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देश में कोरोना की नई लहर की संभावना, वैज्ञानिकों की प्रोटोकॉल के पालन की हिदायत - भारत में नए मामले ज्यादा नहीं

देश में पिछले 83 दिनों में शनिवार को कोरोना वायरस के सर्वाधिक मामले सामने आने के साथ भारत में कोरोना वायरस की नई लहर आने की आशंका जताई जा रही है. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक से अधिक संख्या में लोगों का टीकाकरण कर और कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन कर इस पर काबू पाया जा सकता है.

महामारी की नई लहर
महामारी की नई लहर
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Published : Mar 13, 2021, 4:51 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 24,882 नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक दिन पहले 23,285 मामले सामने आए थे और यह ग्राफ ऊपर की तरफ बढ़ता जा रहा है. 20 दिसंबर 2020 के बाद यह सबसे अधिक संख्या है, जब संक्रमण के 26,624 नए मामले सामने आए थे.

वैज्ञानिक मंथन कर रहे हैं कि मामले में क्यों और किस तरह से बढ़ोतरी हुई है, लेकिन वे इस बात पर सहमत हैं कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कर और टीकाकरण अभियान में तेजी लाकर संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाई जा सकती है.

सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा कि उनके संस्थान के वैज्ञानिक यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या वायरस के ज्यादा संक्रामक प्रकार के कारण मामले बढ़ रहे हैं या लोगों द्वारा एहतियात नहीं बरतने के कारण. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि महामारी की नई लहर चल रही है, लेकिन कुछ चीजें जरूर हो रही हैं.

अग्रवाल ने कहा कि महामारी रोकने के लिए कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करना और टीकाकरण बेहतर तरीके हैं.

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में अप्लायड मेडिकल साइंसेज की प्रमुख मोनिका गुलाटी ने कहा कि भारत में मामलों में बढ़ोतरी अन्य देशों की तरह बहुत ज्यादा नहीं है, जहां नए 'स्ट्रेन' पाए गए हैं. इससे संकेत मिलता है कि यह 'स्ट्रेन' बहुत संक्रामक नहीं है.

नए प्रकार के कारण कोरोना मामलों में वृद्धि
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी नए प्रकार के कारण हो सकता है. साथ ही आम आदमी के ढीले-ढाले रवैये के कारण हो सकता है.

गुलाटी ने कहा, जिन देशों में नए स्ट्रेन ज्यादा घातक पाए गए हैं, वहां नई लहर पुराने की तुलना में ज्यादा प्रचंड है. भारत में नए मामले ज्यादा नहीं हैं, जिसका कारण टीकाकरण अभियान और वर्तमान स्ट्रेन का कम संक्रामक होना है.

संक्रमण के नए मामलों का सात दिनों का औसत भारत में 67 फीसदी बढ़ा है. 11 फरवरी तक एक सप्ताह में जहां औसत मामला 10,988 था, वहीं बुधवार को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़कर औसतन रोजाना 18,371 हो गया.

कोरोना की नई लहर की चेतावनी
सीएसआईआर सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मोलेक्यूलर बायोलॉजी के निदेशक राकेश मिश्रा ने चेतावनी दी कि अगर वर्तमान रुख बना रहता है तो नई लहर आ सकती है और यहां विकसित वायरस का नया प्रकार सामने आ सकता है.

यह भी पढ़ें- देश में कोरोना वायरस वैक्सीन की कोई कमी नहीं है : स्वास्थ्य मंत्रालय

मिश्रा ने कहा, नई लहर की संभावना है. फिलहाल यह कई राज्यों में हो रहा है, जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है. लेकिन कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन कर इससे बचा जा सकता है.

विषाणु विज्ञानी उपासना राय ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि वर्तमान में दूसरी लहर चल रही है, लेकिन कहा कि मामलों में बढ़ोतरी का रुख बना हुआ है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 24,882 नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक दिन पहले 23,285 मामले सामने आए थे और यह ग्राफ ऊपर की तरफ बढ़ता जा रहा है. 20 दिसंबर 2020 के बाद यह सबसे अधिक संख्या है, जब संक्रमण के 26,624 नए मामले सामने आए थे.

वैज्ञानिक मंथन कर रहे हैं कि मामले में क्यों और किस तरह से बढ़ोतरी हुई है, लेकिन वे इस बात पर सहमत हैं कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कर और टीकाकरण अभियान में तेजी लाकर संक्रमण के प्रसार पर रोक लगाई जा सकती है.

सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा कि उनके संस्थान के वैज्ञानिक यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या वायरस के ज्यादा संक्रामक प्रकार के कारण मामले बढ़ रहे हैं या लोगों द्वारा एहतियात नहीं बरतने के कारण. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि महामारी की नई लहर चल रही है, लेकिन कुछ चीजें जरूर हो रही हैं.

अग्रवाल ने कहा कि महामारी रोकने के लिए कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करना और टीकाकरण बेहतर तरीके हैं.

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में अप्लायड मेडिकल साइंसेज की प्रमुख मोनिका गुलाटी ने कहा कि भारत में मामलों में बढ़ोतरी अन्य देशों की तरह बहुत ज्यादा नहीं है, जहां नए 'स्ट्रेन' पाए गए हैं. इससे संकेत मिलता है कि यह 'स्ट्रेन' बहुत संक्रामक नहीं है.

नए प्रकार के कारण कोरोना मामलों में वृद्धि
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी नए प्रकार के कारण हो सकता है. साथ ही आम आदमी के ढीले-ढाले रवैये के कारण हो सकता है.

गुलाटी ने कहा, जिन देशों में नए स्ट्रेन ज्यादा घातक पाए गए हैं, वहां नई लहर पुराने की तुलना में ज्यादा प्रचंड है. भारत में नए मामले ज्यादा नहीं हैं, जिसका कारण टीकाकरण अभियान और वर्तमान स्ट्रेन का कम संक्रामक होना है.

संक्रमण के नए मामलों का सात दिनों का औसत भारत में 67 फीसदी बढ़ा है. 11 फरवरी तक एक सप्ताह में जहां औसत मामला 10,988 था, वहीं बुधवार को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़कर औसतन रोजाना 18,371 हो गया.

कोरोना की नई लहर की चेतावनी
सीएसआईआर सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मोलेक्यूलर बायोलॉजी के निदेशक राकेश मिश्रा ने चेतावनी दी कि अगर वर्तमान रुख बना रहता है तो नई लहर आ सकती है और यहां विकसित वायरस का नया प्रकार सामने आ सकता है.

यह भी पढ़ें- देश में कोरोना वायरस वैक्सीन की कोई कमी नहीं है : स्वास्थ्य मंत्रालय

मिश्रा ने कहा, नई लहर की संभावना है. फिलहाल यह कई राज्यों में हो रहा है, जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है. लेकिन कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन कर इससे बचा जा सकता है.

विषाणु विज्ञानी उपासना राय ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि वर्तमान में दूसरी लहर चल रही है, लेकिन कहा कि मामलों में बढ़ोतरी का रुख बना हुआ है.

(पीटीआई-भाषा)

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