नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को राजदूतों के एक सम्मेलन में कहा कि मेक इन इंडिया की दिशा में भारत के राष्ट्रीय प्रयास न तो अलगाववादी हैं और न ही वे केवल देश के लिए केंद्रित हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत विश्व व्यवस्था की पदानुक्रमित अवधारणा में विश्वास नहीं करता जिसमें कुछ देशों को दूसरों से श्रेष्ठ माना जाता है. एशिया की सबसे बड़ी विमानन प्रदर्शनी के तौर पर देखे जाने वाले आगामी 'एयरो इंडिया' के बारे में राजदूतों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंध मानवीय समानता और गरिमा के मूल तत्व द्वारा निर्देशित हैं.'
सिंह ने कहा, 'हम ग्राहक या उपग्रह (अलग-थलग) राष्ट्र बनाने या बनने में विश्वास नहीं करते हैं और इसलिए जब हम किसी राष्ट्र के साथ साझेदारी करते हैं तो यह संप्रभु समानता और आपसी सम्मान के आधार पर होता है.' रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता की पहल अपने सहयोगी देशों के साथ साझेदारी के नए प्रतिमान की शुरुआत है. उन्होंने कहा, मेक इन इंडिया की दिशा में हमारे राष्ट्रीय प्रयास न तो खुद को अलग-थलग करने वाले हैं, और न ही वे अकेले भारत के लिए है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया में मेक फॉर द वर्ल्ड भी शामिल है. भारत वर्ल्ड ऑर्डर में विश्वास नहीं करता है, जहां कुछ देशों को दूसरों से श्रेष्ठ माना जाता है. जब हम किसी देश के साथ पार्टनरशिप करते हैं तो यह समानता और आपसी सम्मान के आधार पर होता है. उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में जी20 की अध्यक्षता कर रहा है. जी-20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से ज्यादा और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं.
रक्षा मंत्री ने कर्नाटक के बेंगलुरु में 13 से 17 फरवरी तक आयोजित होने वाले एयरो इंडिया 2023 में भाग लेने के लिए विदेशी देशों को आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि एयरो इंडिया सूचना के साथ ही विचारों के आदान-प्रदान का एक अच्छ अवसर प्रदान करेगा.
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