ETV Bharat / bharat

भारत को हाइपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र विकसित करना चाहिए : राजनाथ सिंह

author img

By

Published : Dec 14, 2021, 5:38 PM IST

डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि भारत को तत्काल हाइपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

Rajnath Singh
Rajnath Singh

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि भारत को अपने दुश्मनों के खिलाफ न्यूनतम विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए तत्काल हाइपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र (hypersonic cruise missiles) विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जिन देशों ने रक्षा नवाचार किया है, उन्होंने अपने को दुश्मनों से बेहतर बनाया है और इतिहास पर अपनी छाप छोड़ी है.

यहां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) (डीआरडीओ) के एक कार्यक्रम में अपने भाषण में उन्होंने कहा, 'हमें, इसलिए खुद को मजबूत करना चाहिए और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए.'

सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि रक्षा प्रौद्योगिकियों के मामले में भारत अग्रणी हो.मंत्री ने कहा, 'हमें वो प्रौद्योगिकी भी हासिल करनी होगी जो अभी कुछ ही देशों के पास हैं.'

सिंह ने कहा कि समय बीतने के साथ बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली अधिक से अधिक मजबूत हो रही है.

उन्होंने कहा, 'न्यूनतम विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए, हमें तत्काल हाइपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र के विकास के बारे में सोचना होगा. यह हमारे रक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम होगा और हम सभी को इसमें अपना प्रयास करना होगा.'

हाइपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र ध्वनि की गति (मैक) से कम से पांच गुना रफ्तार से लक्ष्य की तरफ बढ़ता है.

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए और देश के सशस्त्र बलों को सौंपे गए कई प्लेटफार्मों (उपकरणों व प्रणालियों) ने भारत के सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया है. सिंह ने कहा, 'जैसे-जैसे समय बदल रहा है, हमारी रक्षा आवश्यकताएं भी बदल रही हैं.' उन्होंने कहा कि आज युद्ध के मैदान में 'तकनीक' नाम का एक नया योद्धा आया है.

यह भी पढ़ें- ईटीवी भारत की खबर का असर, शादी में हर्ष फायरिंग करने वाले दूल्हा-दुल्हन पर मुकदमा दर्ज

उन्होंने कहा कि जिस तरह से युद्ध के मैदान में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ी है, वह अद्भुत और अभूतपूर्व है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में भारत की रक्षा प्रौद्योगिकियों को भविष्य के साथ तालमेल बिठाना होगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि वह देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और एकीकरण हमेशा की तरह जारी रहेगा.

उन्होंने कहा, 'एकीकरण और आधुनिकीकरण सिर्फ सरकार के प्रयासों से नहीं हो रहा है. यह हमारे सशस्त्र बलों के मन की भावना के कारण भी हो रहा है.' सिंह ने कहा, 'जब हम देश को एक शुद्ध रक्षा निर्यातक बनाने की बात करते हैं, तो रास्ता डीआरडीओ, सशस्त्र बलों, निजी उद्योगों और शिक्षाविदों जैसी संस्थाओं के बीच सहयोग के माध्यम से जाता है.'

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि भारत को अपने दुश्मनों के खिलाफ न्यूनतम विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए तत्काल हाइपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र (hypersonic cruise missiles) विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जिन देशों ने रक्षा नवाचार किया है, उन्होंने अपने को दुश्मनों से बेहतर बनाया है और इतिहास पर अपनी छाप छोड़ी है.

यहां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) (डीआरडीओ) के एक कार्यक्रम में अपने भाषण में उन्होंने कहा, 'हमें, इसलिए खुद को मजबूत करना चाहिए और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए.'

सिंह ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि रक्षा प्रौद्योगिकियों के मामले में भारत अग्रणी हो.मंत्री ने कहा, 'हमें वो प्रौद्योगिकी भी हासिल करनी होगी जो अभी कुछ ही देशों के पास हैं.'

सिंह ने कहा कि समय बीतने के साथ बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली अधिक से अधिक मजबूत हो रही है.

उन्होंने कहा, 'न्यूनतम विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए, हमें तत्काल हाइपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र के विकास के बारे में सोचना होगा. यह हमारे रक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम होगा और हम सभी को इसमें अपना प्रयास करना होगा.'

हाइपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र ध्वनि की गति (मैक) से कम से पांच गुना रफ्तार से लक्ष्य की तरफ बढ़ता है.

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए और देश के सशस्त्र बलों को सौंपे गए कई प्लेटफार्मों (उपकरणों व प्रणालियों) ने भारत के सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया है. सिंह ने कहा, 'जैसे-जैसे समय बदल रहा है, हमारी रक्षा आवश्यकताएं भी बदल रही हैं.' उन्होंने कहा कि आज युद्ध के मैदान में 'तकनीक' नाम का एक नया योद्धा आया है.

यह भी पढ़ें- ईटीवी भारत की खबर का असर, शादी में हर्ष फायरिंग करने वाले दूल्हा-दुल्हन पर मुकदमा दर्ज

उन्होंने कहा कि जिस तरह से युद्ध के मैदान में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ी है, वह अद्भुत और अभूतपूर्व है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में भारत की रक्षा प्रौद्योगिकियों को भविष्य के साथ तालमेल बिठाना होगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि वह देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण और एकीकरण हमेशा की तरह जारी रहेगा.

उन्होंने कहा, 'एकीकरण और आधुनिकीकरण सिर्फ सरकार के प्रयासों से नहीं हो रहा है. यह हमारे सशस्त्र बलों के मन की भावना के कारण भी हो रहा है.' सिंह ने कहा, 'जब हम देश को एक शुद्ध रक्षा निर्यातक बनाने की बात करते हैं, तो रास्ता डीआरडीओ, सशस्त्र बलों, निजी उद्योगों और शिक्षाविदों जैसी संस्थाओं के बीच सहयोग के माध्यम से जाता है.'

(पीटीआई भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.