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लद्दाख में गोगरा से सैनिकों की वापसी पर विचार कर रहे भारत-चीन -

भारत और चीन (India and China ) अगले कुछ दिनों में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( Line of Actual Control) (एलएसी) पर गोगरा में एक फ्रिक्शन प्वाइंट से सैनिकों को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं. बता दें कि दोनों देशों के बीच अब तक के बीच सीमा पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए 12 दौर की वरिष्ठ कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है.

लद्दाख में गोगरा
लद्दाख में गोगरा
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Published : Aug 4, 2021, 8:04 PM IST

नई दिल्ली : भारत और चीन (India and China ) अगले कुछ दिनों में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( Line of Actual Control) (एलएसी) पर गोगरा में एक फ्रिक्शन प्वाइंट से सैनिकों को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं. यह जारी सीमा संकट को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. गोगरा में पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 17ए से सैनिकों की वापसी पर अंतिम निर्णय सैन्य और राजनयिक पदानुक्रम के शीर्ष अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा.

दोनों देश 31 जुलाई को कॉर्प कमांडर-स्तरीय बैठक के 12 दौर के दौरान सुझाई गई अंतरिम व्यवस्थाओं का भी मूल्यांकन कर रहे हैं.

भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 12वें दौर के संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि वे पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर स्थिरता सुनिश्चित करने और संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने के अपने प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे.

31 जुलाई को भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियो ने लद्दाख क्षेत्र के मोल्दो में सीमा संकट को हल करने के लिए लगभग नौ घंटे तक विचार-विमर्श किया.

भारतीय सेना ने कहा कि बैठक का यह दौर 14 जुलाई को दुशांबे में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक और भारत-चीन सीमा मामलों (डब्लूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 22वीं बैठक के बाद आयोजित किया गया था.

भारतीय सेना ने बयान में कहा, 'दोनों पक्षों के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विघटन से संबंधित शेष क्षेत्रों के समाधान पर विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान हुआ.'

यह भी पढ़ें- India China LAC Dispute : कोर कमांडर स्तर की वार्ता आज

बल ने आगे कहा कि दोनों पक्षों ने नोट किया कि बैठक का यह दौर रचनात्मक था, जिसने आपसी समझ को और बढ़ाया. वे मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और बातचीत और वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए.

दोनों देशों के बीच तीन महीने के अंतराल के बाद बातचीत हुई. भारतीय सैन्य प्रतिनिधियों ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और 900 वर्ग किमी देपसांग मैदानों जैसे घर्षण क्षेत्रों में विघटन पर चर्चा की.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : भारत और चीन (India and China ) अगले कुछ दिनों में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( Line of Actual Control) (एलएसी) पर गोगरा में एक फ्रिक्शन प्वाइंट से सैनिकों को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं. यह जारी सीमा संकट को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. गोगरा में पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 17ए से सैनिकों की वापसी पर अंतिम निर्णय सैन्य और राजनयिक पदानुक्रम के शीर्ष अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा.

दोनों देश 31 जुलाई को कॉर्प कमांडर-स्तरीय बैठक के 12 दौर के दौरान सुझाई गई अंतरिम व्यवस्थाओं का भी मूल्यांकन कर रहे हैं.

भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 12वें दौर के संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि वे पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर स्थिरता सुनिश्चित करने और संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने के अपने प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे.

31 जुलाई को भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियो ने लद्दाख क्षेत्र के मोल्दो में सीमा संकट को हल करने के लिए लगभग नौ घंटे तक विचार-विमर्श किया.

भारतीय सेना ने कहा कि बैठक का यह दौर 14 जुलाई को दुशांबे में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक और भारत-चीन सीमा मामलों (डब्लूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 22वीं बैठक के बाद आयोजित किया गया था.

भारतीय सेना ने बयान में कहा, 'दोनों पक्षों के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विघटन से संबंधित शेष क्षेत्रों के समाधान पर विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान हुआ.'

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बल ने आगे कहा कि दोनों पक्षों ने नोट किया कि बैठक का यह दौर रचनात्मक था, जिसने आपसी समझ को और बढ़ाया. वे मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और बातचीत और वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए.

दोनों देशों के बीच तीन महीने के अंतराल के बाद बातचीत हुई. भारतीय सैन्य प्रतिनिधियों ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और 900 वर्ग किमी देपसांग मैदानों जैसे घर्षण क्षेत्रों में विघटन पर चर्चा की.

(आईएएनएस)

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