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भारत ने UNSC में इजरायल और वेस्ट बैंक में हाल के आतंकवाद पर चिंता जताई

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Published : Sep 29, 2022, 4:37 PM IST

Updated : Sep 29, 2022, 4:53 PM IST

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने इजरायल और वेस्ट बैंक में हाल में हुई आतंकवादी घटनाओं को लेकर चिंता जताई. यूएनएससी में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिका कंबोज (Ruchira Kamboj) ने उक्त बातें कहीं. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चन्द्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

Ruchika Kamboj, Permanent Representative of India to UNSC
यूएनएससी में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिका कंबोज

नई दिल्ली: भारत ने फिलिस्तीन में नागरिकों पर हिंसा और हमलों को पूरी तरह से बंद करने के अपने आह्वान को दोहराते हुए इजरायल और वेस्ट बैंक में हाल के आतंक के कृत्यों और हिंसा की घटनाओं के बारे में चिंता जताई. फिलिस्तीन को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की गुरुवार को हुई बैठक में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिका कंबोज (Ruchira Kamboj) ने कहा कि भारत लोगों के मारे जाने में विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को लेकर चिंतित है और हिंसा और नागरिकों पर हमलों को पूरी तरह से बंद करने के अपने आह्वान को दोहराता है.उन्होंने कहा कि इसी तरह हाल ही में इजरायल और वेस्ट बैंक में आतंक और हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की.

कंबोज ने कहा कि हम उत्तेजक कार्रवाई और बयानबाजी की वजह से यरुशलम के पवित्र स्थलों के आसपास के तनाव से भी हम अवगत हैं. उन्होंने कहा कि यरुशलम के पवित्र स्थानों पर ऐतिहासिक और कानूनी स्थिति का सम्मान करने और उसे बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विशेष समन्वयक ने जिन विभिन्न कार्यों की पहचान की है, वे भी जारी हैं. इन्हें रोकने की जरूरत है. भारतीय दूत ने आगे कहा कि फिलिस्तीनियों को गंभीर आर्थिक और मानवीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से फिलिस्तीनी आबादी को मानवीय सहायता के निर्बाध वितरण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

भारत ने UNSC में इजरायल और वेस्ट बैंक में हाल के आतंकवाद पर चिंता जताई

उन्होंने द्विपक्षीय विकास साझेदारी के माध्यम से फिलिस्तीनी लोगों को भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, उद्यमिता और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे व्यापक क्षेत्र शामिल हैं. बता दें कि फिलिस्तीनी छात्रों और फिलिस्तीन प्राधिकरण के अधिकारियों को हर साल प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. वहीं संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के तहत फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए छात्रवृत्ति भी दी जाती है.

भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिका कंबोज ने कहा कि भारत अपनी विकासात्मक पहलों में जमीनी स्तर के फिलीस्तीनी संस्थानों का भी समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा समर्थन यूएनआरडब्ल्यूए को उसकी मानवीय सेवाओं के लिए भी प्रदान करता है. यूएनआरडब्ल्यूए की वर्तमान वित्तीय स्थिति को स्वीकार करते हुए, हमने अपने 2022 के 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान के संवितरण को आगे बढ़ाया है.

रुचिरा कंबोज ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच राजनीतिक वार्ता की आवश्यकता का आह्वान करते हुए कहा कि इजरायल के साथ शांति से कंधे से कंधा मिलाकर सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राज्य की स्थापना की दिशा में सीधी बातचीत फिर से शुरू की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि बातचीत से दो-राज्य समाधान का कोई अन्य विकल्प नहीं है, और इस संदर्भ में भारत ने पिछले सप्ताह महासभा में इजरायल के प्रधानमंत्री द्वारा दो-राज्य समाधान का समर्थन करने वाले बयान का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत इन वार्ताओं को फिर से शुरू करने और दो-राज्य समाधान प्राप्त करने के लिए शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए अंतररराष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए सभी राजनयिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है.

ये भी पढ़ें - भारत और अमेरिका संबंध आज शेष विश्व को प्रभावित करते हैं: एस जयशंकर

नई दिल्ली: भारत ने फिलिस्तीन में नागरिकों पर हिंसा और हमलों को पूरी तरह से बंद करने के अपने आह्वान को दोहराते हुए इजरायल और वेस्ट बैंक में हाल के आतंक के कृत्यों और हिंसा की घटनाओं के बारे में चिंता जताई. फिलिस्तीन को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की गुरुवार को हुई बैठक में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिका कंबोज (Ruchira Kamboj) ने कहा कि भारत लोगों के मारे जाने में विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को लेकर चिंतित है और हिंसा और नागरिकों पर हमलों को पूरी तरह से बंद करने के अपने आह्वान को दोहराता है.उन्होंने कहा कि इसी तरह हाल ही में इजरायल और वेस्ट बैंक में आतंक और हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की.

कंबोज ने कहा कि हम उत्तेजक कार्रवाई और बयानबाजी की वजह से यरुशलम के पवित्र स्थलों के आसपास के तनाव से भी हम अवगत हैं. उन्होंने कहा कि यरुशलम के पवित्र स्थानों पर ऐतिहासिक और कानूनी स्थिति का सम्मान करने और उसे बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विशेष समन्वयक ने जिन विभिन्न कार्यों की पहचान की है, वे भी जारी हैं. इन्हें रोकने की जरूरत है. भारतीय दूत ने आगे कहा कि फिलिस्तीनियों को गंभीर आर्थिक और मानवीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से फिलिस्तीनी आबादी को मानवीय सहायता के निर्बाध वितरण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

भारत ने UNSC में इजरायल और वेस्ट बैंक में हाल के आतंकवाद पर चिंता जताई

उन्होंने द्विपक्षीय विकास साझेदारी के माध्यम से फिलिस्तीनी लोगों को भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, उद्यमिता और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे व्यापक क्षेत्र शामिल हैं. बता दें कि फिलिस्तीनी छात्रों और फिलिस्तीन प्राधिकरण के अधिकारियों को हर साल प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. वहीं संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के तहत फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए छात्रवृत्ति भी दी जाती है.

भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिका कंबोज ने कहा कि भारत अपनी विकासात्मक पहलों में जमीनी स्तर के फिलीस्तीनी संस्थानों का भी समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा समर्थन यूएनआरडब्ल्यूए को उसकी मानवीय सेवाओं के लिए भी प्रदान करता है. यूएनआरडब्ल्यूए की वर्तमान वित्तीय स्थिति को स्वीकार करते हुए, हमने अपने 2022 के 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान के संवितरण को आगे बढ़ाया है.

रुचिरा कंबोज ने इजरायल और फिलिस्तीन के बीच राजनीतिक वार्ता की आवश्यकता का आह्वान करते हुए कहा कि इजरायल के साथ शांति से कंधे से कंधा मिलाकर सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राज्य की स्थापना की दिशा में सीधी बातचीत फिर से शुरू की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि बातचीत से दो-राज्य समाधान का कोई अन्य विकल्प नहीं है, और इस संदर्भ में भारत ने पिछले सप्ताह महासभा में इजरायल के प्रधानमंत्री द्वारा दो-राज्य समाधान का समर्थन करने वाले बयान का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत इन वार्ताओं को फिर से शुरू करने और दो-राज्य समाधान प्राप्त करने के लिए शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए अंतररराष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए सभी राजनयिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है.

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Last Updated : Sep 29, 2022, 4:53 PM IST
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