श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट एसोसिएशन (जेकेएसए) ने केंद्र शासित प्रदेश और देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों से भारत-पाकिस्तान मैच को खेल की भावना से लेने का आग्रह किया है (Jammu Kashmir students association issues advisory).
साथ ही जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट एसोसिएशन ने कहा कि सोशल मीडिया पर उन पोस्टों से दूर रहें जो उन्हें परेशानी में डाल सकती हैं. इस मामले पर जारी एक बयान में, जेकेएसए के प्रवक्ता ने छात्रों से कहा कि वे इसे सिर्फ इसे खेल के रूप में लें और परेशानी से दूर रहें.
प्रवक्ता ने कहा कि 'हमने देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों से आग्रह किया है कि वे अपनी शिक्षा और करियर को प्राथमिकता दें, जिसके लिए उन्होंने अपने गृह राज्य जम्मू और कश्मीर से देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की है.'
उन्होंने कहा कि 'एसोसिएशन छात्रों को उनके परिवार के सदस्यों के त्याग को याद दिलाती है - पिता जिन्होंने अथक परिश्रम किया है, भाई जिन्होंने ऋण लिया है, बहनें जिन्होंने गहने बेचे हैं, और माताएं जो उनकी भलाई के लिए लगन से प्रार्थना करती हैं. '
जेकेएसए ने कहा कि छात्रों को खेल को एक खेल के रूप में लेने की जरूरत है और मैच के दौरान और बाद में सोशल मीडिया पोस्ट से दूर रहना चाहिए, जो देश भर में किसी भी संस्थान में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता पैदा कर सकता है या उन्हें परेशानी में डाल सकता है.
जेकेएसए ने कहा कि 'उन्हें अनावश्यक बहस, चर्चा या सोशल मीडिया चैट में शामिल नहीं होना चाहिए और सच्ची खेल भावना के साथ खेल का आनंद लेना चाहिए.'
जेकेएसए ने कहा कि, 'इसमें कहा गया है कि छात्रों के लिए यह समझना जरूरी है कि इस खेल से जुड़े राजनीतिक अर्थ और भावनाएं बेहद गंभीर हैं. इसलिए, छात्रों को सच्ची भावना के साथ खेल का आनंद लेना चाहिए. छात्रों को यह समझना चाहिए कि किसी विशेष टीम की जय-जयकार करके वे खुद को कमजोर स्थिति में डाल रहे हैं. इसलिए, छात्रों को घर पर अपने परिवार की भलाई पर विचार करते हुए परिसरों और अपने आवासों में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.'
इसमें कहा गया कि 'खेल हमें भाईचारे और शांति के बारे में सिखाते हैं. इन घटनाओं को एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने के अवसर के रूप में काम करना चाहिए, न कि हिंसा के रूप में.'