बैंकाक : भारत ने सोमवार को बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान इस साल सितंबर में आगामी यूएनजीए के मौके पर अगली बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी करने की पेशकश की. मंत्री नियमित रूप से प्रत्येक वर्ष की पहली तिमाही में रिट्रीट आयोजित करने पर सहमत हुए. थाईलैंड ने आज बैंकॉक में उद्घाटन बिम्सटेक विदेश मंत्रियों के रिट्रीट की मेजबानी की, जिसमें सात बिम्सटेक सदस्यों ने एक मजबूत, अधिक लचीला और अधिक प्रासंगिक समूह बनाने के लिए अपना नया संकल्प व्यक्त किया.
-
Just concluded a productive BIMSTEC Retreat in Bangkok. An open and forward looking discussion among colleagues.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Focused on strengthening resilience and coordination among BIMSTEC members, reflecting the challenges that we all confront today. Explored new facets and activities… pic.twitter.com/ZWKdZTAT0z
">Just concluded a productive BIMSTEC Retreat in Bangkok. An open and forward looking discussion among colleagues.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023
Focused on strengthening resilience and coordination among BIMSTEC members, reflecting the challenges that we all confront today. Explored new facets and activities… pic.twitter.com/ZWKdZTAT0zJust concluded a productive BIMSTEC Retreat in Bangkok. An open and forward looking discussion among colleagues.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023
Focused on strengthening resilience and coordination among BIMSTEC members, reflecting the challenges that we all confront today. Explored new facets and activities… pic.twitter.com/ZWKdZTAT0z
जयशंकर ने बैंकाक में बिम्सटेक की बैठक में हिस्सा लिया : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बिम्सटेक क्षेत्र के देशों के अपने समकक्षों के साथ सार्थक चर्चा की जिसमें नेताओं ने प्रगति और समृद्धि को प्रोत्साहित करने के साझा उद्देश्यों को लेकर 'लचीलेपन एवं समन्वय' को मजबूत बनाने पर चर्चा की. बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) की स्थापना 1997 में हुई थी.
यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय समूह है जिसमें भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमा, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं. इस समूह के देशों की कुल आबादी 1.73 अरब है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4000 अरब डॉलर से अधिक का है.
जयशंकर ने ट्वीट किया कि बैंकाक में थोड़ी देर पहले बिम्सटेक की सार्थक बैठक संपन्न हुई. सहयोगियों के साथ खुली बातचीत और आगे की ओर बढ़ने वाली चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि बिम्सटेक सदस्यों के बीच लचीलेपन और समन्वय को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया. हमने सहयोग के नए क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए नए आयाम एवं गतिविधियां तलाशीं. विदेश मंत्री ने कहा कि खाद्य, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा साझा चिंता के विषय हैं. प्रौद्योगिकी समाधान हमारे बीच गठजोड़ और अच्छी पहल के आदान-प्रदान के विषय हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हमारा साझा उद्देश्य प्रगति और समृद्धि को प्रोत्साहित करना है. हमने इन विचारों को आगे बढ़ाने के लिए अकसर मुलाकात करने पर सहमति व्यक्त की. छह जुलाई को विदेश मंत्रालय में पूर्वी मामलों के सचिव सौरभ कुमार और बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमिन ने ढाका में विभिन्न विषयों पर चर्चा की थी जो ढाका आधारित बिम्सटेक समूह से जुड़ी थी.बांग्लादेश सात सदस्यीय इस समूह का दिसंबर से नया अध्यक्ष बनेगा. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को यहां मेकोंग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र की 12वीं बैठक में हिस्सा लिया था.
जयशंकर ने नेपाल, बांग्लादेश के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को यहां नेपाल एवं बांग्लादेश के अपने समकक्षों के साथ मुलाकात की और नेतृत्वों द्वारा निर्धारित सहयोग के एजेडें को लागू करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की. जयशंकर ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया. जयशंकर बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अभी थाईलैंड की राजधानी बैंकाक में है.
