नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर थमता नजर नहीं आ रहा है. अब बुधवार को भारत-चीन युद्ध का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन के तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व की कमजोरी का खामियाजा आज भी भारत को भुगतना पड़ रहा है.
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October 20 to November 21, 1962, will forever be etched as a dark and humiliating chapter in the history of Independent India.
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) October 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
That was the time when thousands of Indians and numerous members of our armed forces paid with their lives for the delusional 'Hindi-Chini bhai bhai'… pic.twitter.com/nHRK4w5C8y
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— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) October 25, 2023
That was the time when thousands of Indians and numerous members of our armed forces paid with their lives for the delusional 'Hindi-Chini bhai bhai'… pic.twitter.com/nHRK4w5C8yOctober 20 to November 21, 1962, will forever be etched as a dark and humiliating chapter in the history of Independent India.
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That was the time when thousands of Indians and numerous members of our armed forces paid with their lives for the delusional 'Hindi-Chini bhai bhai'… pic.twitter.com/nHRK4w5C8y
राजीव चन्द्रशेखर ने एक्स पर पोस्ट किया कि 20 अक्टूबर से 21 नवंबर, 1962, स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक काले और अपमानजनक अध्याय के रूप में हमेशा अंकित रहेगा. यही वह समय था जब हजारों भारतीयों और हमारे सशस्त्र बलों के असंख्य सदस्यों ने भ्रामक 'हिंदी-चीनी भाई भाई की नीति' के लिए अपने जीवन की कीमत चुकाई थी. उन्होंने कहा कि यह पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके वामपंथी रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन के तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व की विफलता का प्रमाण था.
राजीव चन्द्रशेखर ने आगे आरोप लगाया कि यह कमजोर नेतृत्व ही था जिसने हमारे सशस्त्र बलों के मनोबल को अक्षम्य क्षति पहुंचाई. उन्होंने कहा कि भारत को इस कमजोर और भ्रमित नेतृत्व की कीमत चुकानी पड़ी. हमारे गौरवान्वित देश को वैश्विक अपमान सहना पड़ा. इससे हमारे सशस्त्र बलों के मनोबल को अक्षम्य क्षति हुई, जो कम सुसज्जित होने के बावजूद, आखिरी गोली तक और संगीनों के साथ और नंगे हाथ भी बहादुरी से लड़े. जिससे दुश्मनों को भारी नुकसान हुआ. कई नायकों ने भारत की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी और अपने जीवन का बलिदान दिया.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में वह और भी तथ्य पोस्ट करेंगे जो उन यादों को ताजा कर देंगे जो देश ने कमजोर नेताओं के कारण झेले हैं. राजीव चन्द्रशेखर ने एक्स पर लिखा कि हम कमजोर नेतृत्व के विनाशकारी प्रभाव को हमेशा याद रखेंगे और कभी नहीं भूलेंगे. जिसके कारण हमारे बहादुरों को बलिदान देना पड़ा. इसके परिणामस्वरूप भारत की लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर भूमि भी छीन ली गई. भारत को फिर कभी ऐसा नहीं झेलना पड़ेगा. यह पीएम नरेंद्र मोदी जी का न्यूइंडिया है.
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इससे पहले 14 अक्टूबर को राजीव चंद्रशेखर ने भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि और कहा था कि भ्रष्टाचार ही कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य और उद्देश्य है. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि भ्रष्टाचार कांग्रेस के डीएनए में समाहित है. उन्होंने कहा था कि ठेकेदारों ने यह कहानी फैलाई कि भाजपा सरकार में 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार है. दुर्भाग्य से कर्नाटक के मतदाता इससे गुमराह हो गए.