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ईरान की कार्रवाई को हम समझ सकते हैं: विदेश मंत्रालय

MEA on Irans airstrikes in Pakistan:पाकिस्तान में ईरान के हवाई हमलों पर विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है. मंत्रालय ने कहा कि आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई को हम समझ सकते हैं. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

India's stance of zero tolerance towards terrorism is firm: External Affairs Ministry
भारत का आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का रुख अटल है: विदेश मंत्रालय
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 18, 2024, 9:48 AM IST

नई दिल्ली: ईरान द्वारा पाकिस्तान में हवाई हमला शुरू करने के एक दिन बाद, भारत ने बुधवार देर शाम कहा कि उसकी 'आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की स्थिति' अटल है. आगे कहा कि वह देशों द्वारा अपनी आत्मरक्षा में की जाने वाली कार्रवाइयों को समझता है. ऐसा तब हुआ जब ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान में आतंकवादी समूह के ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमले शुरू किए.

इससे मध्य पूर्व में और तनाव बढ़ गया क्योंकि गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध के कारण पहले से ही तनाव था. यह हमला इराक और सीरिया में इसी तरह के ईरानी हमलों के एक दिन बाद हुआ. मीडिया के एक सवाल के जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, 'यह ईरान और पाकिस्तान के बीच का मामला है. जहां तक भारत का सवाल है, आतंकवाद के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस की स्थिति अडिग है. हम कार्रवाई को समझ सकते हैं कि देश ने अपनी आत्मरक्षा की.'

इस बीच, विदेश मंत्री जयशंकर तेहरान की आधिकारिक यात्रा पर हैं जहां उन्होंने पश्चिम एशिया संकट और अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ईरानी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और अन्य ईरानी शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत की. इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ईरान द्वारा हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन और पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर हमले की निंदा की.

इसके परिणामस्वरूप दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं. इसमें कहा गया, 'पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.' पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह और भी चिंताजनक है कि पाकिस्तान और ईरान के बीच संचार के कई माध्यम मौजूद होने के बावजूद यह गैरकानूनी कृत्य हुआ है.

पाकिस्तान पहले ही तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज करा चुका है. इसके अतिरिक्त पाकिस्तान की संप्रभुता के घोर उल्लंघन की कड़ी निंदा करने के लिए ईरानी प्रभारी को विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से ईरान की होगी. जैश अल-अदल, या 'न्याय की सेना', 2012 में स्थापित एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो बड़े पैमाने पर पाकिस्तान में संचालित होता है. ईरान ने सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है लेकिन पाकिस्तान पर मिसाइल और ड्रोन हमला ईरान के लिए अभूतपूर्व होगा.

ये भी पढ़ें- ईरान के हमले को पाकिस्तान ने बताया 'अकारण', कहा- 2 बच्चों की हुई मौत

ये भी पढ़ें- जानें क्यों भिड़े दो मुस्लिम देश, पड़ोसी ईरान और पाकिस्तान के बीच बात 'बमबारी' तक कैसे पहुंची

नई दिल्ली: ईरान द्वारा पाकिस्तान में हवाई हमला शुरू करने के एक दिन बाद, भारत ने बुधवार देर शाम कहा कि उसकी 'आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की स्थिति' अटल है. आगे कहा कि वह देशों द्वारा अपनी आत्मरक्षा में की जाने वाली कार्रवाइयों को समझता है. ऐसा तब हुआ जब ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान में आतंकवादी समूह के ठिकानों को निशाना बनाते हुए हमले शुरू किए.

इससे मध्य पूर्व में और तनाव बढ़ गया क्योंकि गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध के कारण पहले से ही तनाव था. यह हमला इराक और सीरिया में इसी तरह के ईरानी हमलों के एक दिन बाद हुआ. मीडिया के एक सवाल के जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, 'यह ईरान और पाकिस्तान के बीच का मामला है. जहां तक भारत का सवाल है, आतंकवाद के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस की स्थिति अडिग है. हम कार्रवाई को समझ सकते हैं कि देश ने अपनी आत्मरक्षा की.'

इस बीच, विदेश मंत्री जयशंकर तेहरान की आधिकारिक यात्रा पर हैं जहां उन्होंने पश्चिम एशिया संकट और अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ईरानी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और अन्य ईरानी शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत की. इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ईरान द्वारा हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन और पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर हमले की निंदा की.

इसके परिणामस्वरूप दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं. इसमें कहा गया, 'पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.' पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह और भी चिंताजनक है कि पाकिस्तान और ईरान के बीच संचार के कई माध्यम मौजूद होने के बावजूद यह गैरकानूनी कृत्य हुआ है.

पाकिस्तान पहले ही तेहरान में ईरानी विदेश मंत्रालय के संबंधित वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज करा चुका है. इसके अतिरिक्त पाकिस्तान की संप्रभुता के घोर उल्लंघन की कड़ी निंदा करने के लिए ईरानी प्रभारी को विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से ईरान की होगी. जैश अल-अदल, या 'न्याय की सेना', 2012 में स्थापित एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो बड़े पैमाने पर पाकिस्तान में संचालित होता है. ईरान ने सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है लेकिन पाकिस्तान पर मिसाइल और ड्रोन हमला ईरान के लिए अभूतपूर्व होगा.

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