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चीन में फंसे 39 नाविकों के मुद्दे को तत्परता से उठा रहा है भारत : विदेश मंत्रालय

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Published : Jan 1, 2021, 6:39 PM IST

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन के जलक्षेत्र में फंसे दो जहाजों और उन पर सवार चालक दल के 39 भारतीय सदस्यों के मुद्दे का जल्द समाधान निकालने के लिए भारतीय उच्चायोग चीनी प्रशासन के साथ लगातार सम्पर्क में है. बयान में कहा गया है कि भारत के राजदूत ने व्यक्तिगत तौर पर चीन के विदेश उपमंत्री के समक्ष इस मामले को उठाया है.

विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली : भारतीय उच्चायोग पिछले कुछ महीनों से चीन के जलक्षेत्र में फंसे दो जहाजों एवं उन पर सवार चालक दल के 39 भारतीय सदस्यों की मानवीय जरूरतों का ध्यान रखने और इस मुद्दे का जल्द समाधान निकालने के लिए चीनी प्रशासन के साथ लगातार सम्पर्क में है. इसके अलावा विदेश मंत्रालय भी नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास से सम्पर्क बनाए हुए है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने एक बयान में कहा कि मालवाहक पोत एमवी जग आनंद 13 जून से चीन के हुबेई प्रांत में जिंगटांग बंदरगाह के पास खड़ा है और उस पर 23 भारतीय नागरिक चालक दल के रूप में सवार हैं.

उन्होंने बताया कि एक अन्य पोत एमवी अनासतासिया पर 16 भारतीय नागरिक चालक दल के रूप में हैं और यह 20 सितंबर से चीन के कोओफिदियन बंदरगाह के पास खड़ा है और माल के निपटारे का इंतजार कर रहा है.

उन्होंने कहा कि इस अप्रत्याशित स्थिति के कारण चालक दल के सदस्य काफी दबाव में हैं और ऐसी स्थिति में इन दोनों मामलों को तत्परता से आगे बढ़ाया जा रहा है.

श्रीवास्तव ने कहा, 'हम समझते हैं कि दूसरे देशों के कई अन्य जहाज अपना माल उतारने की बारी का इंतजार कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि बीजिंग में हमारे उच्चायोग ने लगातार इन दोनों मामलों को चीन के विदेश मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष उठाया है और उनसे आग्रह कर रहा है कि जहाज को लंगर डालने और / या चालक दल को बदलने की अनुमति दी जाए.

उन्होंने बताया कि भारत के राजदूत ने व्यक्तिगत तौर पर चीन के विदेश उपमंत्री के समक्ष इस मामले को उठाया है. मंत्रालय भी इस मुद्दे पर चीनी उच्चायोग के सम्पर्क में है.

श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी प्रशासन ने हमें बताया है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर कई तरह के प्रतिबंध लगाने के कारण इन बंदरगाहों पर चालक दल में बदलाव की अनुमति नहीं दी गई.

उन्होंने कहा कि चीन के विदेश मंत्रालय ने नवंबर 2020 में बताया था कि जिंगटांग बंदरगाह पर चालक दल में बदलाव व्यवहार्य नहीं है और जहाज कंपनी के मालिक/एजेंट चीन के तियानजिन बंदरगाह पर चालक दल में बदलाव के लिए आवेदन कर सकते हैं तथा स्थानीय प्रशासन अनुरोध प्राप्त होने पर इस पर विचार करेगा.

प्रवक्ता ने कहा कि संबंधित जहाज कंपनियों से चालक दल में बदलाव को लेकर तेजी से आवेदन करने को कहा गया है. जहाज कंपनियां जहाज को वर्तमान स्थिति से लंगर तक ले जाने के लिए लॉजिस्टिक सुविधाओं के बारे में आकलन कर रही हैं, वहीं हमारा उच्चायोग तियानजिन में संबंधित प्राधिकार के साथ चालक दल में बदलाव की मंजूरी को लेकर सम्पर्क में है.

पढ़ें- शिवसेना का पीएम को पत्र, चीन में फंसे 39 नाविकों को लाया जाए वापस

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम समझते हैं कि एमवी अनासतासिया समुद्र में कोओफिदियन बंदरगाह पर वर्तमान स्थिति से ही चालक दल में बदलाव की संभावना तलाश रहा है.

उन्होंने कहा कि हमारे उच्चायोग ने गुरुवार को चीनी प्राधिकारियों को विकल्प का प्रस्ताव दिया और इस बारे में उनसे मंजूरी मांगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने चीन के विदेश मामलों के मंत्रालय के बयान को देखा है, जो जरूरी सुविधा एवं मदद पहुंचाने को लेकर है.

उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जहाज पर उत्पन्न मानवीय स्थिति को देखते हुए यह सहायता तत्परता तथा व्यवहारिक एवं समयबद्ध तरीके से प्रदान की जाएगी. श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार इस गतिरोध का जल्द समाधान निकालने के साथ चालक दल की मानवीय जरूरतों का ध्यान रखने के लिए चीनी प्रशासन के साथ नियमित सम्पर्क बनाए हुए है.

नई दिल्ली : भारतीय उच्चायोग पिछले कुछ महीनों से चीन के जलक्षेत्र में फंसे दो जहाजों एवं उन पर सवार चालक दल के 39 भारतीय सदस्यों की मानवीय जरूरतों का ध्यान रखने और इस मुद्दे का जल्द समाधान निकालने के लिए चीनी प्रशासन के साथ लगातार सम्पर्क में है. इसके अलावा विदेश मंत्रालय भी नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास से सम्पर्क बनाए हुए है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने एक बयान में कहा कि मालवाहक पोत एमवी जग आनंद 13 जून से चीन के हुबेई प्रांत में जिंगटांग बंदरगाह के पास खड़ा है और उस पर 23 भारतीय नागरिक चालक दल के रूप में सवार हैं.

उन्होंने बताया कि एक अन्य पोत एमवी अनासतासिया पर 16 भारतीय नागरिक चालक दल के रूप में हैं और यह 20 सितंबर से चीन के कोओफिदियन बंदरगाह के पास खड़ा है और माल के निपटारे का इंतजार कर रहा है.

उन्होंने कहा कि इस अप्रत्याशित स्थिति के कारण चालक दल के सदस्य काफी दबाव में हैं और ऐसी स्थिति में इन दोनों मामलों को तत्परता से आगे बढ़ाया जा रहा है.

श्रीवास्तव ने कहा, 'हम समझते हैं कि दूसरे देशों के कई अन्य जहाज अपना माल उतारने की बारी का इंतजार कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि बीजिंग में हमारे उच्चायोग ने लगातार इन दोनों मामलों को चीन के विदेश मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष उठाया है और उनसे आग्रह कर रहा है कि जहाज को लंगर डालने और / या चालक दल को बदलने की अनुमति दी जाए.

उन्होंने बताया कि भारत के राजदूत ने व्यक्तिगत तौर पर चीन के विदेश उपमंत्री के समक्ष इस मामले को उठाया है. मंत्रालय भी इस मुद्दे पर चीनी उच्चायोग के सम्पर्क में है.

श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी प्रशासन ने हमें बताया है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर कई तरह के प्रतिबंध लगाने के कारण इन बंदरगाहों पर चालक दल में बदलाव की अनुमति नहीं दी गई.

उन्होंने कहा कि चीन के विदेश मंत्रालय ने नवंबर 2020 में बताया था कि जिंगटांग बंदरगाह पर चालक दल में बदलाव व्यवहार्य नहीं है और जहाज कंपनी के मालिक/एजेंट चीन के तियानजिन बंदरगाह पर चालक दल में बदलाव के लिए आवेदन कर सकते हैं तथा स्थानीय प्रशासन अनुरोध प्राप्त होने पर इस पर विचार करेगा.

प्रवक्ता ने कहा कि संबंधित जहाज कंपनियों से चालक दल में बदलाव को लेकर तेजी से आवेदन करने को कहा गया है. जहाज कंपनियां जहाज को वर्तमान स्थिति से लंगर तक ले जाने के लिए लॉजिस्टिक सुविधाओं के बारे में आकलन कर रही हैं, वहीं हमारा उच्चायोग तियानजिन में संबंधित प्राधिकार के साथ चालक दल में बदलाव की मंजूरी को लेकर सम्पर्क में है.

पढ़ें- शिवसेना का पीएम को पत्र, चीन में फंसे 39 नाविकों को लाया जाए वापस

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम समझते हैं कि एमवी अनासतासिया समुद्र में कोओफिदियन बंदरगाह पर वर्तमान स्थिति से ही चालक दल में बदलाव की संभावना तलाश रहा है.

उन्होंने कहा कि हमारे उच्चायोग ने गुरुवार को चीनी प्राधिकारियों को विकल्प का प्रस्ताव दिया और इस बारे में उनसे मंजूरी मांगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने चीन के विदेश मामलों के मंत्रालय के बयान को देखा है, जो जरूरी सुविधा एवं मदद पहुंचाने को लेकर है.

उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जहाज पर उत्पन्न मानवीय स्थिति को देखते हुए यह सहायता तत्परता तथा व्यवहारिक एवं समयबद्ध तरीके से प्रदान की जाएगी. श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार इस गतिरोध का जल्द समाधान निकालने के साथ चालक दल की मानवीय जरूरतों का ध्यान रखने के लिए चीनी प्रशासन के साथ नियमित सम्पर्क बनाए हुए है.

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