नई दिल्ली : लद्दाख में 14 कोर कमांडर के रूप में अपनी नई पोस्टिंग (New posting as 14 Corps Commander) के सिर्फ पांच दिन बीतने के बाद ही लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता (Lt Gen Anindya Sengupta) 14वें दौर की वार्ता का नेतृत्व करेंगे. इससे पहले पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच की दो वार्ताओं में वे 'चुपचाप' भाग ले चुके हैं.
बीते मंगलवार को ही उन्होंने लेह स्थित 14 'फायर एंड फ्यूरी' कोर की कमान (Commanded 14 'Fire and Fury' Corps) संभाली है. लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता सीनियर कमांडर व बतौर लेफ्टिनेंट-जनरल भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पहले 12वें-13वें दौर की बातचीत का हिस्सा रह चुके हैं.
इन वार्ताओं में उन्होंने लो प्रोफाइल बनाए रखा ताकि पीएलए (PLA) द्वारा अवांछित ध्यान आकर्षित न किया जा सके. उन्हें भारतीय प्रतिनिधिमंडल में इसलिए शामिल किया गया ताकि वे आसानी से पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकें.
एक सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि बातचीत में भाग लेने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल सेनगुप्ता (Lt Gen Sengupta) नई दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय से आए हैं, जहां वे पहले तैनात रहे. लेफ्टिनेंट जनरल सेनगुप्ता इस वार्ता का नेतृत्व करने वाले तीसरे कोर कमांडर हैं. इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल मेनन (Lt Gen Menon) ने 14 अक्टूबर 2020 को लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह (Lt Gen Harinder Singh) से पदभार ग्रहण किया था.
12वें व 13वें दौर की वार्ता जिसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया था. क्रमशः 31 जुलाई और 10 अक्टूबर को मोल्दो और चुशुल में हुई थी. लगभग 4360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चुशुल, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of actual control) पर अंतिम भारतीय सीमा चौकी है. जबकि पीएलए की सीमा चौकी मोल्दो है.
संभावना है कि दोनों पक्षों के बीच 14वें दौर की वार्ता 12 जनवरी 2022 को मोल्दो में हो सकती है क्योंकि मौजूदा प्रोटोकॉल यह है कि दोनों पक्ष बारी-बारी से एक-दूसरे की मेजबानी करते हैं. लेकिन 12 जनवरी की रिपोर्ट में मौसम की स्थिति के साथ बातचीत के शेड्यूलिंग में एक बड़ा 'लेकिन' है, जो अभी भी अनिश्चितता के दायरे में है.
सूत्र ने कहा कि बहुत अधिक बर्फबारी हो रही है और अगर ऐसा जारी रहा तो भारतीय प्रतिनिधिमंडल को ले जाने वाले हेलीकॉप्टर के लिए उतरना मुश्किल हो जाएगा. ऊंचाई के कारण ऑक्सीजन की कमी के अलावा पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर रात का तापमान माइनस 40 डिग्री से नीचे तक गिर जाता है. जहां पिछले एक साल से एशियाई दिग्गजों द्वारा लामबंदी शुरू होने के बाद 100000 से अधिक भारतीय और चीनी सैनिक तैनात हैं.
आमतौर पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल लेह से मोल्दो में हेलीपैड के लिए हेलीकॉप्टर में उड़ान भरता है. 14 कोर कमांडर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव, DGMO से एक ब्रिगेडियर-रैंक के अधिकारी शामिल हैं. इसके अलावा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) सहित स्थानीय सैन्य प्रतिनिधि शामिल हैं, जो भारत की रक्षा के लिए अनिवार्य हैं.
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लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन की सीमा पर ITBP की टीमें सेना के साथ संयुक्त रूप से काम करती हैं. चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियान सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल यांग लिनो करेंगे.