-
Good meeting with Nepal Foreign Minister Narayan Prakash Saud. Agreed to work closely to implement the agenda of cooperation set out by our leaderships.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Look forward to remaining in touch. pic.twitter.com/annEvnxdJt
">Good meeting with Nepal Foreign Minister Narayan Prakash Saud. Agreed to work closely to implement the agenda of cooperation set out by our leaderships.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023
Look forward to remaining in touch. pic.twitter.com/annEvnxdJtGood meeting with Nepal Foreign Minister Narayan Prakash Saud. Agreed to work closely to implement the agenda of cooperation set out by our leaderships.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023
Look forward to remaining in touch. pic.twitter.com/annEvnxdJt
जयशंकर ने ट्वीट किया कि नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सौद से मुलाकात अच्छी रही. हमारे नेतृत्व द्वारा निर्धारिक सहयोग के एजेंडे को लागू करने पर मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने बैठक की तस्वीर के साथ ट्वीट में कहा कि सम्पर्क बनाये रखने को लेकर आशान्वित हूं. विदेश मंत्री जयशंकर ने बांग्लादेश के अपने समकक्ष अब्दुल मोमिन से भी मुलाकात की.
-
Pleased to meet Bangladesh Foreign Minister Abdul Momen
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Discussed ongoing bilateral and multilateral cooperation. Also exchanged views on regional issues. pic.twitter.com/jNCsGSev9T
">Pleased to meet Bangladesh Foreign Minister Abdul Momen
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023
Discussed ongoing bilateral and multilateral cooperation. Also exchanged views on regional issues. pic.twitter.com/jNCsGSev9TPleased to meet Bangladesh Foreign Minister Abdul Momen
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023
Discussed ongoing bilateral and multilateral cooperation. Also exchanged views on regional issues. pic.twitter.com/jNCsGSev9T
उन्होंने ट्वीट किया कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन से मुलाकात कर प्रसन्न हूं. हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा की. क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया. इससे पहले, जयशंकर ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओ चा से भेंट की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित कीं. विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने थाईलैंड के प्रधानमंत्री के साथ बिम्सटेक को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता साझा की.
पूर्व पर्यटन सचिव ने बिम्सटेक पर श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के सुझाव का समर्थन किया: शेंगेन क्षेत्र का उदाहरण देते हुए एक पूर्व शीर्ष भारतीय नौकरशाह ने बिम्सटेक क्षेत्र को 'सीमा-रहित पर्यटन' भूमि बनाने के श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के सुझाव का समर्थन करते हुए कहा है कि इस कदम से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने में मदद मिलेगी. विक्रमसिंघे ने यहां ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) के 67वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन के दौरान सात-क्षेत्रों की विशाल संभावनाओं का दोहन करने के लिए बिम्सटेक क्षेत्र को 'सीमा-रहित पर्यटन' क्षेत्र बनाने का सुझाव दिया था.
-
Just concluded a productive BIMSTEC Retreat in Bangkok. An open and forward looking discussion among colleagues.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Focused on strengthening resilience and coordination among BIMSTEC members, reflecting the challenges that we all confront today. Explored new facets and activities… pic.twitter.com/ZWKdZTAT0z
">Just concluded a productive BIMSTEC Retreat in Bangkok. An open and forward looking discussion among colleagues.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023
Focused on strengthening resilience and coordination among BIMSTEC members, reflecting the challenges that we all confront today. Explored new facets and activities… pic.twitter.com/ZWKdZTAT0zJust concluded a productive BIMSTEC Retreat in Bangkok. An open and forward looking discussion among colleagues.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2023
Focused on strengthening resilience and coordination among BIMSTEC members, reflecting the challenges that we all confront today. Explored new facets and activities… pic.twitter.com/ZWKdZTAT0z
बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पर बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यामां, थाइलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं. पूर्व पर्यटन सचिव अरविंद सिंह ने छह से आठ जुलाई तक आयोजित इस सम्मेलन के मौके पर अलग से कहा कि राष्ट्रपति (श्रीलंका के) ने सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक क्षेत्र को सीमा-रहित पर्यटन क्षेत्र बनाने का सुझाव दिया है और मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छा विचार है. उन्होंने कहा कि इस तरह से लोग क्षेत्र में एक देश से दूसरे देश तक अधिक आसानी और आराम से यात्रा करेंगे, और इससे अंततः क्षेत्र में पर्यटकों की कुल संख्या में वृद्धि होगी.
पूर्व पर्यटन सचिव ने राजधानी कोलंबो में टीएएआई के वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी की भी सराहना की और कहा कि इस आयोजन से भारत और श्रीलंका के बीच पर्यटन बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस साल 31 मई को भारत सरकार में पर्यटन सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए सिंह ने कहा कि मैं इस बात को लेकर बहुत आश्वस्त हूं कि इससे भारत से श्रीलंका और श्रीलंका से भारत को पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी.
(इनपुट एजेंसियां)