श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को केंद्र की भाजपा सरकार से इजरायल और हमास के बीच युद्ध को समाप्त करने में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए कहा. वहीं, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय युद्धविराम प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने के भारत के कदम को दुखद करार दिया.
राष्ट्रीय अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इजरायल ने गाजा को मलबे में बदल दिया है और पूरे क्षेत्र को समतल कर दिया है. लोगों के लिए कोई दवाएँ और अन्य आवश्यक वस्तुएँ नहीं हैं. विश्व नेताओं को जागना चाहिए और इस युद्ध को समाप्त करना चाहिए. जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में आज हुई आपात बैठक में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और सीपीआई (एम) नेता यूसुफ तारिगामी भी शामिल हुए.
हालाँकि, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुजफ्फर शाह इस मौके पर अनुपस्थिति थे. वह क्षेत्रीय दलों के गठबंधन का हिस्सा हैं. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आज की बैठक पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन की नहीं थी. प्रासंगिक रूप से गाजा के राष्ट्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में शैक्षणिक सत्र 2023-24 को समय से पहले समाप्त करने की घोषणा की, क्योंकि 31 अक्टूबर तक फिलिस्तीन पर इजरायल की बमबारी में कथित रूप से 3000 से अधिक बच्चे मारे गए थे. बता दें कि इजरायल और हमास आतंकियों के बीच जंग जारी है. आतंकियों अस्पताल, शिविरों का सहारा लेकर छिपे हुए हैं. इसके साथ ही कई भूमिगत सुरंगे बना रखीं है जिसके चलते इजरायल सेना को इन्हें काबू में करने में समय लह रहा है.