ETV Bharat / bharat

भारत ने अक्टूबर 2023 तक चीनी निर्यात पर लगाया बैन - चीनी विपणन सत्र 2022 23

दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत अगले एक साल में कुछ अपवादों को छोड़कर चीनी का निर्यात नहीं करेगा. निर्यात का यह प्रतिबंध कच्ची चीनी, रिफाइंड चीनी और सफेद चीनी पर लगाया गया है. 24 मई 2022 को सबसे पहले यह प्रतिबंध लागू किया गया था.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Oct 29, 2022, 12:22 PM IST

Updated : Oct 29, 2022, 4:50 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बनाए रखने के मकसद से इसके निर्यात पर लगी पाबंदियों को अगले साल 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है (Restriction on export of sugar). चीनी निर्यात (sugar export) पर लगी बंदिशें इस साल 31 अक्टूबर को ही खत्म होने वाली थीं. लेकिन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अब इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया है.

डीजीएफटी ने शुक्रवार शाम को जारी एक अधिसूचना में इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'कच्ची, रिफाइंड और सफेद चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियों को 31 अक्टूबर, 2022 से आगे 31 अक्टूबर, 2023 या फिर अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे संबंधित बाकी सारी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी.' हालांकि सरकार ने यह साफ किया है कि ये पाबंदियां यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका को सीएक्सएल और टीआरक्यू शुल्क रियायत कोटा के तहत किए जाने वाले निर्यात पर लागू नहीं होंगी. इन दोनों बाजारों में सीएक्सएल और टीआरक्यू व्यवस्था के तहत एक तय मात्रा में चीनी निर्यात की जाती है.

एक निर्यातक को चीनी निर्यात करने के लिए सरकार से लाइसेंस यानी अनुमति की जरूरत होगी. चीनी निर्यात के प्रतिबंधित वस्तुओं की श्रेणी में आती है. भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ इस साल दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी रहा है. चीनी उद्योग मंडल इस्मा ने कहा है कि चीनी विपणन सत्र 2022-23 में देश का चीनी उत्पादन 3.65 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में दो प्रतिशत अधिक होगा. इथेनॉल के लिए अधिक डायवर्जन के बावजूद उत्पादन में अनुमानित वृद्धि के साथ इस्मा को इस सत्र में लगभग 90 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है.

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने चालू चीनी सत्र के लिए अपना पहला अनुमान जारी करते हुए कहा, 'गन्ने के शीरे या सिरप और बी-शीरा को इथेनॉल में बदलने के कारण चीनी उत्पादन में 45 लाख टन की कमी करने के बाद वर्ष 2022-23 में 3.65 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान है.' निर्यात के बारे में, उद्योग निकाय ने कहा है कि इस साल भारतीय चीनी के लिए निर्यात की संभावना कम प्रतीत होती है क्योंकि ब्राजील की चीनी मई 2023 तक वैश्विक बाजार में आ जाएगी.

इसके अलावा, अधिकांश चीनी मिलें चालू सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में निर्यात आपूर्ति के लिए पहले ही चीनी का अनुबंध कर चुकी हैं. इसलिए, सरकार द्वारा चीनी निर्यात नीति की शीघ्र घोषणा की अत्यधिक सराहना की जानी चाहिए. दक्षिणी भारत में गन्ने की पेराई शुरू हो गई है और अन्य क्षेत्रों में भी जल्द ही पेराई शुरू होने की उम्मीद है. इसलिए, कुछ महीनों के बाद एक बेहतर तस्वीर सामने आएगी जब पैदावार और चीनी की प्राप्ति के स्तर की वास्तविक प्रवृत्ति का पता हो जाएगा. स्थापित परंपरा के तहत इस्मा जनवरी 2023 में गन्ने और चीनी उत्पादन अनुमानों की एक बार फिर समीक्षा करेगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बनाए रखने के मकसद से इसके निर्यात पर लगी पाबंदियों को अगले साल 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है (Restriction on export of sugar). चीनी निर्यात (sugar export) पर लगी बंदिशें इस साल 31 अक्टूबर को ही खत्म होने वाली थीं. लेकिन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अब इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया है.

डीजीएफटी ने शुक्रवार शाम को जारी एक अधिसूचना में इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'कच्ची, रिफाइंड और सफेद चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियों को 31 अक्टूबर, 2022 से आगे 31 अक्टूबर, 2023 या फिर अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे संबंधित बाकी सारी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी.' हालांकि सरकार ने यह साफ किया है कि ये पाबंदियां यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका को सीएक्सएल और टीआरक्यू शुल्क रियायत कोटा के तहत किए जाने वाले निर्यात पर लागू नहीं होंगी. इन दोनों बाजारों में सीएक्सएल और टीआरक्यू व्यवस्था के तहत एक तय मात्रा में चीनी निर्यात की जाती है.

एक निर्यातक को चीनी निर्यात करने के लिए सरकार से लाइसेंस यानी अनुमति की जरूरत होगी. चीनी निर्यात के प्रतिबंधित वस्तुओं की श्रेणी में आती है. भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ इस साल दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी रहा है. चीनी उद्योग मंडल इस्मा ने कहा है कि चीनी विपणन सत्र 2022-23 में देश का चीनी उत्पादन 3.65 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में दो प्रतिशत अधिक होगा. इथेनॉल के लिए अधिक डायवर्जन के बावजूद उत्पादन में अनुमानित वृद्धि के साथ इस्मा को इस सत्र में लगभग 90 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है.

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने चालू चीनी सत्र के लिए अपना पहला अनुमान जारी करते हुए कहा, 'गन्ने के शीरे या सिरप और बी-शीरा को इथेनॉल में बदलने के कारण चीनी उत्पादन में 45 लाख टन की कमी करने के बाद वर्ष 2022-23 में 3.65 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान है.' निर्यात के बारे में, उद्योग निकाय ने कहा है कि इस साल भारतीय चीनी के लिए निर्यात की संभावना कम प्रतीत होती है क्योंकि ब्राजील की चीनी मई 2023 तक वैश्विक बाजार में आ जाएगी.

इसके अलावा, अधिकांश चीनी मिलें चालू सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में निर्यात आपूर्ति के लिए पहले ही चीनी का अनुबंध कर चुकी हैं. इसलिए, सरकार द्वारा चीनी निर्यात नीति की शीघ्र घोषणा की अत्यधिक सराहना की जानी चाहिए. दक्षिणी भारत में गन्ने की पेराई शुरू हो गई है और अन्य क्षेत्रों में भी जल्द ही पेराई शुरू होने की उम्मीद है. इसलिए, कुछ महीनों के बाद एक बेहतर तस्वीर सामने आएगी जब पैदावार और चीनी की प्राप्ति के स्तर की वास्तविक प्रवृत्ति का पता हो जाएगा. स्थापित परंपरा के तहत इस्मा जनवरी 2023 में गन्ने और चीनी उत्पादन अनुमानों की एक बार फिर समीक्षा करेगा.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Oct 29, 2022, 4:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.