हैदराबाद: भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत ने शनिवार को टोक्यो पैरालंपिक में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर पुरुष एकल SL3 वर्ग के गोल्ड मेडल मैच में शानदार जीत हासिल की. बैडमिंटन के टोक्यो में पैरालंपिक डेब्यू करने के साथ प्रमोद भगत भी अपनी कैटेगरी में पहले पैरालंपिक चैंपियन बन गए.
वहीं, उनके बगल के कोर्ट पर उनके हमवतन मनोज सरकार ने जापान की उम्मीद दाईसुके फुजीहारा को 22-20, 21-13 से हराकर कांस्य पदक जीता.
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31 साल के भारतीय शटलर ने अपने शानदार कैरियर में पैरालंपिक पदक जोड़ने के लिए मैच के शुरुआती गेम में काफी संघर्ष किया.
टोक्यो में जारी पैरालंपिक खेल अब अपने समापन की तरफ पहुंच गया है. भारत के लिहाज से इस बार का पैरालंपिक कई मायनों में यादगार बन गया है. भारत ने इस बार न सिर्फ अपने सर्वकालिक रिकॉर्ड को तोड़ा है, बल्कि पदकों की संख्या के मामले में भी ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है.
भारत को इस बार 11 दिन में ही चार स्वर्ण पदक समेत 17 मेडल मिल चुके हैं. भारत ने इससे पहले सभी पैरालंपिक खेलों में कुल मिलाकर 12 पदक जीते थे.
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बात करें 11वें दिन के भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की तो सबसे पहले निशानेबाजी में मनीष नरवाल और सिंहराज अढाना ने निशानेबाजी में पदक जीते. मनीष ने स्वर्ण तो अढाना ने रजत अपने नाम किया. इसके बाद दिन के अंत में बैडमिंटन में प्रमोद भगत ने स्वर्ण तो मनोज सरकार ने कांस्य पदक अपनी झोली में डाला. ऐसे में आइए जानते हैं पदक तालिका में भारत की स्थिति.
भारत पदक तालिका में अब 26वें स्थान पर पहुंच गया है. भारत ने अभी तक एथलेटिक्स में आठ, निशानेबाजी में पांच, बैडमिंटन में दो, टेबल टेनिस में एक और तीरंदाजी में एक पदक जीते हैं. इसके साथ ही भारत के खाते में अब चार स्वर्ण, सात रजत और छह कांस्य हो गए हैं.
चीन 200 पदकों (93 गोल्ड, 57 सिल्वर और 50 ब्रॉन्ज) के साथ शीर्ष पर बरकरार है. दूसरे और तीसरे नंबर पर क्रमशः ग्रेट ब्रिटेन (41 गोल्ड, 38 सिल्वर और 43 ब्रॉन्ज, कुल 122 पदक) और रशियन पैरालंपिक समिति (36 गोल्ड, 32 सिल्वर और 49 ब्रॉन्ज, कुल 117 पदक) हैं.