirst https://t.co/jtHlGwxCBL
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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सोमवार को जारी परिपत्र में कहा गया कि अस्पताल में कई तरह की दवाओं, एनेस्थीसिया और ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाली अन्य चीजों की कमी है. परिपत्र के मुताबिक सभी तरह की नियमित शल्य चिकित्सा को स्थगित करने का फैसला किया गया जिनमें सोमवार को अस्पताल में पहले से भर्ती मरीजों के ऑपरेशन भी शामिल हैं. श्रीलंका का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार और भुगतान संतुलन संकट की स्थिति विकट है जिससे अत्यावश्यक चीजों की भी अनुपलब्धता देखने को मिल रही है.
ईंधन के लिए लंबी-लंबी कतारें, भीषण बिजली कटौती और कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. जनता गोटबाया राजपक्षे सरकार पर आर्थिक संकट से निपटने में अक्षम होने का आरोप लगा रही है. श्रीलंका की सरकार ने आईएमएफ से आर्थिक राहत पैकज की गुहार लगाने से पहले भारत से मदद की अपील की है.
विदेश मंत्री जयशंकर की 28 से 30 मार्च की श्रीलंका यात्रा वहां के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे की दिसंबर 2021 में यात्रा के बाद हो रही है. फरवरी 2022 में वहां विदेश मंत्री जीएल पेइरिस भारत आए थे. श्रीलंका में विदेश मंत्री की द्विपक्षीय बैठकें और बातचीत, भारत के लिए श्रीलंका की प्राथमिकता को उजागर करती है.
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