काठमांडू : रेलवे के क्षेत्र में सहयोग संबंधी भारत-नेपाल संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की शुक्रवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक हुई. इसमें दोनों पड़ोसी देशों के लोगों को लाभ पहुंचाने वाली सीमा पार रेल परियोजनाओं की समीक्षा की गई. यह बैठक इस महीने के अंत में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की संभावित नेपाल यात्रा से पहले हुई.
भारत-नेपाल संयुक्त कार्य समूह की चौथी बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने जयनगर-बिजलपुरा-बर्दीबास और जोगबनी-बिराटनगर के बीच की रेल परियोजनाओं की समीक्षा की.
भारतीय दूतावास ने एक बयान में यहां कहा कि दोनों पक्षों ने भारत में जयनगर और नेपाल में कुर्था के बीच पूरे हो चुके 34 किलोमीटर लंबे रेल खंड की तकनीकी तैयारियों पर चर्चा की ताकि यात्री ट्रेनें चलाई जा सकें. इस दौरान मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर भी चर्चा की गई.
यह खंड मूल रूप से ‘नैरो गेज’ था जिसे अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था. बाद में भारत सरकार ने 380 करोड़ रुपए (भारतीय मुद्रा) की लागत से इसका उन्नयन कर इसे ‘ब्रॉड गेज’ में परिवर्तित किया.
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दोनों पक्ष जोगबनी और नेपाल में बिराटनगर के बीच चल रही दूसरी सीमा पार रेल परियोजना को पूरा करने के लिए काम में तेजी लाने पर भी सहमत हुए. बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व रेल मंत्रालय में कार्यकारी निदेशक (यातायात परिवहन-एफ) मनोज सिंह ने किया जबकि नेपाली पक्ष का नेतृत्व परिवहन मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोपाल प्रसाद सिगडेल ने किया.